अब छत्तीसगढ़ अपन सांस्कृतिक सम्पन्नता के सेती जाने जावत हे. एखर पहिचान समृद्ध किसान मन ले होवत हे. हमर चिन्हारी किसान आदिवासी मन ले हे छत्तीसगढ़ के नवा पहिचान बर सिरपुर ल विकसित करे जही जों ह नालंदा के बाद सब ले बड़े बौद्ध परिसर आय.
छत्तीसगढ़ म मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कांग्रेसी सरकार के 17 दिसंबर के दु साल पूरगे. अपन ये कार्यकाल ल यादगार बनाय बर मुख्यमंत्रीजी ‘राम वन गमन पथ‘ के चेत करिस. एखर ले प्रदेश म नवा सियासी हलचल हे. एमा सियासी सूत्र गुंथाय दिखत हे. दूरदर्शी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ह ‘राम वन गमन पथ’ ले राम के भक्ति अउ शक्ति ल साधे के कोशिश करत हे. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मउका मिलते साठ राजनीतिक छक्का जड़ दे हे.
राज्य के उत्तरी क्षेत्र कोरिया के सीतामढ़ी हरचौका अउ दक्षिणी क्षेत्र सुकमा के रामाराम ले भगवान श्रीराम के पर्यटन रथ अउ बाइक रैली 14 दिसम्बर के शुरू होइस जेन 17 दिसंबर 2020 म माता कौशल्या के जनम स्थली चंदखुरी पहुंचिस. इहाँ माता कौशल्या के मंदिर हे. रथ म भगवान श्रीराम, सीता माता अउ लक्ष्मण के मूरती ले सुसज्जीत रिहिस. श्रद्धालु रस्ता म राम, लक्ष्मण, सीता के सुवागत अउ पूजा करिन. कांग्रेस जान डरे हे के भगवान श्री राम बिन राजनीति रसहीन हे. एमा भूपेश बघेल के राजनीतिक चतुरई हे. ऐतिहासिक, सांस्कृतिक अउ धार्मिक धरोहर के सुरक्षा, संरक्षण अउ पर्यटन राज्य बर जरूरी हे. एखर संगे संग राजनीति के नवा पृष्ठ खुलगे हे. पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल हर टिप्पणी करिस के एमन ल समझ म आ गे हे के भगवान राम के शरण म जाय ले उन ल सद-बुद्धि मिलही.
वैश्विक चिन्हारी
मुख्यमंत्री जी हर चंदखुरी म रथ आगमन के अवसर म भाजपा नेता मन उपर व्यंग्य करिस के कुछ लोगन भगवान राम के नाम का उपयोग वइसनेच करथें जइसे कालनेमि ह करे रिहिस. अइसन मन सुवारथवश राम के नाव लेथें. हमन सदा जन जन म बसे राम की पूजा करे हन. बघेलजी आघू बड़ मार्मिक बात किहिस -जोन चरित्र माता कौशल्या के रिहिस हे, वुही छत्तीसगढिया मन के हे. माता कौशल्या हर राम ल सुख दुःख म समान भाव ले रेहे के शिक्षा दे हे. राम ह सहनशीलता अउ कर्तव्यपालन अपन माता ले सीखे हे. राम वन गमन पथ ल पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित करके छत्तीसगढ़ ल नवा वैश्विक चिन्हारी दे जावत हे. अब छत्तीसगढ़ अपन सांस्कृतिक सम्पन्नता के सेती जाने जावत हे. एखर पहिचान समृद्ध किसान मन ले होवत हे. हमर चिन्हारी किसान आदिवासी मन ले हे. छत्तीसगढ़ के नवा पहिचान बर सिरपुर ल विकसित करे जही जोन ह नालंदा के बाद सब ले बड़े बौद्ध परिसर आय. हम दुनिया ल बताना चाहत हन के छत्तीसगढ़ के हर क्षेत्र म विशेष म महत्त्व हे.
