छत्तीसगढ़: राज्यसभा की 2 सीटें जीतने का भरोसा, मगर नाम ही तय नहीं कर पा रही कांग्रेस

कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाया है. (File Photo)
मालूम हो कि यह दोनों ही सीटें कांग्रेस के खाते में जाएंगी, लेकिन पार्टी अभी तक नाम तय नहीं कर पा रही है.
- News18 Chhattisgarh
- Last Updated: March 7, 2020, 12:43 PM IST
रायपुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में राज्यसभा (Rajya Sabha) के लिए दो सीटें खाली हो रही हैं. पहली सीट कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद मोतीलाल वोरा (Mitilal Vora) की खाली होगी. तो वहीं बीजेपी से राज्यसभा सांसद रणविजय सिंह जूदेव (Ranvijay Singh Judeo) का भी कार्यकाल पूरा हो रहा है. इधर, राज्यसभा के लिए नामांकन की प्रक्रिया भी शुक्रवार से शुरू हो गई है. यह प्रक्रिया 13 मार्च तक चलेगी. मालूम हो कि यह दोनों ही सीटें कांग्रेस के खाते में जाएंगी, लेकिन कांग्रेस अभी तक नाम तय नहीं कर पा रही है.
राज्यसभा के लिए नामांकन की प्रकिया शुरू होने के बाद इस बात पर सबसे ज्यादा दिलचस्पी शुरू हो गई है कि कांग्रेस से राज्यसभा के लिए कौन सा चेहरा होगा. दरअसल, कांग्रेस के पास 69 सीटें हैं, इसलिए कई लोगों की भी 'उम्मीद' जुड़ी हुई है. जिन्हें सत्ता में जगह मिली है वो तो उम्मीद लगाए बैठे ही हैं, जिन्हें सत्ता में जगह नहीं मिली वो भी टकटकी लगाए बैठे हैं.
कांग्रेस में कंफ्यूजन
जानकारों की मानें तो संगठन की भी अपनी पसंद है. कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि सत्ता और संगठन के बीच एकराय नहीं होने के कारण नाम अटका हुआ है. हालांकि चर्चा तो यह भी थी कि यहां से कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का भी नाम जा सकता है. हालांकि इस मामले में कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी का कहना है कि राज्यसभा की प्रक्रिया काफी बड़ी है. इसलिए मंथन की जरूरत है.वहीं बीजेपी (BJP) प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने का कहना है कि बीजेपी हार नहीं मानेगी. स्थिति जो भी हो वह भी प्रत्याशी खड़ा करेगी. बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस में नाम नहीं तय होने की मूल वजह गुटबाजी है. इस बीच राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिले की प्रक्रिया शुरू होने के बाद कांग्रेस में मंथन भी शुरू हो गया है. वहीं जो नेता राज्यसभा जाना चाहते हैं, उनकी दिल्ली तक दौड़ भी शुरू हो गई है. देखना यह है कि किन मापदंड के तहत नाम तय होता है.

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राज्यसभा के लिए नामांकन की प्रकिया शुरू होने के बाद इस बात पर सबसे ज्यादा दिलचस्पी शुरू हो गई है कि कांग्रेस से राज्यसभा के लिए कौन सा चेहरा होगा. दरअसल, कांग्रेस के पास 69 सीटें हैं, इसलिए कई लोगों की भी 'उम्मीद' जुड़ी हुई है. जिन्हें सत्ता में जगह मिली है वो तो उम्मीद लगाए बैठे ही हैं, जिन्हें सत्ता में जगह नहीं मिली वो भी टकटकी लगाए बैठे हैं.
कांग्रेस में कंफ्यूजन
जानकारों की मानें तो संगठन की भी अपनी पसंद है. कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि सत्ता और संगठन के बीच एकराय नहीं होने के कारण नाम अटका हुआ है. हालांकि चर्चा तो यह भी थी कि यहां से कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का भी नाम जा सकता है. हालांकि इस मामले में कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी का कहना है कि राज्यसभा की प्रक्रिया काफी बड़ी है. इसलिए मंथन की जरूरत है.वहीं बीजेपी (BJP) प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने का कहना है कि बीजेपी हार नहीं मानेगी. स्थिति जो भी हो वह भी प्रत्याशी खड़ा करेगी. बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस में नाम नहीं तय होने की मूल वजह गुटबाजी है. इस बीच राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिले की प्रक्रिया शुरू होने के बाद कांग्रेस में मंथन भी शुरू हो गया है. वहीं जो नेता राज्यसभा जाना चाहते हैं, उनकी दिल्ली तक दौड़ भी शुरू हो गई है. देखना यह है कि किन मापदंड के तहत नाम तय होता है.
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