फेसबुक के ज़रिये मिला कातिल, 38 साल बाद खुला कत्ल का राज़ लेकिन...
समुद्री सफर के दौरान उसने लिखा था कि नाव पर कुछ नहीं होता इसलिए बोरियत होती है लेकिन नाव पर उसका और उसके मंगेतर का कत्ल हुआ. कत्ल का यह राज़ 38 साल बाद फेसबुक से खुला और अमेरिका में कातिल तक पहुंची मकतूल की ब्रिटेन निवासी बहन.
जुलाई 1978 में ग्वाटेमाला के समुद्री किनारे पर दो लाशें तैरती हुई मिलीं. इनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया कि लाशें गवाही देती हैं कि कत्ल से पहले कातिल ने इनके साथ दरिंदगी की. जांच आगे बढ़ी लेकिन उस वक्त के हालात की वजह से एक हद के बाद रुक गई. कोई नतीजा नहीं निकला और 38 साल बाद इस कत्ल को अंजाम देने वाले शख्स को मकतूल की बहन ने फेसबुक के ज़रिये खोज लिया. इस कहानी में विडंबना का एक मोड़ और सीरियल किलिंग का ट्विस्ट भी सामने आया.
कहानी नये सिरे से अक्टूबर 2015 से शुरू हुई थी. आॅक्सफोर्डशायर में रह रही पैनी एक दोपहर जब वॉक के बाद घर लौटी तो उसने कुछ आराम करने के बाद अपना लैपटॉप खोला. आरामतलबी और गफ़लत में इधर उधर सर्फिंग के बाद पैनी के ज़ेहन में अचानक खयाल आया कि 'हो सकता है कि बॉस्टन भी एफबी पर हो.' पैनी फेसबुक पर बॉस्टन नाम के आदमी की तलाश करने लगी. कुछ देर की मशक्कत के बाद बॉस्टन का प्रोफाइल मिल गया.
बॉस्टन की इस प्रोफाइल के डिटेल्स से हैरान हुई पैनी को पहला खयाल यही आया कि एफबी के ज़रिये बॉस्टन को तलाशने का खयाल उसे पहले क्यों नहीं आया था! सफेद दाढ़ी, काला चश्मा और बेसबॉल कैप पहने बॉस्टन की तस्वीर मिल जाने के बाद पैनी ने उसके दो बेटों रसेल और विन्स को भी फेसबुक पर खोज निकाला. पैनी को अचानक लगा जैसे उसने बाज़ी मार ली. उसकी आंखों में खुशी से आंसू छलक उठे थे. उसने फौरन सबके लिए मैसेज छोड़े लेकिन जल्द किसी का जवाब नहीं मिला.
फिर पैनी ने मैनचेस्टर पुलिस और उसके ज़रिये सेक्रेमेंटों पुलिस तक संपर्क किया और बॉस्टन व उसके बेटों के बारे में अपनी तफ्तीश को लेकर बातचीत की. जल्द ही रसेल और विन्स को पुलिस ने पूछताछ के लिए तलब किया और उन्होंने जो बताया, वह न केवल हैरान करने वाला था बल्कि एक भुलाई जा चुकी कहानी की पूरी तस्वीर पेश कर रहा था. दोनों के बयान इस तरह थे -
हमने अपने बाप के गुस्सैल और हिंसक बर्ताव के कारण अपनी पूरी ज़िंदगी जैसे किसी नरक में गुज़ारी है. आप यकीन नहीं करेंगे लेकिन हमारी फैमिली में यह खुला हुआ राज़ यानी 'ओपन सीक्रेट' था कि हमारी मां का कत्ल कैसे हुआ, किसने किया? और तो और, हमने बरसों चाहा कि किसी तरह पुलिस को विश्वास दिला सकें कि ग्वाटेमाला में क्रिस और पीटा का कत्ल हमारे बाप बॉस्टन ने ही किया था.

