'सारे शैतान एक तरफ, चापो एक तरफ', तो कैसे पकड़ा गया था 'बौना'?
अमेरिका में ड्रग्स अंडरवर्ल्ड के पर्याय मैक्सिकन माफिया एल चापो को मंगलवार को अमेरिकी कोर्ट ने दोषी करार दिया. ट्रायल तक पहुंचने से पहले कैसे पकड़ा गया था चापो? चापो को दबोचने के लिए एक स्पेशल एजेंट के 30 साल के संघर्ष की कहानी.
'दुनिया में कई दुष्ट हैं, लेकिन एल चापो जैसा! शायद कोई नहीं'. कल्पना कीजिए कि उस जांच अफसर पर क्या गुज़रती रही होगी जो 30 सालों से चापो को पकड़ने की फिराक में था और बार-बार नाकाम हो रहा था! यह भी अंदाज़ा लगाइए कि उसकी खुशी का आलम क्या रहा होगा, जब आखिरकार चापो गिरफ्त में आ गया! उसी अफसर की ज़ुबानी, चापो के पकड़े जाने की कहानी.
READ: दुश्मनों को ज़िंदा दफनाता था चापो!
नार्को टेररिज़्म और अमेरिका में ड्रग्स अंडरवर्ल्ड का दूसरा नाम बन चुके एल चापो के गैंग यानी सीनालोआ कार्टेल के कई गुप्त ठिकाने मैक्सिको और अमेरिका में थे. इन्हें अंडरवर्ल्ड में सेफहाउस कहा जाता था. एल चापो पहली बार साल 2001 में जेल से भागा था और तबसे ही भगोड़े की ज़िंदगी जी रहा था यानी इसी तरह के सेफहाउस उसके ठिकाने थे.
READ: बीवियों, महबूबाओं की जासूसी करता था 'बौना'करीब 8 साल कैद में रहने के बाद 2001 में जेल से भागने के लिए चापो ने एक लॉंड्री गाड़ी में छुपने की तरकीब लड़ाई थी. इसके बाद वह करीब 13 सालों तक भगोड़ा रहा लेकिन फिर साल 2014 में उसे पकड़ा गया. इस बार, जेल की सलाखें उसे ज़्यादा नहीं रोक सकीं और वह 2015 में फिर भागा. इस बार उसने एक सुरंग की जुगत आज़माई थी.
पिछले करीब 30 सालों से अमेरिका की ड्रग इनफोर्समेंट एजेंसी के स्पेशल एजेंट रे डॉनवैन की नज़र हर वक्त चापो पर थी. चापो को पकड़ने के लिए रे बेताब था और इसकी कुछ वजहें थीं. एक, वो अपनी काबिलियत साबित करना चाहता था. दूसरा, चापो ने हर बार चकमा देकर उसे हार जाने का एहसास दिला दिया था और इसलिए भी क्योंकि चापो बड़ी मछली था, जिसे पकड़ना उसके विभाग के लिए चुनौती था.
मुंह तक आया निवाला जैसे छिन गया!
साल 2015 में चापो अपने एक महफूज़ अड्डे यानी सेफहाउस पर मौजूद था. इसकी खबर जांच टीमों को लगी. रे ने मैक्सिको के अफसरों के साथ चापो को दबोचने की योजना बनाई और उस सेफहाउस को घेर लिया. लेकिन, वहां से चापो अपनी एक महबूबा के साथ बाथरूम में बने बाथटब के नीचे गुप्त सुरंग के रास्ते निकल भागा. रे को ऐसा लगा जैसे मुंह तक आते आते उसके हाथ से निवाला छूट गया.
READ: कितनी लाशों पर खड़ा है बौना?
रे ने हार नहीं मानी थी और फौरन अपने इंटेलिजेंस और तमाम विभागों के अफसरों की मदद से ये पता करवाया कि इस बार चापो के भागने में किसने और कैसे मदद की थी. और, अब चापो को कैसे दोबारा दबोचा जा सकता था. लोकल अफसरों ने पता लगाया कि मैक्सिको के सीनालोआ प्रांत के लूस मॉचिस के पहाड़ी इलाकों में चापो के गुप्त अड्डे थे और पूरी उम्मीद थी कि वह वहीं पहुंच चुका था.
