मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कई बार नक्सलियों से बातचीत की पेशकश कर चुके हैं.
रायपुर. छत्तीसगढ़ से नक्सल संगठन से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है. दरअसल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पेशकश पर नक्सली सरकार से बातचीत के लिए तैयार हो गए हैं. इस बीच नक्सलियों ने सरकार से सशर्त बातचीत को लेकर एक पत्र जारी किया है. यह पत्र नक्सलियों के दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता विकल्प के नाम से जारी किया गया है, जिसमें उनकी ओर से सरकार की वार्ता पेशकश को सशर्त स्वीकार करना लिखा गया है.
बता दें कि 4 मई को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जनता से भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के लिए बलरामपुर रवाना हुए. इस दौरान राजधानी रायपुर में हेलीपैड पर मीडिया से चर्चा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नक्सलियों से वार्ता की पेशकश की थी. मुख्यमंत्री ने कहा था कि यदि नक्सली हिंसा और हथियार छोड़कर वार्ता करना चाहें तो सरकार हरदम तैयार है. मुख्यमंत्री के इसी पेशकश का हवाला देते हुए नक्सलियों की ओर से एक पत्र जारी किया गया है. हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है, जब सरकार ने नक्सलियों से हथियार छोड़कर बातचीत की पेशकश की हो और उसके जवाब में नक्सलियों ने भी शर्त रखी हो. छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल के दौरान मुख्यमंत्री कई बार इस तरह की पेशकश कर चुके हैं, लेकिन संभवत: पहली बार इस मसले पर नक्सल संगठन की ओर से पहली बार प्रतिक्रिया जारी की गई है.
नक्सलियों ने रखी ये शर्तें
नक्सलियों ने मुख्यमंत्री के वार्ता के पेशकश को सशर्त किया स्वीकार किया है. वहीं,नक्सलियों ने शर्त रखी है कि पीएलजीए पर लगाये गए प्रतिबंध को हटाया जाए. इसके साथ ही नक्सल को खुलेआम काम करने के अवसर दिए जाएं. जंगलों में हवाई हमले बंद करने और संघर्षरत इलाकों में सशस्त्र बलों के कैम्पों को हटाया जाए. इसके अलावा जेलों में कैद नक्सल नेताओं को वार्ता के लिए रिहा करने की शर्त पर नक्सल संगठन राजी हुआ है.
पुलिस ने कही ये बात
बस्तर संभाग के पुलिस आईजी सुंदराज पी का कहना है कि भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) संगठन के दण्डाकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर शासन से शांतिवार्ता के लिए सशर्त पेशकश की गई है. शासन के निर्देश अनुसार क्षेत्र की जनता के हित के लिए बस्तर में तैनात पुलिस एवं सुरक्षा बलों द्वारा समर्पित होकर कार्य किया जा रहा है. बस्तर क्षेत्र में शांति व्यवस्था स्थापित किया जाना सभी के हित में है. माओवादी संगठन के साथ शांतिवार्ता शासन स्तर से संबंधित है. उम्मीद है कि बस्तर क्षेत्र में बहुत जल्दी शांति स्थापित होकर क्षेत्र की जनता के मंशा अनुरूप विकास कार्यों को गति प्रदान करने में हम सफल होंगे.
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