दिसंबर 1993 : ब्रेस्ट कैंसर सर्जरी के बाद 91 साल की हेलेन डीन की सेहत में सुधार हो रहा था. कुछ ही घंटों में उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज किया जाने वाला था. ठीक तभी चार्ल्स अस्पताल के उस कमरे में दाखिल हुआ जहां हेलेन भर्ती थीं. वहां हेलेन का बेटा लैरी भी मौजूद था. चार्ल्स ने लैरी से बाहर जाने के लिए कहा. लैरी ने कारण पूछा तो चार्ल्स ने मरीज़ की जांच और दवा देने की बात कही. लैरी के बाहर जाते ही चार्ल्स ने हेलेन को एक इंजेक्शन दिया. लैरी ने डॉक्टरों और अस्पताल प्रशासन के पास यह बात पहुंचाई कि चार्ल्स नाम का नर्स जब उसकी मां के इलाज के लिए असाइन ही नहीं किया गया है तो वह अचानक दवाएं देने कैसे आ गया. इसके बाद हेलेन को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया और अगले ही दिन अपने घर में हेलेन की मौत हो गई.
1998 : एक अस्पताल में चार्ल्स बतौर नर्स कार्यरत था. नाइट शिफ्ट में उसके साथ एक फीमेल नर्स किंबरली भी ड्यूटी पर थी. इस शिफ्ट के बाद 83 साल के मरीज़ फ्रांसिस हैनरी की मौत होने के बाद किंबरली से अस्पताल प्रशासन ने पूछताछ की तो किंबरली ने मरीज़ को वह डोज़ देने से इनकार किया जिसके कारण उसकी मौत हुई थी. किंबरली को उस मरीज़ के लिए असाइन किया गया था और किंबरली ने चार्ल्स पर शक भी ज़ाहिर किया गया लेकिन अस्पताल ने किंबरली को बर्खास्त कर दिया. बाद में अस्पताल ने एक और मामले में चार्ल्स को बर्खास्त किया जिसमें एक मरीज़ की बाज़ू तोड़ने का दोषी उसे पाया गया और उसे उस मरीज़ के कमरे में एक सीरींज ले जाते हुए देखा गया था जिसे चार्ल्स को असाइन नहीं किया गया था.
जून 2003 : एक ईसाई पादरी फादर गॉल एक अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती थे लेकिन उनकी हालत में सुधार हो रहा था. उनकी धड़कन की रफ्तार को नॉर्मल रखने के लिए डॉक्टरों ने डाइगॉक्सिन का नॉर्मल डोज़ तय किया था. पिछले ब्लड टेस्ट में फादर गॉल की रिपोर्ट्स और डोज़ नॉर्मल दिखाई दिए. 27 जून को चार्ल्स ने मेडिकेशन कार्ट से डाइगॉक्सिन निकाला, वह फादर गॉल के कमरे में गया और उन्हें इंजेक्शन लगाया. 28 जून को फादर गॉल की मौत हो गई. कंप्यूटरों में दर्ज रिकॉर्ड्स से पता चला कि गॉल का केस उसे असाइन नहीं किया गया था फिर भी चार्ल्स ने मेडिकल रिकॉर्ड्स और फादर की स्थिति चेक करने के बाद दवाई निकाली और फादर को दी. बाद में रिपोर्ट्स में पाया गया कि गॉल को नॉर्मल से पांच गुना ज़्यादा डाइगॉक्सिन दी गई जो जानलेवा साबित हुई.

12 दिसंबर 2003 की रात चार्ल्स एक रेस्टॉरेंट में अपनी एक महिला मित्र के साथ डिनर कर रहा था. तभी उस रेस्टॉरेंट में पुलिस दाखिल हुई और बेखबर चार्ल्स को हथकड़ी पहनाते हुए उसे अरेस्ट कर लिया. चार्ल्स को पता था कि एक न एक दिन ऐसा होगा लेकिन ऐसे इस तरह अचानक होगा, यह चार्ल्स की कल्पना से परे था. गिरफ्तारी के बाद जांच और पूछताछ का जो सिलसिला चला, उसमें जो खुलासे होते गए, पूरा देश और दुनिया उनसे चकित रह गई.
