जिला भी जशपुर जिले की तरह नागलोक बनता जा रहा है. जिल में जमीन पर रेगंती मौत लगातार लोगों को अपना शिकार बना रही है. हालांकी स्वास्थ्य विभाग जिले के सभी अस्पतालों में एंटी स्नेक वैक्सीन होने का दावा कर रही है बावजुद इसके ग्रामीणों की जान नहीं बच पा रही है. अलग-अलग प्रजाती के विषैले साप सूरजपुर जिले में अक्सर देख जा सकते है. खास कर बरसात के दिनों में ये साप स्थानीय लोगों पर कहर बन कर टुटते है. न जाने कब ये मौत के रूप में घर में आ जाए और देखते ही देखते इंसानों को मौत के आगोश में ले लें. आकंड़े भी यही बया करते है पिछले 3 सालों में इन सांपों की वहज से सैकड़ों लोगों ने अपनी जान गवां दी है.
मानसून की बात करे तो पिछले दो माह में ही सांप की वजह से मौत का आंकड़ा लगभग 25 के करीब पहुंच गया है, स्थानीय लोगों के अनुसार स्वास्थ्य विभाग भी इनकी सुरक्षा के लिए गंभीर नहीं है. वही स्वास्थ्य विभाग लगातार हो रही मौतों का कारण अपनी लापरवाही न बता कर इसका जिम्मेदार ग्रामीणों को ही बता रहा है. सीएमएचओ एसपी वैश्य का कहना है कि सांपों की वजह से हो रही मौत के आंकड़े में इजाफा जरूर हुआ है. लेकिन कुछ हद तक ग्रामीण खुद इसकी वजह है. सांप के काटने के बाद लोग अस्पताल नहीं आते बल्कि झाड-फूंक का सहारा लेते है. इसकी वजह से इनकी मौत हो जाती है.
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FIRST PUBLISHED : August 02, 2018, 18:00 IST