राम भांचा आय
छत्तीसगढ़ भगवान राम के ननिहाल आय. एखरे सेती भांचा मन ल खूब महत्व दे जथे. भांचा के पाँव परथें. अपन लइका ले जादा मया भांचा-भंचुरा मन उपर होथे. ये हे राम के महिमा के देन. छत्तीसगढ़ ह दया-मया के माटी आय. इहाँ अधिकांश मन सरल ह्रदय हें. संतोषी हें. हिंसा,छल,कपट म लोगन के विश्वास कम देखे बर मिलथे. भगवान राम बर आदर और समर्पण भाव आजो अतेक हे के सुबह राम राम ले व्यवहार शुरू होथे अउ संझा जुआर राम राम ले खतम होथे. विशेष कर गाँव-गँवई म अइसना देखे बर मिलथे.गाँव म एक परिवार के भांचा पूरा गाँव के भांचा हो जथे. ओला पूरा गाँव म सम्मान मिलथे.
दंडकारण्य म दस बरस
‘राम वन गमन पथ’ बर छत्तीसगढ़ सरकार जोन कदम उठाय हे ओखर सकारात्मक परभाव परना निश्चित हे.अइसे 75 स्थान ल चुने गे हे जिहां ले भगवान श्रीराम, लक्ष्मण अउ सीता या तो उहाँ ले आघू बढ़ीन या वुहाँ रुके रिहिन. अइसे मान्यता हे के वनवास के 14 साल में से दस साल ले जादा समे छत्तीसगढ़ के दण्डकारण्य म बितइस. वर्तमान म घलो दण्डकारण्य घनघोर जंगल हे. बस्तर दरसन अपन आप म बहुत आनंदित कर देथे. नक्सल समस्या हल हो जाय तो विश्व स्तरीय पर्यटन-स्थल हो सकत हे. एखर धार्मिक महत्व के सेती लोगन के जुड़ाव अपने आप हो जथे. प्रकृति के सुन्दरता चकित करथे.
गुजरात अउ छत्तीसगढ़ के जोड़ी
केन्द्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल हर गत दिन रायपुर म किहिस ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’के तहत घरेलू रोड शो के मौक़ा मिले हे. जइसे जंगल छत्तीसगढ़ म हे वइसे भारत म कोनो जगा नइ हे. गुजरात म समुद्र हे त छत्तीसगढ़ म जंगल हे. दुनो पर्यटन के बर महत्वपूर्ण हे. घरेलू पर्यटन रोड शो बर दु राज्य मन के जोड़ी बनाय गे हे. छत्तीसगढ़ ल गुजरात ले जोड़े गे हे. संस्कृति मंत्रालय राम वन गमन पथ योजना म काम करत हे. एखर बर पटेल जी के सात राज्य के मुख्यमंत्री से बात होय हे. 300 स्थान के चिन्हारी करे गे हे. अगर कोनो जगा ल लेके कोनो राज्य ल आपत्ति होही त ओला बदल दे जही. पर्यटन के विकास बर विवाद ले बचना जरूरी ह. प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गृह अउ पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू ह किहिस के छत्तीसगढ़ म पर्यटन के असीम संभावना हे. ये रोड शो केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय अउ छत्तीसगढ़-गुजरात टूरिज्म बोर्ड हर मिलके करे रिहिस.
जंगले जंगल
राम वन गमन पथ बर 75 जगा ल चुने गे हे. ओखर बर छत्तीसगढ़ सरकार 137.5 करोड़ रूपिया खर्च करही. पहिली नौ जगा ल विकसित करे जहि. एमा सीतामढी-हरचौका(कोरिया), रामगढ़ (सरगुजा), शिवरीनारायण (जांजगीर-चांपा), तुरतुरिया (बलौदाबाजार), चंदखुरी (रायपुर), राजिम (गरियाबंद), सिहावा(सप्त-ऋषि आश्रम), जगदलपुर(बस्तर) ,अउ रामाराम(सुकमा), पर्यटन पथ के जादा हिस्सा जंगल ले गुजरथे जिहां पर्यटकमन ल जैव विविधता के दरसन होही . राम के छत्तीसगढ़ आगमन के इतिहास सरगुजा ल लेके बस्तर तक बगरे हे.
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