Delhi News: 10वीं और 12वीं के छात्र 18 जनवरी से जा सकेंगे स्कूल, दिल्ली सरकार ने दी सशर्त मंजूरी

सीबीएसई बोर्ड प्रैक्टिकल परीक्षा मार्च से होनी है. (सांकेतिक तस्वीर)
दिल्ली सरकार ने सभी सरकारी और गैर-सरकारी स्कूलों को निर्देश दिया है कि COVID-19 संक्रमण को देखते हुए 10वीं और 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को 18 जनवरी से उनके अभिभावकों की सहमति के बाद स्कूल बुलाया जा सकता है.
- News18Hindi
- Last Updated: January 13, 2021, 6:07 PM IST
नई दिल्ली. दिल्ली के हजारों छात्रों के लिए बड़ी खबर है. दिल्ली सरकार ने 18 जनवरी से शर्तों के साथ 10वीं और 12वीं के छात्रों को स्कूल जाने की छूट देने का फैसला किया है. दिल्ली सरकार (Delhi Government) की ओर से जारी निर्देश के मुताबिक, प्री-बोर्ड की तैयारियों और प्रैक्टिकल वर्क के लिए सरकारी और गैर सरकारी स्कूल (Delhi Schools) के 10वीं और 12वीं के छात्रों को स्कूल बुलाया जा सकता है. ऐसे बच्चों को अभिभावकों की सहमति से ही स्कूल बुलाया जा सकता है.
दिल्ली सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी के सभी सरकारी या सरकार से अनुदान पाने और न पाने वाले स्कूलों के लिए ये निर्देश लागू होंगे. बोर्ड परीक्षा की तैयारियों और प्रैक्टिकल कक्षाओं को देखते हुए सरकार ने यह दिशा-निर्देश जारी किए हैं. आपको बता दें कि कोरोना वायरस महामारी (COVID-19 Pandemic) की वजह से देशभर में लागू लॉकडाउन को लेकर पिछले साल मार्च से ही स्कूल बंद हैं. इस कारण एक तरफ जहां छात्रों की कक्षाएं बाधित हुई हैं, वहीं दूसरी ओर परीक्षाओं को लेकर भी छात्र असमंजस में हैं.
इस दौरान स्कूल आने वाले बच्चों का रिकॉर्ड रखना जरूरी होगा. हालांकि, इसका इस्तेमाल अटेंडेंस के रूप में नहीं किया जाएगा. इसकी वजह यह है कि बच्चों का स्कूल आना या न आना पूरी तरह से अभिभावकों की स्वेच्छा पर निर्भर होगा. इस दौरान स्कूलों में कोविड के नियमों का पूरी तरह से पालन करना होगा. स्कूल में सैनेटाइजेशन, निश्चित शारीरिक दूरी, मास्क पहनने जैसे अन्य नियमों का पालन अनिवार्य होगा.
लिखित परीक्षा को लेकर छात्र चिंतित
इसी बीच जब से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने कक्षा 10 और 12 के छात्रों के लिए बोर्ड परीक्षा-2021 की घोषणा की है, ये विद्यार्थी अपनी परीक्षाओं के संचालन को लेकर चिंतित हैं. सीबीएसई ने कहा है कि वह 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए लिखित प्रारूप में बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन कराएगा. इससे छात्रों की चिंताएं बढ़ गई हैं. नौवीं और 11वीं क्लास के विद्यार्थियों ने बोर्ड से ऑनलाइन परीक्षा लेने की मांग की है.
दिल्ली सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी के सभी सरकारी या सरकार से अनुदान पाने और न पाने वाले स्कूलों के लिए ये निर्देश लागू होंगे. बोर्ड परीक्षा की तैयारियों और प्रैक्टिकल कक्षाओं को देखते हुए सरकार ने यह दिशा-निर्देश जारी किए हैं. आपको बता दें कि कोरोना वायरस महामारी (COVID-19 Pandemic) की वजह से देशभर में लागू लॉकडाउन को लेकर पिछले साल मार्च से ही स्कूल बंद हैं. इस कारण एक तरफ जहां छात्रों की कक्षाएं बाधित हुई हैं, वहीं दूसरी ओर परीक्षाओं को लेकर भी छात्र असमंजस में हैं.
इस दौरान स्कूल आने वाले बच्चों का रिकॉर्ड रखना जरूरी होगा. हालांकि, इसका इस्तेमाल अटेंडेंस के रूप में नहीं किया जाएगा. इसकी वजह यह है कि बच्चों का स्कूल आना या न आना पूरी तरह से अभिभावकों की स्वेच्छा पर निर्भर होगा. इस दौरान स्कूलों में कोविड के नियमों का पूरी तरह से पालन करना होगा. स्कूल में सैनेटाइजेशन, निश्चित शारीरिक दूरी, मास्क पहनने जैसे अन्य नियमों का पालन अनिवार्य होगा.
In order to conduct activities pertaining to pre-board preparation & practical work, the Govt and Govt aided/unaided schools may call students of Class 10 and 12 only to school from 18th January. The child should be called to school only with the consent of parents: Govt of Delhi pic.twitter.com/9NKvCJfbAB
— ANI (@ANI) January 13, 2021
लिखित परीक्षा को लेकर छात्र चिंतित
इसी बीच जब से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने कक्षा 10 और 12 के छात्रों के लिए बोर्ड परीक्षा-2021 की घोषणा की है, ये विद्यार्थी अपनी परीक्षाओं के संचालन को लेकर चिंतित हैं. सीबीएसई ने कहा है कि वह 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए लिखित प्रारूप में बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन कराएगा. इससे छात्रों की चिंताएं बढ़ गई हैं. नौवीं और 11वीं क्लास के विद्यार्थियों ने बोर्ड से ऑनलाइन परीक्षा लेने की मांग की है.