वाराणसी: अपहरण के 25 दिन बाद दो युवकों के मिले शव, पहचान मिटाने के लिए तेज़ाब से जलाया चेहरा

प्रतीकात्मक तस्वीर (फाइल फोटो)
पुलिस का कहना है कि इन दोनों का अपहरण (Kidnap) करने में बाद हत्या कर दी गई थी. शव की पहचान मिटाने के लिए हत्यारों ने उन्हें तेज़ाब (Acid) से जला दिया है. दोनों युवकों का शव हनुमान घाटी (अहरौरा, मिर्जापुर) के पास से एक गड्ढे से बरामद किए गए हैं
- News18Hindi
- Last Updated: January 17, 2021, 11:31 PM IST
वाराणसी. बाइस दिसंबर से गायब चल रहे वाराणसी (Varanasi) के दो युवकों के शव पुलिस ने बरामद किये हैं. पुलिस का कहना है कि इन दोनों का अपहरण (Kidnap) करने में बाद हत्या कर दी गई थी. शव की पहचान मिटाने के लिए हत्यारों ने उन्हें तेज़ाब (Acid) से जला दिया है. दोनों युवकों का शव हनुमान घाटी (अहरौरा, मिर्जापुर) के पास से एक गड्ढे से बरामद किए गए हैं.
मिली जानकारी के मुताबिक यह दोनों युवक 22 दिसंबर से गायब थे. इनमें से एक महमूरगंज के गोपाल विहार कॉलोनी में रहने वाले अशोक कुमार पांडेय का इकलौता बेटा रवि पांडेय और दूसरा गोलादीनानाथ के रहने वाले बब्बल केसरी का बेटा शुभम केसरी था. अशोक पांडेय एक दवा फर्म में काम करते हैं. उनका बेटा रवि पीजी कॉलेज में बी.कॉम तृतीय वर्ष का छात्र था. वहीं शुभम केसरी की गोलादीनाथ के रंग मार्केट में परचून की दुकान है. दोनों लड़के बाइक से निकले थे. बाइक का नंबर यूपी 65 एक्यू 8867 है जो कि शुभम के पड़ोसी सुनील गुप्ता की है. जबकि बाइक अभी तक नहीं मिली है.
बताया गया है कि शुभम केसरी गैंग डी-25 का सगरना था और चौक थाने के टॉप-10 अपराधियों में से था. उसके खिलाफ हत्या, लूट और गुंडागर्दी के 14 मामले दर्ज थे. अगस्त 2017 में चौक पर मोहन निगम की हत्या में भी वो आरोपित था. लॉकडाउन के दौरान शुभम को पैरोल पर रिहा किया गया था लेकिन इसके बाद वो हाजिर नहीं हुआ.
अहरौर पुलिस ने यह आशंका जताई कि एक या दो दिन पहले दोनों युवकों की हत्या कर उनके शव को हनुमान घाटी में फेंका गया है. दोनों युवकों के हाथ बंधे थे. दोनों की पहचान घरवालों ने कर ली है. पुलिस अब इसका डीएनए टेस्ट करवाने की तैयारी में है.
मिली जानकारी के मुताबिक यह दोनों युवक 22 दिसंबर से गायब थे. इनमें से एक महमूरगंज के गोपाल विहार कॉलोनी में रहने वाले अशोक कुमार पांडेय का इकलौता बेटा रवि पांडेय और दूसरा गोलादीनानाथ के रहने वाले बब्बल केसरी का बेटा शुभम केसरी था. अशोक पांडेय एक दवा फर्म में काम करते हैं. उनका बेटा रवि पीजी कॉलेज में बी.कॉम तृतीय वर्ष का छात्र था. वहीं शुभम केसरी की गोलादीनाथ के रंग मार्केट में परचून की दुकान है. दोनों लड़के बाइक से निकले थे. बाइक का नंबर यूपी 65 एक्यू 8867 है जो कि शुभम के पड़ोसी सुनील गुप्ता की है. जबकि बाइक अभी तक नहीं मिली है.
बताया गया है कि शुभम केसरी गैंग डी-25 का सगरना था और चौक थाने के टॉप-10 अपराधियों में से था. उसके खिलाफ हत्या, लूट और गुंडागर्दी के 14 मामले दर्ज थे. अगस्त 2017 में चौक पर मोहन निगम की हत्या में भी वो आरोपित था. लॉकडाउन के दौरान शुभम को पैरोल पर रिहा किया गया था लेकिन इसके बाद वो हाजिर नहीं हुआ.
अहरौर पुलिस ने यह आशंका जताई कि एक या दो दिन पहले दोनों युवकों की हत्या कर उनके शव को हनुमान घाटी में फेंका गया है. दोनों युवकों के हाथ बंधे थे. दोनों की पहचान घरवालों ने कर ली है. पुलिस अब इसका डीएनए टेस्ट करवाने की तैयारी में है.