रसेल और विन्स समेत और कुछ लोगों के बयानों के बाद मार्च 2016 में पुलिस के पास बॉस्टन के खिलाफ कई सबूत थे. पुलिस ने क्रिस की बहन पैनी और उसके परिवार को बुलाकर बातचीत की. इस बातचीत में साफ हुआ कि 38 साल पहले अस्ल में क्रिस और पीटा के साथ हुआ क्या था.समुद्री सफर में कत्ल की कहानी
क्रिस ने अपने पैरेंट्स को जो आखिरी खत लिखा था, उसके मुताबिक जून-जुलाई 1978 में बेलीज़ से समुद्री सफर के लिए क्रिस और पीटा निकले थे. क्रिस ने लिखा था - 'मैक्सिको जाने के लिए बस के बजाय हमने अमेरिकी शख्स बॉस्टन के साथ उसकी बोट से सफर करना तय किया. अजनबी बॉस्टन हमारा दोस्त बन गया है और हम बॉस्टन और उसके दो छोटे बेटों के साथ उसकी नाव से होंडुरास की तरफ जा रहे हैं.'
दूसरी तरफ क्रिस की मंगेतर पीटा ने पैरेंट्स को भेजी चिट्ठी में लिखा था - 'नाव पर बोरियत होती है क्योंकि यहां करने के लिए कुछ खास होता नहीं है'. अब हुआ यह था कि जुलाई 1978 में ग्वाटेमाला समुद्री किनारे पर क्रिस और पीटा की लाशें मिली थीं. इससे पहले नाव पर उनके साथ क्या हुआ था? अस्ल में नाव का मालिक और क्रिस व पीटा के लिए मेज़बान बना बॉस्टन एक ज़ालिम किस्म का आदमी था.

बॉस्टन ने उस बोट पर एक रोज़ देखा कि क्रिस व पीटा बोट के ऊपरी हिस्से पर एक रेलिंग के सहारे खड़े समुद्र के नज़ारे देख रहे थे. बॉस्टन ने अपने दोनों बेटों रसेल और विन्स को बोट के निचले फ्लोर पर किसी काम से भेज दिया. लोहे की एक रॉड लेकर बॉस्टन रेलिंग के पास पहुंचा और उसने क्रिस के सिर पर ज़ोरदार हमला किया. क्रिस फौरन रेलिंग के सहारे बोट पर गिर गया और पीटा उसे संभालने लगी. इसके बाद बॉस्टन ने क्रिस पर कई हमले किए जिससे वह लहूलुहान हो गया.
इस हालत में भी पीटा को क्रिस तसल्ली दे रहा था कि सब ठीक हो जाएगा और पीटा एक पल क्रिस को संभाल रही थी तो एक पल बॉस्टन को कोस रही थी. बॉस्टन क्रूरता से हंस रहा था. इस बीच बॉस्टन ने एक रस्सी उठाई और बोट की रेलिंग से क्रिस को ज़ोर से बांधने लगा. पीटा ने उसका विरोध किया तो उसने मारपीट करते हुए पीटा को काबू किया. क्रिस को बुरी तरह बांध देने के बाद बॉस्टन ने पीटा की तरफ देखा.
ज़ख्मी हालत में शाम तक पीटा किसी तरह ऊपर क्रिस के पास पहुंच पाई. दोनों अधमरे हो चुके थे और बॉस्टन ने आखिरकार दोनों पर आखिरी हमला किया. दोनों की लाशों को उसने ग्वाटेमाला के पास समुद्र में फेंक दिया. अब ये लाशें मिलीं तो इनकी शिनाख्त हुई और कातिल को तलाशने का सिलसिला चला. बेलीज़ के हार्बर पोस्ट पर की गई तफ्तीश के बाद पता चला कि दोनों बॉस्टन की बोट से रवाना हुए थे.
बरसों जारी रही कातिल की तलाश
कुछ समय बाद कैलिफोर्निया के सेक्रेमेंटो में बॉस्टन को ढूंढ़ लिया गया. उसका क्रिमिनल रिकॉर्ड था और पहले भी बलात्कार, अवैध हथियार रखने जैसे केस उसके खिलाफ हो चुके थे. इसके बावजूद बोट पर हुए कत्ल के बारे में पुलिस को ऐसा कोई पुख्ता सबूत या आधार नहीं मिला जिससे बॉस्टन को हिरासत में लिया जा सके. इसकी एक वजह यह थी कि उस समय न तो इंटरनेट था, न ही फोन कॉल्स के बारे में खास तकनीकें थीं.