पहाड़ों में अड्डों पर पल पल रखी गई नज़र
इन पहाड़ों के आसपास फोर्स ने एहतियात के साथ नज़र रखना शुरू की. रे की टीम सहित मैक्सिकन मरीन्स की टीमों ने 24 घंटे निगरानी की क्योंकि चापो कौन सा सेफहाउस चुनने वाला था, कब और कैसे उसे पकड़ा जा सकता था, ये सब जानना ज़रूरी था. कुछ वक्त तक लगातार निगरानी रखने के बाद चापो के मूवमेंट से जुड़ी अच्छी खासी जानकारियां जुटाई जा चुकी थीं और सही मौके पर हमला बोलने का वक्त नज़दीक था.
READ : ये है 'बौने' का 'लॉलीपॉप'
फिर आया 7 जनवरी 2016 का दिन. जांच टीमों ने चापो का मूवमेंट देखा. पहाड़ों की भूलभुलैया में खोया हुआ चापो सेफहाउस बदलने की तैयारी में देखा गया. पिछले कई हफ्तों से जिस सेफहाउस को टीमों ने निशाना बना रखा था, चापो उसी तक पहुंचने के लिए ट्रक बदल बदलकर जा रहा था. यही मौका था जब चापो को दबोचा जा सकता था. रे और मरीन्स की टीमों ने धावा बोला.
सेफहाउस के भीतर तो गया चापो, फिर हो गया गायब!
दोनों तरफ से गोलीबारी हुई, पीछा किया गया और कई लोग ज़ख्मी हुए तो कुछ मारे भी गए. इस एनकाउंटर में चापो अपने सेफहाउस में दाखिल हो गया. कुछ देर बाद चापो के साथियों से भिड़ते हुए, कुछ को गिरफ्तार करते हुए जब रे और मरीन्स के कुछ अफसर उस सेफहाउस के भीतर दाखिल हुए तो उनकी हैरानी का कोई ठिकाना नहीं था. वहां चापो नहीं था. एक एक कोना छान मारा गया लेकिन चापो कहीं नहीं मिला.

'यहां ज़रूर कोई सुरंग है! उस कमीने चापो का ट्रेड मार्क स्टाइल यही है. सुरंग खोजो..' खोजबीन के दौरान अचानक किसी अफसर का हाथ एक चीज़ पर पड़ा तो एक अलमारी का दरवाज़ा पलटकर खुल गया. अलमारी से गुप्त रास्ता दिखा. उसमें दाखिल होते ही सुरंग का सुराग मिला. ये सुरंग उस मकान के नीचे की सीवेज लाइन से मिलकर निकल रही थी. रे और बाकी अफसरों ने एक दूसरे की तरफ देखा क्योंकि उस रास्ते पर गंदा पानी भरा हुआ था.
लूस मॉचिस और आसपास के इलाकों में फैली जांच टीमों को रेडियो और वायरलैस के ज़रिये सतर्क किया गया. इस सीवेज टनल के बारे में इत्तला दी गई और रे व मरीन्स के कुछ अफसर इस सीवेज टनल में घुस गए. बाकी फोर्स चापो के खास साथियों और शूटरों को गिरफ्तार कर वहां से ले जाने का इंतज़ाम कर रही थी. इनमें से कुछ मैक्सिको के वॉंटेड खतरनाक शूटर और गैंगस्टर थे.
और जब चापो को एक कार ने धोखा दिया
इस सुरंग में चापो काफी आगे निकल चुका था लेकिन कुछ आहटों और आवाज़ों की वजह से रे और उसके साथियों को रास्ते का इशारा मिल रहा था. इस सुरंग के एक सीवेज होल के दरवाज़े से चापो और उसका एक सबसे खतरनाक शूटर चोलो इवान बाहर निकले. बाहर निकलते ही इवान ने पिस्तौल की नोक पर एक ड्राइवर से कार छीनी और चापो के साथ वह कार से निकला.
