चंदन बंगारी
रुद्रपुर. किच्छा के शांतिपुरी में बीजेपी नेता की हत्या मामले के मुख्य आरोपी के साथ ही उसके छोटे भाई और पिता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर हत्या में इस्तेमाल की गई 32 बोर की अवैध पिस्टल और कारतूस के साथ वारदात में प्रयुक्त कार भी बरामद की. इसके बरक्स उधमसिंहनगर ज़िले में कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हुए हैं. खनन को लेकर फायरिंग की घटनाओं में 15 दिन के भीतर बाजपुर और शांतिपुरी में दो हत्याएं होने से पुलिस अब एक्शन में आती दिख रही है.
बीजेपी नेता संदीप कार्की की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी को गिरफ्तार करने के साथ ही 5 वाहनों को अवैध खनन की लिप्तता में कुर्क किया गया. पुलिस मुख्य आरोपी और उसके भाई पर गैंगस्टर एक्ट में भी कार्रवाई की तैयारी कर रही है. शांतिपुरी क्षेत्र में अवैध खनन की रोकथाम के लिए अस्थायी पिकेट भी लगाने की कवायद होने जा रही है. गौरतलब यह है कि पुलिस की यह कार्रवाई तब हुई, जब कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा और केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने जल्द गिरफ्तारी के लिए दबाव बनाया.
क्या है मामला और एक्शन का सिलसिला?
शांतिपुरी में 14 मई की सुबह खनन के रास्ते को लेकर बीजेपी मंडल महामंत्री संदीप सिंह कार्की, पंकज जोशी का दूसरे पक्ष के दीपक सिंह मेहता, उसके पिता मोहन सिंह के बीच विवाद हुआ तो मोहन के बड़े बेटे ललित ने तैश में आकर संदीप के सीने में गोली मार दी थी. घटना के बाद ललित, दीपक और मोहन फरार हो गए थे. मृतक के भाई किशन सिंह ने तीनों पर केस दर्ज कराया था. तीनों आरोपियों को अलग अलग जगहों से पुलिस ने पकड़ा.
संदीप से ललित की क्या खुन्नस थी?
पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उनका और संदीप के साथ क्या विवाद था. कुछ दिन पहले उनकी जेसीबी को अवैध खनन में सीज किया गया था, जिसके लिए 2.5 लाख का जुर्माना देने की नौबत थी. उन्हें शक था कि जेसीबी संदीप और पंकज की शिकायत पर पकड़ी गई. इधर, संदीप का कुछ दिनों से खनन में प्रभाव बढ़ रहा था, इससे भी ये लोग खुन्नस खाए हुए थे. जेसीबी को लेकर ही दोनों पक्षों में विवाद हुआ था.
गहरी दोस्ती से गहरी दुश्मनी तक
मृतक संदीप और ललित के बीच गहरी दोस्ती थी. दोनों बचपन में साथ पढ़े थे. दोस्ती इतनी खास थी कि कुछ समय पहले एक मामले में जेल गए ललित की जमानत संदीप ने ली थी. इतना ही नहीं, संदीप अपना क्रेडिट कार्ड भी ललित से ही बनवा रहा था. लेकिन खनन के विवाद को लेकर बात इतनी बढ़ गई कि दोस्त ने ही दोस्त की जान ले ली. इधर, एसएसपी ने बताया कि संदीप की हत्या के बाद फरार ललित को छिपने में मदद करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी.
अब उठा असलहों के लाइसेंस का सवाल
एएसपी मंजूनाथ टीसी का कहना है कि जिले में असलहा रखने वाले सभी खनन कारोबारियों की सूची बनाई जा रही है. किसी वारदात में उनकी संलिप्तता मिली तो असलहे का लाइसेंस कैंसिल करने के साथ उनके वाहनों पर भी एक्शन होगा. बड़ी बात है कि फायरिंग में अवैध असलहों का इस्तेमाल अधिक हो रहा है. एसएसपी का कहना है कि फ़ायरिंग की घटनाओं को देखते हुए जिले में अवैध असलहों को बेच रहे बदमाशों की धरपकड़ का विशेष अभियान भी चलेगा.
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