दूसरी वजह यह थी कि ग्वाटेमाला तीसरी दुनिया का देश था और वहां व्यवस्था में गंभीरता नहीं थी. अमेरिका, ब्रिटेन और तीसरी दुनिया का देश, तीन व्यवस्थाओं के शामिल होने के कारण मामला इतना पेचीदा हो गया कि बात आगे नहीं बढ़ सकी. केस ठंडा पड़ गया और बॉस्टन से बाद में कोई संपर्क नहीं हो पाया. अगले कुछ सालों में क्रिस के पिता ने रह-रहकर मैनचेस्टर और सेक्रेमेंटो पुलिस के साथ कई बार संपर्क कर केस को आगे बढ़ाने की कोशिश की लेकिन 2013 में क्रिस की पिता की मौत हो गई और वह जान ही नहीं सके कि क्रिस और पीटा के साथ क्या हुआ था?
फिर 2015 में क्रिस की बहन पैनी ने फेसबुक के ज़रिये इस केस को नया मोड़ दिया. रसेल से मुलाकात के दौरान पैनी को और भी बातें पता चलीं और रसेल का कहना था -
मेरे बाप बॉस्टन ने क्रिस और पीटा के कत्ल के करीब दो हफ्तों बाद दो और टूरिस्टों की हत्या की थी. मेरे बाप ने एक बार मुझसे यह भी कहा था कि वह ज़िंदगी में 33 लोगों को मार चुका है. अगर उसने सच कहा था तो वह दुनिया के खतरनाक सीरियल किलर्स की लिस्ट में शुमार किया जा सकता है.
रसेल के इन तमाम बयानों के बाद जब बॉस्टन की खोज शुरू हुई तो उसे कैलिफोर्निया के एक इलाके में तलाश लिया गया जहां वह अपने आखिरी वक्त में था. एक नर्सिंग होम में बीमार के रूप में वह रह रहा था और उसके केयर स्टाफ ने ही उसका फेसबुक प्रोफाइल बना दिया था ताकि कुछ दोस्त बन सकें और वह वक्त गुज़ार सके. अप्रेल 2017 में पैनी को खबर मिली कि बॉस्टन मर गया. पैनी को यह खबर सुनकर यही महसूस हुआ कि उसने कायरों की तरह छुपकर जीने का रास्ता चुना.

इस पूरे मामले पर पैनी का कहना है -
जिस आदमी ने हमारे दो परिवारों को भारी नुकसान पहुंचाया और बरसों हमें एक पीड़ा के साथ जीने के लिए मजबूर किया, वह अपनी शर्तों पर ज़िंदगी जीकर मर गया. ऐसा लगता है कि जैसे कातिल और सिस्टम के हाथों हम छले गए. मेरे पिता बगैर सच जाने मर गए और अब मेरी 93 साल की मां सब कुछ जानती है लेकिन सच जान लेने से तकलीफ कम तो नहीं हो जाती.
अस्ल में, पैनी की किताब 'डेड इन द वॉटर' हाल में छपी है जिसमें पैनी ने अपने भाई और उसकी मंगेतर की रहस्यमयी हत्या का सच जानने के सफर का विस्तार से ब्यौरा दिया गया है.
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कहानी नये सिरे से अक्टूबर 2015 से शुरू हुई थी. आॅक्सफोर्डशायर में रह रही पैनी एक दोपहर जब वॉक के बाद घर लौटी तो उसने कुछ आराम करने के बाद अपना लैपटॉप खोला. आरामतलबी और गफ़लत में इधर उधर सर्फिंग के बाद पैनी के ज़ेहन में अचानक खयाल आया कि 'हो सकता है कि बॉस्टन भी एफबी पर हो.' पैनी फेसबुक पर बॉस्टन नाम के आदमी की तलाश करने लगी. कुछ देर की मशक्कत के बाद बॉस्टन का प्रोफाइल मिल गया.
बॉस्टन की इस प्रोफाइल के डिटेल्स से हैरान हुई पैनी को पहला खयाल यही आया कि एफबी के ज़रिये बॉस्टन को तलाशने का खयाल उसे पहले क्यों नहीं आया था! सफेद दाढ़ी, काला चश्मा और बेसबॉल कैप पहने बॉस्टन की तस्वीर मिल जाने के बाद पैनी ने उसके दो बेटों रसेल और विन्स को भी फेसबुक पर खोज निकाला. पैनी को अचानक लगा जैसे उसने बाज़ी मार ली. उसकी आंखों में खुशी से आंसू छलक उठे थे. उसने फौरन सबके लिए मैसेज छोड़े लेकिन जल्द किसी का जवाब नहीं मिला.
फिर पैनी ने मैनचेस्टर पुलिस और उसके ज़रिये सेक्रेमेंटों पुलिस तक संपर्क किया और बॉस्टन व उसके बेटों के बारे में अपनी तफ्तीश को लेकर बातचीत की. जल्द ही रसेल और विन्स को पुलिस ने पूछताछ के लिए तलब किया और उन्होंने जो बताया, वह न केवल हैरान करने वाला था बल्कि एक भुलाई जा चुकी कहानी की पूरी तस्वीर पेश कर रहा था. दोनों के बयान इस तरह थे -