इस ड्राइवर ने पास खड़ी दूसरी टैक्सी के रेडियो सिस्टम की मदद से पुलिस को अलर्ट कर दिया. 'ये गाड़ी छोड़ना पड़ेगी इवान, उस ड्राइवर ने कुछ वायरलैस मैसेज किया है.' चापो को भनक लग गई थी इसलिए कुछ ही दूर जाकर इवान ने एक और गाड़ी देखी. एक बूढ़ी औरत और उसका पोता उस गाड़ी में थे. इवान ने फिर पिस्तौल दिखाकर दोनों को डराकर वहां से भगा दिया और चापो के साथ कार में बैठा.
वायरलैस पर अलर्ट हो चुकी पुलिस मौके की तरफ बढ़ रही थी. रे और मरीन्स टीम को पल पल की खबर मिल रही थी और वो भी मौके की तरफ बढ़ रहे थे. उसी वक्त, बदली हुई कार जैसे ही इवान ने स्टार्ट की तो इंजन से धुआं उठा और कार हिचकोला खाकर रुक गई. दोनों समझ गए थे कि कार का इंजन जवाब दे चुका था. लेकिन, इससे पहले कि अब चापो और इवान उस कार से निकलकर भाग पाते, दोनों को एहसास हो चुका था कि वक्त बहुत कम था.

चापो और इवान की तरफ से गोलियां चलाई गईं क्योंकि पुलिस वहां पहुंच चुकी थी. वायरलैस के ज़रिये मरीन्स और फेडरल फोर्स भी चापो के पीछे पड़ चुकी थी. वहां से तो इवान की गोलीबारी के बाद चापो किसी तरह निकल भागा लेकिन मरीन्स और फेडरल पुलिस को एक टो ट्रक ड्राइवर ने उस मोटल के बारे में बताया जहां उसने दो लोगों को भागते हुए कुछ ही देर पहले दाखिल होते देखा था.
सालों तक हारने के बाद जीत का एहसास
कुछ ही देर बाद उस मोटल के एक कमरे से चापो और इवान दोनों पुलिस की हिरासत में थे क्योंकि वहां से भागने का कोई और रास्ता नहीं था. दोनों की गिरफ्तारी की खबर जैसे ही रे को मिली तो वह सुरंग के रास्ते के अंतिम छोर पर था. रे खुशी से झूठ उठा और उसके साथी अफसर भी. 'हम जीत गए, आखिर हम जीत ही गए..' रे ने फौरन अपने अफसरों से बात कर चापो के पकड़े जाने की खबर दी.
दुनिया के सबसे खतरनाक आपराधिक गिरोह माने जाने सीनालोआ कार्टेल का सरगना चापो हिरासत में था. उसे अमेरिका को सौंपा गया. पिछले दिनों से चापो के खिलाफ ट्रायल ने तेज़ी पकड़ी और बीते मंगलवार को ही चापो को ज्यूरी ने दोषी करार दिया. चापो के खिलाफ फैसला आना अभी बाकी है.
दुनिया में कुछ दुष्ट हैं लेकिन एल चापो एक ही है. बेशक कुछ लोग ऐसे हैं जो समाज के लिए गलत फैसले लेते हैं और बुरा करते हैं. लेकिन, चापो... उन लोगों में शुमार है जो हज़ारों हज़ार लोगों की ज़िंदगियों के साथ खिलवाड़ करते हैं, उन्हें तबाह कर देते हैं.
स्पेशल एजेंट रे ने मीडिया को चापो को पकड़ने की पूरी कहानी सुनाते हुए यह बात कही. रे ने यह भी कहा कि सालों तक उसे चापो के हाथों हारने का जो एहसास होता रहा, आखिरकार चापो को भी उसके हाथों हारने का एहसास हुआ और यही उसकी जीत थी.
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पिछले करीब 30 सालों से अमेरिका की ड्रग इनफोर्समेंट एजेंसी के स्पेशल एजेंट रे डॉनवैन की नज़र हर वक्त चापो पर थी. चापो को पकड़ने के लिए रे बेताब था और इसकी कुछ वजहें थीं. एक, वो अपनी काबिलियत साबित करना चाहता था. दूसरा, चापो ने हर बार चकमा देकर उसे हार जाने का एहसास दिला दिया था और इसलिए भी क्योंकि चापो बड़ी मछली था, जिसे पकड़ना उसके विभाग के लिए चुनौती था.

