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छत्तीसगढ़ी में पढ़ें - कोदो, कुटकी अउ रागी के भाग लहरागे

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अभी के मुखिया कोदो, कुटकी अउ रागी के भात खाय हे, पेज पसइया पीये हे, रोटी खाय हे| ओ जानत हे ये फसल मन के सुवाद ला| अनाज ...अधिक पढ़ें

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घुरवा के दिन बहुरथे अउ बुड़त ला तिनका के सहारा के जउन बात सियान मन केहें हें तउन गलत नोहय, सिरतोन मं ओहर एक न एक दिन सही होथे वइसने कस किस्सा अभी उदुक ले देखे ले मिलगे| छत्तीसगढ़ के मुखिया भूपेश बघेल भगवान बरोबर कोदो कुटकी अउ रागी जइसन फसल बर होगे| कभू धान के कटोरा कहावय छत्तीसगढ़ उहां कोदो, कुटकी, रागी, तीली, सरसों, राहर, मेथी, अजवइन अउ जीरा सरीखे अनगिनत फसल ला लेवत रिहिन हे इहां के किसान मन, फेर धीरे-धीरे समे अइसे पलटी मारत गिस के जतका छोटे जिनिस के फसल रिहिस हे ओकर मन के बजार कीमत बहुत कम मिलय| चढ़हत बजार हा ओ छोटे फसल मन ला चगल गे (नष्ट)| एकर सेती किसान मन हार खाके ओकर पैदावार लेना बंद कर दीन|

छोटे मछरी ला भुंडा, रोहा, कतला जइसन बड़े मछरी मन किनारे लगा दीन, ओला मार डारीन| ओकर उपज लेना बंद कर दीन किसान| सिरिफ धान के फसल लेवत हें| जेन खेत, भर्री-भाठा मं ये कोदो, कुटकी अउ रागी समेत फसल मन होवत रिहिन हे ओकर नांव बूतागे| बस जेती देखौ तेती धान के फसल लेवत हें| किसान अउ सरकार घला ओला बढ़ावा देवत हे| बने समरथन मूल्य घला मिलत हे तेकर सेती किसान मन मेछराय ले धरलीन| एक बछर मं दू-तीन फसल लेवत हें धान के| तब काबर नइ कहाही छत्तीसगढ़ “धान के कटोरा”|

छोटे मनखे, छोटे जीव-जंतु अउ छोटे जिनिस के कोनो पूछइया नइ होवय, न कोनो चिन्हारी करय? राजा के दरबार मं मंगलू, झंगलू, भकलू अउ टेटकू ला कोन पूछत हे? चउखट मं चढ़ने नइ दय| वइसने कस हाल कोदो, कुटकी, रागी अउ ओकर गोतियार मन के होगे| धान सबके रसदा ला रोक दिस| चारो मुड़ा अपन धाक जमा लिस अउ एक छत्र राज करत आवत हे| सब कहे लगिन-हमर तो भइया छत्तीसगढ़ हे धान के कटोरा|

निरमामूल मरगे कोदो, कुटकी, रागी अउ ओकर गोतियार मन| फेर कहिथे-समे हा घला करवट लेथे, बदलथे| जादा के अतलंग अउ पदनी-पाद जउन पदोथे ओहर एक दिन गढ्ढा मं बोजाथे, ये तो तय बात हे| जउन गिर थे, एक दिन ओहर बहुरथे अउ जइसन नइ रिहिन तइसन होय ले धर लेथे|

छत्तीसगढ़ के जउन मुखिया ये पइत बने हे तेन कोनो परदेसिया नोहय, अख्खड़ किसान के बेटा हे| खेती के जम्मो रकम ला ओहर जानत हे, माटी के पीरा ला समझथे| इहां कोन-कोन फसल पहिली होवत रिहिस हे अउ अब कइसे नंदागे, ओला नवा सिरे से कइसे करे जा सकत हे ए बात के सोच बिचार करना ओकर मगज मं खेलना सुरु होगे|

छए मुखिया कोनो बैपारी, उद्योगपति, कारखाना मालिक, इंजिनियर अउ डॉक्टर के बेटा नोहय जउन जइसन ओकर पुरखा मन करत आवत रिहिन हे तइसन पेशा करत रहाय| ए छत्तीसगढ़ के किसान के बेटा हे, कोन-कोन फसल ला, कब-कब कइसन ढंग ले, ले जाथे तउन ला सब जानत हे| ओहर ककरो चाल, भभकी मं आके गुमराह नइ हो सकय| कोदो, कुटकी अउ रागी ला कब, कोन, कइसे अउ काबर ओला समूल नास करिन उहू ला ओहर जानत हे| एकर पहिली जउन सत्ता के कुर्सी मं बइठिन, मुखिया बनिन ओमन छत्तीसगढ़िया नोहय, कहुं छत्तीसगढ़िया होतिन तब ये फसल मन के अइसन दुरगति नइ होतिस| आज ओमन भले छत्तीसगढ़िया होय के लेवल लगाय बइठे हें| फेर सच बात तो इही आय एकर से कोनो इनकार नइ कर सकय|