आसान नहीं था हत्याओं की वजह समझना
चार्ल्स द्वारा दर्जनों हत्याएं किए जाने का रहस्य जैसे ही खुला तो सबकी दिलचस्पी इसी बात में थी कि आखिर इसकी वजह क्या है. लेकिन यह समझ पाना बहुत टेढ़ी खीर था क्योंकि चार्ल्स का केस मनोविज्ञान की समझ की मांग करता था. चार्ल्स ने जो कहानी बताई और फिर जो कुछ तस्दीक के बाद सामने आया उसके मुताबिक चार्ल्स का जीवन एक के बाद एक त्रासदियों से भरा रहा. उसका बचपन और नौजवानी जिन घटनाओं से गुज़री, उनके कारण वह सामान्य नहीं रह गया था.
चार्ल्स बचपन से ही समाज का वह सदस्य रहा जिसे दुख, ज़िल्लत और नफ़रत का सामना करना पड़ा. उसकी शादी भी कामयाब नहीं रही और उसके बच्चे भी उसके पास ज़्यादा नहीं रह सके. चार्ल्स के मुताबिक इन परिस्थितियों के कारण वह बेहद डिप्रेशन और मानसिक कमज़ोरियों का शिकार रहा.
चार्ल्स ने यह भी कहा कि एक समय के बाद वह कत्ल के लिए खुद को मजबूर समझने लगा था. 40 से ज़्यादा हत्याओं का जुर्म कबूल करने वाले चार्ल्स ने यह भी कहा कि वह बहुत सा समय और बहुत सी घटनाएं किसी मानसिक समस्या के चलते भूल भी चुका है. कहा जाता है कि चार्ल्स ने कितने लोगों की हत्या की, यह एक रहस्य ही रह जाएगा क्योंकि यह सच सिर्फ वही जानता है और उसे अब याद नहीं है.
एक अनुमान के हिसाब से चार्ल्स द्वारा करीब 400 हत्याएं करने का शक भी ज़ाहिर किया गया है.
चार्ल्स की मानसिक स्थिति
सबसे पहले चार्ल्स ने 9 साल की उम्र में खुदकुशी करने की कोशिश की थी लेकिन वह नाकाम रहा. चार्ल्स का कहना था कि वह कॉलोनी और स्कूल में साथी बच्चों द्वारा तिरस्कार का शिकार रहा. उसे हमेशा ताने और फब्तियां सुनने को मिलीं. वह पढ़ाई में ठीक था लेकिन दूसरे बच्चों की तरह बहुत सी बातों को सामान्य ढंग से समझ नहीं पाता था इसलिए उसके साथ ऐसा बर्ताव किया जाता था जिसके कारण वह परेशान होकर खुदकुशी के लिए प्रेरित हुआ.
एक बार नहीं बल्कि बार-बार चार्ल्स खुदकुशी की नाकाम कोशिशें करता रहा. जब उसकी पत्नी ने घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज करवाई तब भी चार्ल्स ने खुदकुशी की कोशिश की. दूसरी बार ऐसी ही शिकायत उसकी पत्नी ने की तब फिर यही कोशिश की. इसके अलावा भी कई बार किसी की हत्या करने के बाद चार्ल्स खुदकुशी करने की कोशिश करता रहा लेकिन कभी कामयाब नहीं हुआ. 1981 से 84 के बीच जब वह नेवी में रहा तब भी उसने कई बार खुदकुशी करना चाही.
प्रायश्चित की एक कोशिश
अगस्त 2006 की बात है जब चार्ल्स को अर्नी पैकहैम की मां का एक खत मिला. इस खत में लिखा था कि चार्ल्स अगर उसके बेटे की मदद करे तो वह आभारी रहेगी. अस्ल में चार्ल्स पहले अर्नी की बहन मिशेल के साथ एक कम समय की रिलेशनशिप में रह चुका था. चार्ल्स ने अपनी पूर्व गर्लफ्रेंड के भाई की जान बचाने के लिए अपनी एक किडनी दान देने का निश्चय किया. बाद में चार्ल्स के इस कदम को उसके कर्मों का पश्चाताप और प्रायश्चित माना गया.
चार्ल्स के बयान
"आप समझ सकते हैं कि उस वक्त मैं नौ साल का था जब पहली बार खुदकुशी की कोशिश की. अगर उस वक्त मैं मर चुका होता तो इतनी ज़िंदगियां और मेरा परिवार इस तरह प्रभावित नहीं होता."