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साल 2015 में चापो अपने एक महफूज़ अड्डे यानी सेफहाउस पर मौजूद था. इसकी खबर जांच टीमों को लगी. रे ने मैक्सिको के अफसरों के साथ चापो को दबोचने की योजना बनाई और उस सेफहाउस को घेर लिया. लेकिन, वहां से चापो अपनी एक महबूबा के साथ बाथरूम में बने बाथटब के नीचे गुप्त सुरंग के रास्ते निकल भागा. रे को ऐसा लगा जैसे मुंह तक आते आते उसके हाथ से निवाला छूट गया.
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रे ने हार नहीं मानी थी और फौरन अपने इंटेलिजेंस और तमाम विभागों के अफसरों की मदद से ये पता करवाया कि इस बार चापो के भागने में किसने और कैसे मदद की थी. और, अब चापो को कैसे दोबारा दबोचा जा सकता था. लोकल अफसरों ने पता लगाया कि मैक्सिको के सीनालोआ प्रांत के लूस मॉचिस के पहाड़ी इलाकों में चापो के गुप्त अड्डे थे और पूरी उम्मीद थी कि वह वहीं पहुंच चुका था.
पहाड़ों में अड्डों पर पल पल रखी गई नज़र
इन पहाड़ों के आसपास फोर्स ने एहतियात के साथ नज़र रखना शुरू की. रे की टीम सहित मैक्सिकन मरीन्स की टीमों ने 24 घंटे निगरानी की क्योंकि चापो कौन सा सेफहाउस चुनने वाला था, कब और कैसे उसे पकड़ा जा सकता था, ये सब जानना ज़रूरी था. कुछ वक्त तक लगातार निगरानी रखने के बाद चापो के मूवमेंट से जुड़ी अच्छी खासी जानकारियां जुटाई जा चुकी थीं और सही मौके पर हमला बोलने का वक्त नज़दीक था.
READ : ये है 'बौने' का 'लॉलीपॉप'
फिर आया 7 जनवरी 2016 का दिन. जांच टीमों ने चापो का मूवमेंट देखा. पहाड़ों की भूलभुलैया में खोया हुआ चापो सेफहाउस बदलने की तैयारी में देखा गया. पिछले कई हफ्तों से जिस सेफहाउस को टीमों ने निशाना बना रखा था, चापो उसी तक पहुंचने के लिए ट्रक बदल बदलकर जा रहा था. यही मौका था जब चापो को दबोचा जा सकता था. रे और मरीन्स की टीमों ने धावा बोला.
सेफहाउस के भीतर तो गया चापो, फिर हो गया गायब!
दोनों तरफ से गोलीबारी हुई, पीछा किया गया और कई लोग ज़ख्मी हुए तो कुछ मारे भी गए. इस एनकाउंटर में चापो अपने सेफहाउस में दाखिल हो गया. कुछ देर बाद चापो के साथियों से भिड़ते हुए, कुछ को गिरफ्तार करते हुए जब रे और मरीन्स के कुछ अफसर उस सेफहाउस के भीतर दाखिल हुए तो उनकी हैरानी का कोई ठिकाना नहीं था. वहां चापो नहीं था. एक एक कोना छान मारा गया लेकिन चापो कहीं नहीं मिला.

'यहां ज़रूर कोई सुरंग है! उस कमीने चापो का ट्रेड मार्क स्टाइल यही है. सुरंग खोजो..' खोजबीन के दौरान अचानक किसी अफसर का हाथ एक चीज़ पर पड़ा तो एक अलमारी का दरवाज़ा पलटकर खुल गया. अलमारी से गुप्त रास्ता दिखा. उसमें दाखिल होते ही सुरंग का सुराग मिला. ये सुरंग उस मकान के नीचे की सीवेज लाइन से मिलकर निकल रही थी. रे और बाकी अफसरों ने एक दूसरे की तरफ देखा क्योंकि उस रास्ते पर गंदा पानी भरा हुआ था.
लूस मॉचिस और आसपास के इलाकों में फैली जांच टीमों को रेडियो और वायरलैस के ज़रिये सतर्क किया गया. इस सीवेज टनल के बारे में इत्तला दी गई और रे व मरीन्स के कुछ अफसर इस सीवेज टनल में घुस गए. बाकी फोर्स चापो के खास साथियों और शूटरों को गिरफ्तार कर वहां से ले जाने का इंतज़ाम कर रही थी. इनमें से कुछ मैक्सिको के वॉंटेड खतरनाक शूटर और गैंगस्टर थे.
