रायपुर. इंदौर शहर में लोगों को पुलिस से ज्यादा नगर निगम का डर है और इसलिए इंदौर स्वच्छता में नंबर वन है. ये कहना है रायपुर महापौर एजाज ढेबर का जो हाल ही में नगर निगम की पूरी टीम के साथ इंदौर, चंडीगढ़ और मोहाली का दौरा कर लौटे हैं. रायपुर को देशभर के स्वच्छ शहरों में लाने के लिए नगर निगम की टीम स्वच्छता दौरे पर थी, जिसमें महापौर, सभापति, पार्षद और अधिकारी लौटे हैं. वापसी के बाद महापौर एजाज ढेबर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर अपने अनुभव साझा किये. इस दौरान रायपुर के सफाई में पिछड़ने का ठिकरा वे जनता पर ही फोड़ते नजर आए.
महापौर ढेबर ने बताया कि इंदौर में सफाई व्यवस्था के लिए ठेका प्रथा नहीं है. इंदौर में 19 जोन और 85 वार्ड हैं, 600 कचरा गाड़ी है. यहां नगर निगम की टीम ने प्रोसेसिंग प्लान का निरीक्षण किया. उन्होंने बताया कि इंदौर में 6 प्रकार के कचरे का कलेक्शन होता है. जबकि रायपुर में केवल सूखा और गीला कचरा ही इकट्ठा किया जाता है और एनजीओ के कार्यकर्ता खुद गाड़ी में बैठकर कचरा कलेक्शन के लिए निकलते हैं. शहर में लगने वाले फ्लैक्स को लेकर महापौर एजाज ढेबर में कहा कि रायपुर शहर फ्लैक्स वॉर से डर रहा है. मेयर ने खुद का उदाहरण देकर बताया कि मेरा जन्मदिन होता है तो आठ से दस दिनों तक शहर फ्लैक्स से भर जाता है.
जनता पर फोड़ा ठिकरा
मेयर ने कहा कि ये परम्परा ठीक नहीं है. इंदौर में फ्लैक्स के लिए नगर निगम से परमिशन लेना पड़ता है और रैली के 5 घंटे के भीतर फ्लैक्स को निकलवा लिया जाता है. रायपुर में कोई भी काम प्लानिंग के साथ नहीं होता. इंदौर का सफाई में नंबर वन आने का बड़ा कारण वहां के लोगों का जागरूक होना है. जबकि रायपुर में ऐसा नहीं है.
केन्द्र नहीं देती पर्याप्त फंड
महापौर ढेबर ने कहा कि रायपुर शहर को व्यवस्थित और साफ रखने के लिए 800 करोड़ रुपयों की जरूरत है और उन्होने कई बार केन्द्रीय मंत्री हरदीप पुरी को पत्र लिखा है, लेकिन रायपुर को जरूरी फंड अब तक केन्द्र से नहीं मिल पाया है. महापौर के साथ दौरे पर गयी नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे का इस बारे में कहना है कि ये सही है कि इंदौर की जनता जागरूक है, लेकिन रायपुर की जनता को जागरूक करने का काम नगर निगम का है. लेकिन इस बारे में कोई प्रयास नहीं किये गये. जबकि केन्द्र से फंड नहीं मिलने को लेकर मीनल चौबे ने कहा कि महापौर करना क्या चाहते ये खुद उन्हे नहीं मालूम अगर प्रस्तवा वे केन्द्र के पास भेजते तो उन्हे फंड जरूर मिलता.
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