रिपोर्ट: निखिल मित्रा
अम्बिकापुर: सरगुजा के बतौली ब्लॉक के 11 गांवों के हजारों ग्रामीण प्रशासन के सामने लामबंद हो गए हैं. इधर, लामबंद ग्रामीणों को समझाने एसपी और कलेक्टर की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन ग्रामीण अपनी बातों पर अड़े रहे. नतीजा ग्रामीणों के विरोध के बाद प्रशासनिक अमले को लौटना पड़ा.
दरअसल, पूरा मसला मां कुदरगढ़ी एलुमिना रिफाइनरी फैक्ट्री के भूमि सीमांकन का है. सरगुजा के बतौली ब्लॉक के ग्राम चिरंगा में मां कुदरगढ़ी एलुमिना रिफाइनरी फैक्ट्री खुलना प्रस्तावित है. फैक्ट्री के खुलने से 11 गांव प्रभावित हो रहे हैं. पिछले 4 सालों से 11 गांव के ग्रामीण फैक्ट्री का विरोध कर रहे हैं. ग्रामीणों ने गांव में फैक्ट्री नहीं खोलने के लिए मुख्यमंत्री, राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपकर सरकार तक अपनी बात को पहुंचाने की कोशिश की है.
ग्रामीणों ने विधायक, मिनिस्टर से भी फरियाद लगाई, लेकिन उनकी आवाज सरकार के कानों तक नहीं पहुंच सकी. यही वजह है की बीते चार दिनों से फैक्ट्री के सीमांकन के लिए गांव में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है. वहीं, प्रशासन की पूरी टीम फैक्ट्री की जमीन सीमांकन के लिए एड़ी छोटी का जोर लगा रही है. दूसरी तरफ हजारों की संख्या में ग्रामीण लाठी-डंडे और तीर-धनुष से लैस होकर फैक्ट्री के जमीन सीमांकन का विरोध कर रहे हैं.
ग्रामीणों को बरगलाया जा रहा
इधर ग्रामीणों को समझाने कलेक्टर एसपी समेत अन्य पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी बुलेट प्रूफ जैकेट, हेलमेट पहनकर पहुंचे, लेकिन उग्र ग्रामीणों ने उनकी बात नहीं सुनी और एक जुट होकर ग्रामीण फैक्ट्री के खिलाफ विरोध करते रहे. वहीं कलेक्टर का कहना है कि गांव में शासन की योजनाओं को संचालित और जन समस्या निवारण शिविर को ग्रामीणों द्वारा रोका जा रहा है. ग्रामीणों को असामाजिक तत्व बरगला रहे हैं. जिसकी वजह से ग्रामीण उग्र हो गए हैं. ग्रामीणों को समझाने पुलिस और प्रशासन की टीम मौके गई ताकि गलतफहमी की स्थिति न हो.
.
Tags: Ambikapur News, Chhattisgarh news