EOW दफ्तर पहुंचे निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता, फोन टेपिंग-नान मामले में हो रही पूछताछ

नान-फोन टेपिंग मामले में फंसे मुकेश गुप्ता की परेशानी और बढ़ गई है.
मुकेश गुप्ता ने तबियत खराब हो जाने का हवाला देते हुए ईओडबल्यू के समक्ष पेश होने में असमर्थता जताई और लिखित में एक आवेदन ईओडबल्यू को दिया है.
- News18 Chhattisgarh
- Last Updated: June 13, 2019, 1:44 PM IST
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित नागरिक आपूर्ति निगम घोटाला (नान) मामले की जांच में गड़बड़ी और फोन टेपिंग मामले में आरोपी बनाए गए निलंबित आईपीएस अधिकारी मुकेश गुप्ता को गुरूवार को EOW (आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ) में पेश हुए है. इसके लिए उन्हें नोटिस जारी किया गया था. मुकेश गुप्ता अपने अधिवक्ता अमीन खान के साथ ईओडबल्यू के दफ्तर पहुंचे. दरअसल EOW ने नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए 6 जून को बुलाया था लेकिन उन्होंने तबीयत खराब होने का लिखित आवेदन देकर पूछताछ के लिए अगली तारीख निर्धारित करने की सिफारिश की थी. इसके बाद 13 जून का समय निर्धारित किया गया है. बता दें निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता फोन टेपिंग के मामले में EOW में हुई पिछली सुनवाई में पूछताछ करने वाले एएसआई के सामने काफी तेवर दिखाए थे. उन्होंने अपने पद और रुतबे का रौब दिखाए थे और किसी भी सवाल का सीधे तरीके से जवाब नहीं दिया था. अब एक बार फिर से मुकेश गुप्ता से पूछताछ जारी है.
क्या है पूरा मामला
छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के बाद नान घोटाले पर जांच के आदेश दिए गए. तब ये खुलासा हुआ था कि छापे के पहले नान के अफसरों और कर्मचारियों का फोन टेप हो रहा था. इसके पुख्ता सबूत मिलने के बाद ईओडब्ल्यू ने तत्कालीन डीजी मुकेश गुप्ता, एसपी रजनेश सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया. इस मामले में ईओडब्ल्यू के ही डीएसपी आरके दुबे ने डीजी और एसपी के खिलाफ बयान दिया था कि उनके दबाव में उन्होंने अफसरों के फोन अवैध रूप से टेप करवाने का आदेश जारी किया. हालांकि बाद में दुबे का बयान विवादों में पड़ गया.
बयान देने के बाद आरके दुबे ने हाईकोर्ट में हलफनामा दे दिया कि उन पर दबाव डालकर बयान लिखवाया गया था. कुछ दिनों बाद उन्होंने फिर हाईकोर्ट में नया हलफनामा देकर अपने पिछले शपथपत्र को गलत ठहराया. उन्होंने आरोप लगाया कि मुकेश गुप्ता और रजनेश सिंह के कहने पर ही अवैध तरीके से अफसरों का फोन टेप किया गया. इसी मामले में मुकेश गुप्ता को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया गया था.
ये भी पढ़ें: स्काई वॉक को लेकर कंफ्यूजन में छत्तीसगढ़ सरकार
ये भी पढ़ें: केंद्र सरकार की ओडीएफ योजना में भ्रष्टाचार
एक क्लिक और खबरें खुद चलकर आएंगी आपके पास, सब्सक्राइब करें न्यूज़18 हिंदी WhatsApp अपडेट्स
क्या है पूरा मामला
छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के बाद नान घोटाले पर जांच के आदेश दिए गए. तब ये खुलासा हुआ था कि छापे के पहले नान के अफसरों और कर्मचारियों का फोन टेप हो रहा था. इसके पुख्ता सबूत मिलने के बाद ईओडब्ल्यू ने तत्कालीन डीजी मुकेश गुप्ता, एसपी रजनेश सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया. इस मामले में ईओडब्ल्यू के ही डीएसपी आरके दुबे ने डीजी और एसपी के खिलाफ बयान दिया था कि उनके दबाव में उन्होंने अफसरों के फोन अवैध रूप से टेप करवाने का आदेश जारी किया. हालांकि बाद में दुबे का बयान विवादों में पड़ गया.
बयान देने के बाद आरके दुबे ने हाईकोर्ट में हलफनामा दे दिया कि उन पर दबाव डालकर बयान लिखवाया गया था. कुछ दिनों बाद उन्होंने फिर हाईकोर्ट में नया हलफनामा देकर अपने पिछले शपथपत्र को गलत ठहराया. उन्होंने आरोप लगाया कि मुकेश गुप्ता और रजनेश सिंह के कहने पर ही अवैध तरीके से अफसरों का फोन टेप किया गया. इसी मामले में मुकेश गुप्ता को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया गया था.
ये भी पढ़ें: स्काई वॉक को लेकर कंफ्यूजन में छत्तीसगढ़ सरकार
ये भी पढ़ें: केंद्र सरकार की ओडीएफ योजना में भ्रष्टाचार
एक क्लिक और खबरें खुद चलकर आएंगी आपके पास, सब्सक्राइब करें न्यूज़18 हिंदी WhatsApp अपडेट्स