और जब चापो को एक कार ने धोखा दिया
इस सुरंग में चापो काफी आगे निकल चुका था लेकिन कुछ आहटों और आवाज़ों की वजह से रे और उसके साथियों को रास्ते का इशारा मिल रहा था. इस सुरंग के एक सीवेज होल के दरवाज़े से चापो और उसका एक सबसे खतरनाक शूटर चोलो इवान बाहर निकले. बाहर निकलते ही इवान ने पिस्तौल की नोक पर एक ड्राइवर से कार छीनी और चापो के साथ वह कार से निकला.
इस ड्राइवर ने पास खड़ी दूसरी टैक्सी के रेडियो सिस्टम की मदद से पुलिस को अलर्ट कर दिया. 'ये गाड़ी छोड़ना पड़ेगी इवान, उस ड्राइवर ने कुछ वायरलैस मैसेज किया है.' चापो को भनक लग गई थी इसलिए कुछ ही दूर जाकर इवान ने एक और गाड़ी देखी. एक बूढ़ी औरत और उसका पोता उस गाड़ी में थे. इवान ने फिर पिस्तौल दिखाकर दोनों को डराकर वहां से भगा दिया और चापो के साथ कार में बैठा.
वायरलैस पर अलर्ट हो चुकी पुलिस मौके की तरफ बढ़ रही थी. रे और मरीन्स टीम को पल पल की खबर मिल रही थी और वो भी मौके की तरफ बढ़ रहे थे. उसी वक्त, बदली हुई कार जैसे ही इवान ने स्टार्ट की तो इंजन से धुआं उठा और कार हिचकोला खाकर रुक गई. दोनों समझ गए थे कि कार का इंजन जवाब दे चुका था. लेकिन, इससे पहले कि अब चापो और इवान उस कार से निकलकर भाग पाते, दोनों को एहसास हो चुका था कि वक्त बहुत कम था.

चापो और इवान की तरफ से गोलियां चलाई गईं क्योंकि पुलिस वहां पहुंच चुकी थी. वायरलैस के ज़रिये मरीन्स और फेडरल फोर्स भी चापो के पीछे पड़ चुकी थी. वहां से तो इवान की गोलीबारी के बाद चापो किसी तरह निकल भागा लेकिन मरीन्स और फेडरल पुलिस को एक टो ट्रक ड्राइवर ने उस मोटल के बारे में बताया जहां उसने दो लोगों को भागते हुए कुछ ही देर पहले दाखिल होते देखा था.
सालों तक हारने के बाद जीत का एहसास
कुछ ही देर बाद उस मोटल के एक कमरे से चापो और इवान दोनों पुलिस की हिरासत में थे क्योंकि वहां से भागने का कोई और रास्ता नहीं था. दोनों की गिरफ्तारी की खबर जैसे ही रे को मिली तो वह सुरंग के रास्ते के अंतिम छोर पर था. रे खुशी से झूठ उठा और उसके साथी अफसर भी. 'हम जीत गए, आखिर हम जीत ही गए..' रे ने फौरन अपने अफसरों से बात कर चापो के पकड़े जाने की खबर दी.
दुनिया के सबसे खतरनाक आपराधिक गिरोह माने जाने सीनालोआ कार्टेल का सरगना चापो हिरासत में था. उसे अमेरिका को सौंपा गया. पिछले दिनों से चापो के खिलाफ ट्रायल ने तेज़ी पकड़ी और बीते मंगलवार को ही चापो को ज्यूरी ने दोषी करार दिया. चापो के खिलाफ फैसला आना अभी बाकी है.

स्पेशल एजेंट रे ने मीडिया को चापो को पकड़ने की पूरी कहानी सुनाते हुए यह बात कही. रे ने यह भी कहा कि सालों तक उसे चापो के हाथों हारने का जो एहसास होता रहा, आखिरकार चापो को भी उसके हाथों हारने का एहसास हुआ और यही उसकी जीत थी.
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Updated: February 14, 2019 07:41 PM ISTवेलेंटाइन डे मर्डर: प्यार के इन्जेक्शन में भर चुका था तनाव का सायनाइड