नई दिल्ली। दिल्ली में आई नई सरकार महिला सुरक्षा के लिए पूरी दिल्ली में सीसीटीवी कैमरों का जाल बिछाना चाहती है। बसों और सार्वजनिक जगहों पर महिला कमांडो तैनात करना चाहती है सवाल है कि क्या इससे दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध रुक जाएंगे? अफसोस कि इस सवाल का जवाब है...नहीं! और इसका सबूत है नई सरकार के शपथ ग्रहण के ठीक दूसरे दिन एक महिला पर हुआ गंभीर यौन हमला। जी हां, महिला पर ये हमला उस जगह हुआ जहां दर्जनों सीसीटीवी कैमरों की निगरानी है और जिसकी हिफाजत का जिम्मा खुद सीआईएसएफ जैसी सुरक्षा बल के हाथ है।
दिल्ली मेट्रो को महिलाओं की सुरक्षा के लिहाज से काफी सुरक्षित माना जाता है लेकिन 15 फरवरी की रात घटी एक घटना से इसपर सवाल खड़े कर दिए हैं। 15 फरवरी को रविवार की रात तकरीबन साढ़े 8 बजे 30 वर्षीय एक महिला मॉडल टाउन स्टेशन पर खड़ी मेट्रो का इंतजार कर रही थी। रविवार की शाम होने के चलते स्टेशन पर ज्यादा लोग नहीं थे। इस दौरान महिला को अकेला देख एक युवक ने उसे दबोच लिया।
घटना के वक्त महिला फोन पर बात कर रही थी। एकाएक हुए हमले में जब तक उसे कुछ समझ आता तब तक युवक ने उसे नीचे घिरा दिया और घसीटकर कोने में ले जाने लगा। महिला के चोटें आईं और खून भी निकला लेकिन वहां उसे बचाने के लिए कोई नहीं था। महिला के चिल्लाने पर युवक ने उसके चेहरे पर भी वार किए। तकरीबन डेढ़ मिनट तक महिला अकेले ही युवक से बचने के लिए उससे जूझती रही। उसे काफी चोटें भी आईं हालांकि उसकी किस्मत अच्छी थी कि उसी समय प्लेटफॉर्म पर मेट्रो आ गई। उससे उतरी सवारियों ने जब ये सब देखा तो महिला को युवक से बचाया और युवक को पकड़कर मेट्रो से सुरक्षा स्टाफ के हवाले कर दिया। आरोपी युवक बिहार के भागलपुर का रहने वाला है। उसका नाम आशीष बताया जाता है और उसकी उम्र 18 साल है।
फोटो कैप्शनः मेट्रो प्लेटफॉर्म और एस्केलेटर पर महिला के खून के निशान
इस घटना से महिला लहूलुहान हो गई और गहरे सदमे में है। आईबीएनखबर ने जब पीड़िता से बात की तो वो पहले तो कुछ बोलने की स्थिति में नहीं दिखी। बाद में उसने अपने साथ हुई दरिंदगी की पूरी कहानी बयां की। उसे याद कर वो फफककर रो पड़ी। आरोपी युवक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। कश्मीरी गेट मेट्रो पुलिस मामले की जांच कर रही है। लेकिन इस घटना से मेट्रो में महिला सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। उसे कई सवालों के जवाब देने होंगेः-
सवाल-1: मेट्रो जैसी अतिसुरक्षित जगह पर आखिर कैसे कोई सिरफिरा महिला के साथ ऐसी हरकत करने की हिम्मत दिखा सकता है?
सवाल-2: मेट्रो के प्लेटफॉर्म पर हमेशा सिक्योरिटी गार्ड तैनात रहते हैं तो घटना के वक्त वो कहां थे जबकि रात साढ़े 8 बजे का वक्त काफी ज्यादा रात का नहीं होता है?
सवाल-3: मेट्रो के स्टेशनों पर सीसीटीवी का जाल है उसके बावजूद महिला को बचाने कोई मेट्रो कर्मी वहां क्यों नहीं पहुंचा? सीसीटीवी की निगरानी कौन कर रहा था?
सवाल-4: अगर उस दिन मेट्रो कुछ देर बाद प्लेटफॉर्म पर पहुंचती और महिला के साथ कोई अनहोनी होती तो उसका जिम्मेदार कौन होता?
सवाल-5: क्या डीएमआरसी ने सुरक्षा में इतनी गंभीर चूक में अपने किसी कर्मचारी की जिम्मेदारी तय की? अगर हां तो उस पर क्या कार्रवाई हुई और अगर नहीं तो भला क्यों?
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Tags: Delhi Metro, Molestation
FIRST PUBLISHED : February 23, 2015, 07:48 IST