छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में अंधविश्वास और आस्था का वास्ता कोई नई बात नहीं है, जहां हर दस ग्राम पंचायत के बाद एक झाड़फूंक करने वाला बाबा आपको आसानी से नजर आ जाएगा और उस पर विश्वास करने वाले ग्रामिण भी. सूरजपुर में कुछ ऐसे बाबा भी हैं, जो जो सर्पदंश और लकवा के मरीजो को झाड़फूंक से इलाज कर ठीक करने का दावा करते हैं. इतना ही नहीं रोजाना उनके पास सर्पदंश और लकवा के मरीजों की भीड़ भी लगी रहती है.
ढोंगी बाबाओं की देश मे कोई कमी नहीं है, लेकिन खतरनाक इलाज को झाड़फूंक से ठीक करने वाले बाबा तो सूरजपुर के ग्रामीण अंचलों में अपने पैर पसारे बैठे हैं. कच्ची शराब की बोतल रखकर और थाली चीपकाकर सर्पदंश और लकवा के मरीज का इलाज का दावा किया जा जाता है. ऐसा ही झाड़फूंक करने वाले नरेन्द्र का दावा कि उनके इलाज से सर्पदंश और लकवा के मरीज ठिक हो जाते हैं.
सूरजपुर के विकासखंड भैयाथान और ओडगी में इन बाबाओं का जाल फैला हुआ है. यहां इलाज कराने पहुंचने वाले ग्रामिण भी पूरी तरह से बाबा से आश्वस्त हैं. मरीज के परिजन जुगेश्वर व डीएस पांडेय का कहना है कि यहां इलाज से उनके यहां के मरीजों की बीमारी ठीक हुई है.
एक ओर सर्पदंश से होने वाले मौतों के आंकड़े हर साल बढ़ते जा रहे हैं. दूसरी ओर केवल अपने नाम की पहचान के लिए झाड़फूंक बाबा ग्रामीणों की जान के साथ खेल रहे हैं, जहां ग्रामिणो का मानना है कि अस्पताल दुर होने और अव्यवस्थित होने के कारण ही इन बाबाओ कि दुकान चल रही है. सूरजपुर के जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. दीपक जायसवाल का कहना है कि लोगों को इस तरह के इलाज से बचना चाहिए. क्योंकि इस तरह के इलाज लोगों के लिए कई बार जानलेवा साबित होती है. अस्पताल आने पर उनका सही इलाज उपलब्ध करवाने की व्यवस्था है.
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FIRST PUBLISHED : August 02, 2019, 15:08 IST