ग्वाटेमाला, बेलीज़ और होंडुरास. गूगल मैप्स.
रसेल और विन्स समेत और कुछ लोगों के बयानों के बाद मार्च 2016 में पुलिस के पास बॉस्टन के खिलाफ कई सबूत थे. पुलिस ने क्रिस की बहन पैनी और उसके परिवार को बुलाकर बातचीत की. इस बातचीत में साफ हुआ कि 38 साल पहले अस्ल में क्रिस और पीटा के साथ हुआ क्या था.
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क्रिस ने अपने पैरेंट्स को जो आखिरी खत लिखा था, उसके मुताबिक जून-जुलाई 1978 में बेलीज़ से समुद्री सफर के लिए क्रिस और पीटा निकले थे. क्रिस ने लिखा था - 'मैक्सिको जाने के लिए बस के बजाय हमने अमेरिकी शख्स बॉस्टन के साथ उसकी बोट से सफर करना तय किया. अजनबी बॉस्टन हमारा दोस्त बन गया है और हम बॉस्टन और उसके दो छोटे बेटों के साथ उसकी नाव से होंडुरास की तरफ जा रहे हैं.'
दूसरी तरफ क्रिस की मंगेतर पीटा ने पैरेंट्स को भेजी चिट्ठी में लिखा था - 'नाव पर बोरियत होती है क्योंकि यहां करने के लिए कुछ खास होता नहीं है'. अब हुआ यह था कि जुलाई 1978 में ग्वाटेमाला समुद्री किनारे पर क्रिस और पीटा की लाशें मिली थीं. इससे पहले नाव पर उनके साथ क्या हुआ था? अस्ल में नाव का मालिक और क्रिस व पीटा के लिए मेज़बान बना बॉस्टन एक ज़ालिम किस्म का आदमी था.

