अतीक अहमद को प्रयागराज की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में 28 मार्च को सुबह 11 बजे पेश किया जाएगा. (PHOTO:News18)
प्रयागराज. माफिया सरगना अतीक अहमद (Atique Ahmed) को साबरमती जेल से प्रयागराज लाया जा रहा है. एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (MP-MLA Special Court) में 28 मार्च को सुबह 11 बजे अतीक अहमद को पेश किया जाएगा. उमेश पाल अपहरण केस (Umesh Pal kidnapping case) में स्पेशल जज एमपी-एमएलए कोर्ट डॉ. दिनेश चंद्र शुक्ल अपना फैसला सुनाएंगे. कोर्ट ने सुनवाई पूरी होने के बाद 17 मार्च को अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था. गौरतलब है कि 25 जनवरी 2005 को बसपा के विधायक राजू पाल की प्रयागराज में हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड में देवीलाल पाल और संदीप यादव की भी मौत हुई थी. राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल का 28 फरवरी 2006 को अपहरण कर लिया गया था.
सबसे खास बात यह रही कि उमेश पाल अपहरण में 8 अभियुक्त वही हैं, जो कि राजूपाल मर्डर केस में भी अभियुक्त थे. इसी केस की पैरवी से लौटने के बाद 24 फरवरी 2023 को उमेश पाल की हत्या (Umesh Pal Murder) कर दी गई. प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में फायरिंग और बमबाजी करके की गई हत्या में उमेश पाल की सुरक्षा में तैनात दो सरकारी गनर भी मारे गए. इसके बाद पुलिस ने माफिया सरगना और पूर्व सांसद अतीक अहमद के गैंग को इस हत्या का जिम्मेदार करार देते हुए उन पर शिकंजा कस दिया.
बसपा सरकार में दर्ज हुआ मुकदमा
अतीक अहमद ने धूमनगंज थाना क्षेत्र के फांसी इमली के पास लैंड क्रूजर गाड़ी से उमेश पाल को अगवा कराया था. अतीक ने उमेश पाल से अपने पक्ष में बयान दिलवाया. बहरहाल साल 2007 में उत्तर प्रदेश में बसपा सरकार बनने के बाद उमेश पाल ने अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया. उमेश पाल ने 5 जुलाई 2007 को धूमनगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई. जिसमें बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद, भाई अशरफ, दिनेश पासी, अंसार अहमद उर्फ अंसार बाबा, खान सौलत हनीफ, जावेद,फरहान, इसरार, आबिद प्रधान,आशिक उर्फ मल्ली और एजाज अख्तर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया. इसमें एक आरोपी अंसार अहमद उर्फ अंसार बाबा की मौत हो चुकी है.
मुकदमे की सुनवाई जल्द पूरा होने से बौखलाया अतीक
2009 में आरोपियों पर कोर्ट ने चार्ज फ्रेम किया और मुकदमे का ट्रायल शुरू हुआ. 2016 में कोर्ट परिसर की चौथी मंजिल से उमेश पाल को फेंकने की कोशिश की गई. पीएसी बुलाने पर उमेश पाल की जान बच सकी. इस मामले में कर्नलगंज थाने में एफआईआर दर्ज है. केस को प्रभावित करने के लिए अभियुक्त अतीक अहमद सुप्रीम कोर्ट गए और मुकदमे का ट्रायल रोके जाने की मांग की. जबकि उमेश पाल ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर जल्द केस का निपटारा करने की मांग की. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दो महीने में 16 मार्च 2023 तक केस की सुनवाई पूरा करने का आदेश दिया. मुकदमे की सुनवाई के दौरान अभियोजन ने 8 गवाह पेश किए.
फांसी और उम्र कैद तक की सजा संभव
उमेश पाल अपहरण केस में धूमनगंज थाने में आईपीसी की धारा 147,148, 149,364 ए,341, 342,504,506, 120बी और 7 सीएलए एक्ट में एफआईआर दर्ज है. इन धाराओं में हथियारों के साथ 5 से ज्यादा लोगों पर मारपीट कर बंधक बनाकर गाली देने और जान से मारने की धमकी देते हुए अपने पक्ष में मन मुताबिक गवाही कराने का मामला दर्ज है. कानून के जानकारों की मानें तो इन धाराओं में अतीक अहमद को आजीवन कारावास या मृत्युदंड तक की सजा मिल सकती है. उमेश पाल अपहरण केस में अतीक अहमद और अशरफ को सजा होती है, तो यह उनको किसी पहले मामले में सजा होगी. राजू पाल हत्याकांड के 8 गवाहों पर दबाव डालकर अतीक अहमद ने बयान में बदलवाया था. बसपा सरकार बनने के बाद उमेश पाल के अलावा अन्य गवाहों ने एफआईआर दर्ज कराई थी. सादिक, सैफुल्ला और महेंद्र सिंह पटेल ने भी एफआईआर दर्ज कराई थी. महेंद्र सिंह पटेल राजू पाल का ड्राइवर था. उसके मुकदमे ट्रायल अभी चल रहा है.
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