रिपोर्ट- लखेश्वर यादव
जांजगीर चाम्पा. जिले में रामनवमी के अवसर पर कई शादियों हुई, वही बम्हनीडीह में एक परिवार ने अपनी दो बेटियों की शादी 2 भाइयों से तय की थी. बाजे गाजे के साथ बारात भी दुल्हन लेने पहुंची. लेकिन बारात के साथ महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम भी गांव पहुंची. छोटी बेटी के जन्म प्रमाण पत्र का अवलोकन किया. जिसमे लड़की की उम्र 17 साल 5 महीना पाया और परिजनों को शादी ना करने के लिए समझाया. वर-वधु दोनों पक्ष को समझाते हुए शादी रुकवाई.
जिला कार्यक्रम अधिकारी अनीता अग्रवाल ने बताया की बाल विवाह संबंधी सूचना प्राप्त होते पुलिस विभाग से समन्वय करते हुए बम्हनीडीह के ग्राम पुछेली में बालिकाओं के घर जाकर बालिका के उम्र सत्यापन हेतु 10 वी अंकसूची की जांच की गई. जिसमें 17 वर्ष 05 माह 05 दिन होना पाया गया, लेकिन बारात आ चुकी थी. इसलिए दोनों पक्षों को जिला बाल संरक्षण अधिकारी गजेंद्र सिंह जायसवाल द्वारा बाल विवाह के दुष्परिणामों से अवगत कराया गया. समझाने के बाद सरपंच एवं स्थानीय लोगों की उपस्थिति में दोनों वर पक्ष तथा वधु पक्ष की सहमति से बालिका का विवाह रोका गया है.
बाल विवाह रोकने के लिए बना है सख्त क़ानून
बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत विवाह के लिए लड़की की उम्र 18 वर्ष और लड़के की उम्र 21 वर्ष निर्धारित है. निर्धारित उम्र से कम होने की स्थिति में बाल विवाह करने पर पुलिस विभाग द्वारा अपराध पंजीबद्ध करते हुए विवाह करने वाले माता-पिता, विवाह में सम्मिलित होने वाले रिश्तेदार, विवाह कराने वाले पंडित के विरूद्ध कार्यवाही की जा सकती है. अधिनियम के तहत 2 वर्ष के कठोर सश्रम कारावास और 1 लाख के जुर्माने अथवा दोनों से दंडित किया जाने का प्रावधान है.
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