राज्य सरकार ने 21 एपीओ अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया है.
राजनांदगांव. छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के 9 ब्लॉक के मनरेगा कर्मचारियों ने जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने फ्लाय ओवर के निचे 66 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल कर प्रदर्शन कर रहे हैं. ये कर्मचारी अपनी दो सूत्रीय मांगों को लेकर अड़े हैं. बीते दिनों राज्य सरकार ने 21 मनरेगा कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया था. जिसके बाद मनरेगा कर्मचारियों ने सामूहिक इस्तीफा राज्य सरकार को भेजा है. वहीं मनरेगा कर्मचारियों ने अपनी 2 सूत्री मांगों को जल्द पूरा करने तक अनिश्चितकालीन हड़ताल को जारी रखने की बात कही. इसके चलते जिले भर में संचालित मनरेगा के काम ठप्प पड़े हुए हैं. आलम यह है कि ग्रामीण इलाकों में मनरेगा में काम नहीं मिलने के चलते लोग पलायन भी कर रहे हैं. मनरेगा कमर्चारियों का कहना है कि उनकी दो प्रमुख मांग हैं.
पहली मांग नियमितीकरण करने की है. वहीं दूसरी मांग नियमितीकरण होने तक समस्त रोजगार सहायकों का वेतनमान निर्धारण करते हुए मनरेगा कर्मचारियों पर पंचायत नियमावली लागू करने की है. बता दें कि यह हड़ताल पिछले 66 दिनों से जारी है. वहीं राज्य सरकार के द्वारा उनकी प्रमुख दो मांगे को अभी तक पूरा नहीं किया गया है. वहीं राज्य सरकार ने 21 एपीओ अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया है. प्रदेशभर में कार्यरत लगभग 12700 मनरेगा कर्मचारियों, अधिकारियों ने अपना सामूहिक इस्तीफा राज्य सरकार को दिया है. कर्मचारियों का कहना है कि जब तक सरकार का कोई सकारात्मक पहल नहीं करेगी तब तक अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी.
ठप पड़ा काम
पिछले 66 दिनों से मनरेगा कर्मचारियों के द्वारा अनिश्चित कालीन हड़ताल करने से जिले भर में संचालित मनरेगा का काम ठप्प पड़ा हुआ है. आलम यह है कि ग्रामीण अंचलों में मजदूर अपने आप पलायन करने को मजबूर हो गए हैं. वहीं मनरेगा कर्मचारियों का साफ तौर पर कहना है कि जैसे 100 दिन की मजदूरी मनरेगा के तहत दी जाती है. इसी कड़ी में हमारी मांगे पूरी की जाएं. मांगे पूरी नहीं होने पर सभी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे रहेंगे.
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