EOW में पेश नहीं हुए निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता, 6 जून को फिर दर्ज होगा बयान

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मुकेश गुप्ता ने अपनी बेटी की तबियत अचानक खराब हो जाने का हवाला देते हुए ईओडबल्यू के समक्ष पेश होने में असमर्थता जताई और लिखित में एक आवेदन ईओडबल्यू को दिया है.
- News18 Chhattisgarh
- Last Updated: May 21, 2019, 3:21 PM IST
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित फोन टेपिंग मामले में निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता मंगलवार को ईओडबल्यू के समक्ष पेश नहीं हुए. मुकेश गुप्ता ने अपनी बेटी की तबियत अचानक खराब हो जाने का हवाला देते हुए ईओडबल्यू के समक्ष पेश होने में असमर्थता जताई और लिखित में एक आवेदन ईओडबल्यू को दिया है. मुकेश गुप्ता के वकील अमीन खान उनका ये आवेदन लेकर ईओडबल्यू के दफ्तर पहुंचे. अब इस मामले में 6 जून को मुकेश गुप्ता को दोबारा बयान दर्ज कराने के लिए ईओडबल्यू के समक्ष पेश होना है. बता दें सोमवार को आईपीएस रजनेश सिंह को ईओडबल्यू ने पूछताछ के लिए तलब किया था. रजनेश सिंह अपने वकील अमीन खान के साथ ईओडबल्यू के सामने पेश हुए थे. बताया जा रहा है कि रजनेश सिंह से फोन टेपिंग मामले में पहली बार इस तरह पूछताछ की गई है. अब रजनेश सिंह से पूछे गए सवालों के जवाब को जांच अधिकारी मुकेश गुप्ता के जवाबों से क्रॉस चेक करेंगे.
क्या है पूरा मामला
छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के बाद नान घोटाले पर जांच के आदेश दिए गए. तब ये खुलासा हुआ था कि छापे के पहले नान के अफसरों और कर्मचारियों का फोन टेप हो रहा था. इसके पुख्ता सबूत मिलने के बाद ईओडब्लू ने तत्कालीन डीजी मुकेश गुप्ता, एसपी रजनेश सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया. इस मामले में ईओडब्लू के ही डीएसपी आरके दुबे ने डीजी और एसपी के खिलाफ बयान दिया था कि उनके दबाव में उन्होंने अफसरों के फोन अवैध रूप से टेप करवाने का आदेश जारी किया। हालांकि बाद में दुबे का बयान विवादों में पड़ गया.
बयान देने के बाद आरके दुबे ने हाईकोर्ट में हलफनामा दे दिया कि उन पर दबाव डालकर बयान लिखवाया गया था. पर कुछ दिनों बाद उन्होंने फिर हाईकोर्ट में नया हलफनामा देकर अपने पिछले शपथपत्र को गलत ठहराया. उन्होने आरोप लगाया कि मुकेश गुप्ता और रजनेश सिंह के कहने पर ही उन्होंने अवैध तरीके से अफसरों का फोन टेप किय. इसी केस में सवाल जवाब के लिए मुकेश गुप्ता को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया गया था.ये भी पढ़ें:
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क्या है पूरा मामला
छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के बाद नान घोटाले पर जांच के आदेश दिए गए. तब ये खुलासा हुआ था कि छापे के पहले नान के अफसरों और कर्मचारियों का फोन टेप हो रहा था. इसके पुख्ता सबूत मिलने के बाद ईओडब्लू ने तत्कालीन डीजी मुकेश गुप्ता, एसपी रजनेश सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया. इस मामले में ईओडब्लू के ही डीएसपी आरके दुबे ने डीजी और एसपी के खिलाफ बयान दिया था कि उनके दबाव में उन्होंने अफसरों के फोन अवैध रूप से टेप करवाने का आदेश जारी किया। हालांकि बाद में दुबे का बयान विवादों में पड़ गया.
बयान देने के बाद आरके दुबे ने हाईकोर्ट में हलफनामा दे दिया कि उन पर दबाव डालकर बयान लिखवाया गया था. पर कुछ दिनों बाद उन्होंने फिर हाईकोर्ट में नया हलफनामा देकर अपने पिछले शपथपत्र को गलत ठहराया. उन्होने आरोप लगाया कि मुकेश गुप्ता और रजनेश सिंह के कहने पर ही उन्होंने अवैध तरीके से अफसरों का फोन टेप किय. इसी केस में सवाल जवाब के लिए मुकेश गुप्ता को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया गया था.ये भी पढ़ें:
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