ग्वाटेमाला समुद्र. फाइल फोटो.
बॉस्टन ने उस बोट पर एक रोज़ देखा कि क्रिस व पीटा बोट के ऊपरी हिस्से पर एक रेलिंग के सहारे खड़े समुद्र के नज़ारे देख रहे थे. बॉस्टन ने अपने दोनों बेटों रसेल और विन्स को बोट के निचले फ्लोर पर किसी काम से भेज दिया. लोहे की एक रॉड लेकर बॉस्टन रेलिंग के पास पहुंचा और उसने क्रिस के सिर पर ज़ोरदार हमला किया. क्रिस फौरन रेलिंग के सहारे बोट पर गिर गया और पीटा उसे संभालने लगी. इसके बाद बॉस्टन ने क्रिस पर कई हमले किए जिससे वह लहूलुहान हो गया.
इस हालत में भी पीटा को क्रिस तसल्ली दे रहा था कि सब ठीक हो जाएगा और पीटा एक पल क्रिस को संभाल रही थी तो एक पल बॉस्टन को कोस रही थी. बॉस्टन क्रूरता से हंस रहा था. इस बीच बॉस्टन ने एक रस्सी उठाई और बोट की रेलिंग से क्रिस को ज़ोर से बांधने लगा. पीटा ने उसका विरोध किया तो उसने मारपीट करते हुए पीटा को काबू किया. क्रिस को बुरी तरह बांध देने के बाद बॉस्टन ने पीटा की तरफ देखा.
रसेल और विन्स को बॉस्टन ने ऊपर बुलाया और क्रिस पर नज़र रखने को कहा. दोनों बेटों को उसने धमकाते हुए हिदायत दी कि क्रिस की कोई मदद न करें. दोनों बच्चे अपने बाप को इस रूप में देखकर दहशत में आ चुके थे. फिर बॉस्टन ज़बरदस्ती करते हुए पीटा को बोट के निचले फ्लोर पर ले गया और उसके साथ बलात्कार किया. यही नहीं, इस दौरान बॉस्टन ने पीटा के साथ हथियारों और औज़ारों से बुरी तरह मारपीट भी की.
ज़ख्मी हालत में शाम तक पीटा किसी तरह ऊपर क्रिस के पास पहुंच पाई. दोनों अधमरे हो चुके थे और बॉस्टन ने आखिरकार दोनों पर आखिरी हमला किया. दोनों की लाशों को उसने ग्वाटेमाला के पास समुद्र में फेंक दिया. अब ये लाशें मिलीं तो इनकी शिनाख्त हुई और कातिल को तलाशने का सिलसिला चला. बेलीज़ के हार्बर पोस्ट पर की गई तफ्तीश के बाद पता चला कि दोनों बॉस्टन की बोट से रवाना हुए थे.
बरसों जारी रही कातिल की तलाश
कुछ समय बाद कैलिफोर्निया के सेक्रेमेंटो में बॉस्टन को ढूंढ़ लिया गया. उसका क्रिमिनल रिकॉर्ड था और पहले भी बलात्कार, अवैध हथियार रखने जैसे केस उसके खिलाफ हो चुके थे. इसके बावजूद बोट पर हुए कत्ल के बारे में पुलिस को ऐसा कोई पुख्ता सबूत या आधार नहीं मिला जिससे बॉस्टन को हिरासत में लिया जा सके. इसकी एक वजह यह थी कि उस समय न तो इंटरनेट था, न ही फोन कॉल्स के बारे में खास तकनीकें थीं.

हत्या का आरोपी सिलास बॉस्टन जिसे फेसबुक के ज़रिये पैनी ने खोजा.
दूसरी वजह यह थी कि ग्वाटेमाला तीसरी दुनिया का देश था और वहां व्यवस्था में गंभीरता नहीं थी. अमेरिका, ब्रिटेन और तीसरी दुनिया का देश, तीन व्यवस्थाओं के शामिल होने के कारण मामला इतना पेचीदा हो गया कि बात आगे नहीं बढ़ सकी. केस ठंडा पड़ गया और बॉस्टन से बाद में कोई संपर्क नहीं हो पाया. अगले कुछ सालों में क्रिस के पिता ने रह-रहकर मैनचेस्टर और सेक्रेमेंटो पुलिस के साथ कई बार संपर्क कर केस को आगे बढ़ाने की कोशिश की लेकिन 2013 में क्रिस की पिता की मौत हो गई और वह जान ही नहीं सके कि क्रिस और पीटा के साथ क्या हुआ था?
फिर 2015 में क्रिस की बहन पैनी ने फेसबुक के ज़रिये इस केस को नया मोड़ दिया. रसेल से मुलाकात के दौरान पैनी को और भी बातें पता चलीं और रसेल का कहना था -

रसेल के इन तमाम बयानों के बाद जब बॉस्टन की खोज शुरू हुई तो उसे कैलिफोर्निया के एक इलाके में तलाश लिया गया जहां वह अपने आखिरी वक्त में था. एक नर्सिंग होम में बीमार के रूप में वह रह रहा था और उसके केयर स्टाफ ने ही उसका फेसबुक प्रोफाइल बना दिया था ताकि कुछ दोस्त बन सकें और वह वक्त गुज़ार सके. अप्रेल 2017 में पैनी को खबर मिली कि बॉस्टन मर गया. पैनी को यह खबर सुनकर यही महसूस हुआ कि उसने कायरों की तरह छुपकर जीने का रास्ता चुना.

क्रिस फार्मर की बहन पैनी जिसने किताब लिखकर पूरे हत्याकांड की तफ्तीश के बारे में खुलासा किया.
इस पूरे मामले पर पैनी का कहना है -

अस्ल में, पैनी की किताब 'डेड इन द वॉटर' हाल में छपी है जिसमें पैनी ने अपने भाई और उसकी मंगेतर की रहस्यमयी हत्या का सच जानने के सफर का विस्तार से ब्यौरा दिया गया है.
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