अटल बिहारी वाजपेयी (फाइल फोटो)
छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले से पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का गहरा नाता था. राज्य स्थापना के बाद अपने पहले छत्तीसगढ़ प्रवास पर अटल बिहारी वाजपेयी सरगुजा जिला मुख्यालय अम्बिकापुर ही आए थे. अटल जी के आने के बाद ही सरगुजा में राजनीतिक आंधी आई थी. अंबिकापुर में आयोजित उनकी सभा के बाद साल 2003 के विधानसभा चुनाव मे कांग्रेस के गढ़ वाली आठ सीट में से 7 पर भाजपा ने अपना परचम लहराया था.
16 अगस्त 2018 यानी कल शाम जैसे ही भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के निधन की खबर मिली. वैसे ही अटल जी के लाखो प्रशंसकों के बीच शोक की लहर दौड़ पड़ी. क्योंकि अटल जी के कदम पड़ते ही अविभाजित सरगुजा की राजनिती मे भूचाल आ गया था. सरगुजा मे कांग्रेस का किला ध्वस्त हो गया था. इधर ऐसे मे जब भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी जी लोगों के बीच नहीं है. तो भी उनका बतौर प्रधानमंत्री सरगुजा दौरे की तस्वीर आज भी जिंदा है.
सरगुजा भाजपा के जिला अध्यक्ष अखिलेश सोनी बताते हैं कि नवंबर 2003 में विधानसभा चुनाव के ठीक पहले श्री वाजपेयी अंबिकापुर पहुंचे थे. पीजी कालेज मैदान मे सभा को अटल जी ने संबोधित किया था. बता दें कि इसके बाद चुनाव हुए और परिणाम आया तो कांग्रेस के सरगुजा जिले के 8 विधानसभा सीटों में से 7 पर भाजपा के विधायक जीत कर छत्तीसगढ़ विधानसभा तक पहुंचे थे. हालाकि उनके निधन और शोक की लहर के बीच उनके दल के लोग उनको दलगत राजनीति से ऊपर का नेता मानते हैं और सरगुजा से नक्सलवाद के खात्मे, आदिवासी बहुल सरगुजा में पीएम सड़क योजना के तहत सडकों का जाल बिछाने और छत्तीसगढ़ निर्माण के लिए ताउम्र उनकी यादों को सजाए रहने की बात कह कर उनको श्रद्धाजंलि अर्पित कर रहें हैं.
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