मिलिट्री में मेजर के पद पर रहते हुए जक्रित ने एक
खतरनाक खेल खेला. कम उम्र के लड़कों को तलाशना और उनके साथ
शारीरिक संबंध बनाना उसका शगल था. उसने ऐसे रास्ते चुने, ऐसे काम किए जिन्हें जानकर सभी दंग रह गए. कहानी जब खुली तो हकीकत कुछ और ही थी और अब बहस है कि जक्रित को किस धारा के तहत क्या सज़ा दी जाए? क्या दर्जनों हत्याओं का मुकदमा चलाया जाए?
43 वर्षीय मेजर जक्रित फेसबुक और सोशल मीडिया के कई प्लेटफॉर्मों का शातिराना ढंग से इस्तेमाल करने में माहिर था. उसने टेलिफोनिक प्रोफाइल्स बनाए हुए थे और सोशल मीडिया पर 13 से 18 साल तक के लड़कों को लुभाकर वह टेलिफोनिक बातचीत तक ले आता था. इसके बाद जक्रित अपनी बातों के जाल में इन कमउम्र लड़कों को फंसाकर उनके साथ दोस्ताना संबंध बना लेता था.
जब जक्रित को लगता कि लड़का उसके साथ सहज हो गया तब जक्रित बताता कि वह 'गे' है. अपनी इमोशनल बातों के ज़रिये वह लड़के को मना लेता था कि वह अपनी निर्वस्त्र तस्वीर उसे भेजे. जैसे ही कोई लड़का जक्रित को अपनी ऐसी तस्वीर भेज देता तो फिर जक्रित उसे बातों बातों में मिलने के लिए मनाता. मुलाकात फिक्स होती तब जक्रित की सच्चाई लड़के के सामने खुलती.
जक्रित उस लड़के को शारीरिक संबंध बनाने के लिए कहता. अगर लड़का इस बात से कतराता या इनकार करता तो जक्रित उसे ब्लैकमेल करने लगता कि वह उसके निर्वस्त्र फोटो को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर बदनाम कर देगा. लड़के के पास कोई रास्ता नहीं बचता और उसे जक्रित के कहे मुताबिक उसके साथ संबंध बनाने ही पड़ते.
कई महीनों बल्कि कुछ सालों तक यही सिलसिला चलता रहा और अब तक जक्रित ऐसे करीब 70 लड़कों को मजबूर कर उनके साथ जबरन शारीरिक संबंध बना चुका है. कुछ लड़कों की शिकायत के बाद जक्रित को जब पकड़ा गया तो उसके घर की तलाशी लेने पर जो खुलासा हुआ, उससे पुलिस की आंखें भी फटी की फटी रह गईं.
जक्रित के घर में दवाइयों की एक पूरी किट पाई गई और जब पुलिस ने जांच करवाई तो पता चला कि ये दवाइयां एड्स के मरीज़ों के इलाज के लिए होती हैं. जक्रित एड्स का मरीज़ था और उसका इलाज ले रहा था. एड्स मरीज़ होते हुए भी उसने अपनी सेक्स कुंठाओं से उबरने के लिए 70 लड़कों में एड्स का वायरस ट्रांसफर कर उन्हें भी एड्स का मरीज़ बना दिया.
अब तक यही कहा जा रहा है चूंकि कोई मौत नहीं हुई है इसलिए हत्या का मुकदमा नहीं चलाया जा सकता. धमकाने, धोखा देने, ब्लैकमेल करने और ज़्यादा से ज़्यादा यौन उत्पीड़न का मुकदमा जक्रित के खिलाफ चलाया जा सकता है. ऐसे केस में यौन उत्पीड़न के जुर्म में सज़ा काट रहे जक्रित के खिलाफ क्या उसके किसी शिकार की मौत होने पर कत्ल का मुकदमा चल सकता है? अमेरिका के कानून के हिसाब से यह मुमकिन नहीं है किसी को एक ही अपराध के लिए दो बार सज़ा दी जाए.
यह मामला थाईलैंड का है जिसमें थाईलैंड के सार्जेंट मेजर जक्रित खोमसिंग के खिलाफ मुकदमा चलाने को लेकर बहस शुरू हो चुकी है. मीडिया से लेकर कानून विशेषज्ञ यह समझने में लगे हैं कि जक्रित के खिलाफ कितनी सख्त कार्रवाई की जा सकती है और किन प्रावधानों के चलते? दूसरी तरफ भारत में अगर ऐसा कोई मामला सामने आता है तो हालिया कानून के हिसाब से मौत की सज़ा देने का प्रावधान नहीं है. इस बारे में कानूनी मामलों के जानकार ने न्यूज़ 18 से बातचीत करते हुए कहा है -

'भारत में अगर इस तरह का कोई केस आता है तो इसके डिटेल्स की पड़ताल कर विचार किया जा सकता है. हालांकि, मौजूदा प्रावधानों के तहत इस मामले में कत्ल का मुकदमा चलाया जा सकता है, ऐसा संभव नहीं लगता. लेकिन कानूनी नज़र से 'मेन्सरिया' यानी अपराध करने के वक्त अपराधी की मानसिक हालत या मोटे अर्थों में छुपा हुआ इरादा, समझना महत्वपूर्ण है. अगर कोई इरादतन इस तरह का अपराध करता है तो हत्या का मुकदमा चलाए जाने की पैरवी की जा सकती है.'
— विजय वाते, रिटायर्ड आईपीएस
एक सवाल पीड़ित लड़कों के भविष्य को लेकर भी है. या तो वे एड्स से मर सकते हैं या फिर ज़िंदगी भर उन्हें लगातार दवाइयों के सहारे रहना पड़ेगा. पल पल मरने के डर से उनकी ज़िंदगी कैसी होगी? यह समझा जा सकता है. एक आंकड़े के हिसाब से इतने लड़कों के जीवन भर इलाज पर लाखों डॉलर खर्च होने का अंदाज़ा है. यह भी शक है कि जक्रित के शिकारों की संख्या 70 से ज़्यादा तो नहीं है!
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Tags: Aids, Facebook, HIV, Homosexual Relation, Molestation, Thailand
FIRST PUBLISHED : November 24, 2018, 05:10 IST