पहिली बात तो ओ मुखिया मन कोदो, कुटकी, रागी का होथे तेल जानना तो छोड़ ओला देखे तक नइ हे| अउ अभी के मुखिया कोदो, कुटकी अउ रागी के भात खाय हे, पेज पसइया पीये हे, रोटी खाय हे| ओ जानत हे ये फसल मन के सुवाद ला| अनाज के संगे-संग ये फसल मन दवई-दारु के घला काम आथे| बड़े-बड़े बिमारी मं अचूक दवा बताथे बइद मन| अभी बस्तर कोती आदिवासी मन एकर फसल लेवत हें| फेर चातर राज के गांव कोती के किसान मन माते हे पइसा के लालच मं| जउन खेत-खार मं एकर फसल लेवत रिहिन हे तेनो मन ओला छोड़ के धान के फसल लेना सुरु कर दे हें|

छत्तीसगढ़ के एक-एक इंच जमीन सोना हे, हीरा हे| इहां धान के छोड़े कोदो, कुटकी ,रागी ला कोन कहाय तिलहन, दलहन समेत मेथी जीरा, धनिया, सरसों सब जिनिस उपजथे| सोना, चांदी, हीरा तो भरे परे हें इहां के जमीन मं, खदान हे| फेर ओकर ल बढ़ के अतेक बम्फर अनाज होथे तेला किसान अउ सरकार संभाल नइ सकत हे| बकबका जथें| कहां धरन, कहां रखन अउ कहां संभालन| कोठी अउ गोदाम के समस्या आ जथे| बेकदरी बाहिर पार परे रहिथे अनाज हा पानी मं सरत| एक दाना अनाज कइसन मं पैदा होथे ओकर दरद ला, ओकर मरम ला किसाने हा समझथे|

ए सब बात अउ जिनिस ला उही मुखिया नेता मंत्री अउ अफसर समझ सकथे जउन छत्तीसगढ़िया हे, इहां के माटी मं जनम ले हे पले, बढ़े, पढ़े हे| परदेसिया मन ला एकर से का मतलब? ओमन तो पेट बिकारी मं आय हें नौकरी करे बर, धंधा करे बर, पेट भरगे तहां ले कुला झर्रावत रेंग दिहीं अपन देस कोती| इहां के दुःख, सुख, पीरा, संस्कृति, परब, तिहार अउ परंपरा ले ओमन ला का मतलब? उद्योग, धंधा चलत हे, कारखाना चलत हे, चलत रहाय बस अतके चिंता रहिथे|

ए पीरा, दुःख, दरद ला तो छत्तीसगढ़िया समझही, जानही अउ इहां के रहइया मन बर वइसने कस दया मया करे अउ विकास के उदीम रचही जेकर से छत्तीसगढ़िया मन के भला होवय| अइसन नइ होतिस तब काबर ए मुखिया कहितिस-छत्तीसगढ़ घला बनही देश के “मिलेट हब”| अभी ओ दिन अइसनेच कस होगे| इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मिलेट रिसर्च हैदराबाद अउ छत्तीसगढ़ के चउदा जिला के कलेक्टर मन के बइठक होइस तेमा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के उपस्तिथि मं एमओयू होइस| ये एमओयू के बाद मिलेट रेसर्च हैदराबाद हा छत्तीसगढ़ मं कोदो, कुटकी अउ रागी जइसन नानकिन अनाज के उत्पादन बढ़ाय बर तकनिकी जानकारी देके संगे-संग उच्च क्वालिटी के बीज उपलब्ध कराय बर अउ सीड बैंक स्थापित करे बर मार्गदर्शन घलो दिही|

ए मौका मं छत्तीसगढ़ के मुखिया भूपेश बघेल किहिस-अब ओ दिन दूर नइहे जब अवइया समे मं बहुत जल्दी छत्तीसगढ़ देश के “मिलेट हब” बन जाही| मिलेट मिशन ले किसान मन ला लघु धान फसल कीमत दिलाय मं आदान सहायता, खरीदी ब्यवस्था, प्रोसेसिंग अउ विशेषज्ञ मन के अनुभव के लाभ मिल सकही| एकर से किसान मन ला चउतरफा लाभ मिलही अउ जउन कोदो, कुटकी अउ रागी के फसल नंदावत जात रिहिस हे, ओहर छत्तीसगढ़ के भुइयां मं फेर पहिली सही लहलहावत दिखही अउ किसान मन ददरिया गाना सुरु कर दिही| अभी-अभी खबर मिले हबय के छत्तीसगढ़ सरकार हा कोदो, कुटकी अउ रागी के समरथन मूल्य घोषित कर देहे| घोसना के अनुसार कोदो, कुटकी ला तीन हजार अउ रागी ला तीन हजार तीन सौ सतहत्तर रुपया प्रति क्विंटल के दर ले खरीदही|

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