) ने भटगांव में पिछले 30 वर्षों से करीब 28 लोगों की भूमि को अधिग्रहीत कर रखा है. वहीं भू-स्वामियों को उनके जमीन के बदले मिलने वाली नौकरी भी उन्हें अब तक नहीं मिल पाई है.
इस कारण नौकरी के अभाव में भू-स्वामियों के सामने आर्थिक तंगी जैसी बड़ी चुनौती सामने खड़ी हो गई है. आलम यह है कि उन्हें दो जून की रोटी तक नसीब नहीं हो पा रही है. किसी तरह वे अपने बच्चों और परिवार का पेट पाल रहे हैं. यही वजह है कि भू-स्वामी नौकरी पाने के लिए एसईसीएल से लेकर जिला प्रशासन के अधिकारियों तक के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं.
पीड़ित भू-स्वामी रामटहल ने कहा कि एसईसीएल ने भटगांव क्षेत्र में दुग्गा माइन्स क्षेत्र के भूमि को सन् 1978 में अधिग्रहीत कर लिया था. साथ ही यहां करीब 100 लोगों को नौकरी भी दे दी गई. वहीं 28 लोगों को नौकरी से वंचित कर दिया गया.
एसईसीएल उस भूमि में माइन्स खोलकर कोयले का उत्खनन भी जारी कर दिया है. इन 30 सालों में नौकरी के अभाव में भू-स्वामी जवान से बूढ़े हो गए और अब परिवार के भरण पोषण के लिए अपने बच्चों को नौकरी दिलाने की आस में कलेक्टर से गुहार लगाने पहुंचे.
सूरजपुर कलेक्टर के. सी. देवसेनापथि ने कहा कि एसईसीएल के अधिकारियों से बैठक कर भू-स्वामियों की समस्या को जल्द ही दूर कर लिया जाएगा.
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FIRST PUBLISHED : May 24, 2017, 11:59 IST