मुझे लोगों का कत्ल करने में कोई खुशी नहीं मिलती थी बल्कि मुझे लगता था कि उन्हें और तकलीफ न हो. वे सभी मरीज़ थे और दर्द भोग रहे थे तो मैं सोचता था कि एक तरह से मैं उनकी मदद कर रहा था.
"आप जानते हैं कि मैंने जो किया है उसे जायज़ ठहराने का कोई तर्क हो ही नहीं सकता. मैं इन हत्याओं को जायज़ ठहराना भी नहीं चाहता. मैं बस यह कहना चाहता हूं कि जब मैंने यह सब किया तब मेरी मानसिक स्थिति बेहद टूटे और मजबूर इंसान जैसी रही थी."
आखिर कौन है ये चार्ल्स?
फिलहाल 58 साल के चार्ल्स कुलन को दुनिया के सबसे खतरनाक सीरियल किलर के रूप में पहचान मिलने संबंधी खबरें चर्चा में हैं. खुद चार्ल्स ने अब तक 40 से ज़्यादा हत्याएं करने की बात कबूल कर ली है. एक के बाद एक उसके द्वारा की गई हत्याओं के केस खुल रहे हैं और उनमें फैसले आ रहे हैं. 2009 तक चार्ल्स को 12 बार उम्र कैद की सज़ा सुनाई जा चुकी थी यानी करीब 400 सालों की कैद की सज़ा. चार्ल्स द्वारा मेडिकल प्रोफेशन में बतौर मेल नर्स किए गए इन कत्लों को लेकर पूरे अमेरिका में सनसनी फैली रही. बतौर नर्स अपने 16 सालों के करियर में चार्ल्स ने इन कत्लों को अंजाम दिया.

सीरियल किलर चार्ल्स कुलन
सुर्खियों में बना रहा चार्ल्स
चार्ल्स की करतूतों पर वक्त बेवक्त चर्चा होती रही और वह पिछले दो दशकों से लगातार सुर्खियों में बना रहा. कभी किसी किताब में चार्ल्स के खतरनाक कत्लों का चिट्ठा खोला गया तो कभी समाचार पत्रों या टीवी पर. हाल ही चार्ल्स पर एक डॉक्यूमेंट्री बनाई गई है जो सुर्खियों में है. इसके अलावा कुछ समय पहले आ चुकी एमिली वेब लिखित किताब एंजेल्स आॅफ डेथ में भी चार्ल्स द्वारा की गई हत्याओं का विस्तार से जिक्र हुआ. यह किताब अस्ल में मेडिकल प्रोफेशन से जुड़े उन डॉक्टरों और नर्सों का क्रूर चेहरा दिखाती है जो हत्यारे करार दिए गए.
चार्ल्स केस के कारण हुए कानूनों में बदलाव
2004 में जब चार्ल्स को कई लोगों की हत्याओं के आरोप में गिरफ्तार किया गया तब न्यू जर्सी में पेशेंट सेफ्टी एक्ट यानी मरीज़ सुरक्षा अधिनियम पास किया गया. इस कानून के तहत एक गोपनीय रिपोर्टिंग सिस्टम की व्यवस्था की गई जिसमें स्वास्थ्य संबंधी संस्थाएं स्वास्थ्य विभाग को संदिग्ध घटनाओं और रूट कॉज़ एनालिसिस संबंधी रिपोर्ट दे सकती हैं.
चार्ल्स को हर बार नई नई जगहों पर नौकरियां मिलती रहीं क्योंकि उसकी नकारात्मक छवि को किसी भी संस्था ने शेयर करने में तेज़ी नहीं दिखाई और इस बात को ठीक भी नहीं समझा. इसी के चलते अमेरिका के 30 राज्यों में यह कानून पास किया गया कि पूर्व कर्मचारियों के बारे में अगर उन्हें ऐसा लगता है कि वो संदिग्ध या नुकसानदायक बर्ताव कर सकते हैं तो उनकी ऐसी जानकारी शेयर करने के लिए उन्हें सुरक्षा की व्यवस्था की जाएगी.
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Tags: Murder, United States (US), United States of America
FIRST PUBLISHED : June 17, 2018, 07:28 IST