Noida अथॉरिटी में हुआ 90 करोड़ का घोटाला, किसानों को ऐसे बांट दिया दो बार मुआवजा

नोएडा अथॉरिटी में किसानों को दोबार मुआवजा बांटने के नाम पर 90 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है. (File Photo)
नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) की सीईओ (CEO) पूरे मामले की जांच करा रही हैं. अब तक की जांच में अथॉरिटी से जुड़े कुछ लोगों के शामिल होने की बात सामने आ रही है.
- News18Hindi
- Last Updated: February 26, 2021, 4:56 PM IST
नोएडा. ज़मीन का मुआवजा देने के नाम पर नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) में एक बड़ा घोटाला (Scam) हुआ है. 6 महीने की जांच में 90 करोड़ रुपये का घोटाला अब तक सामने आया है. घोटाले की यह रकम किसानों को दूसरी बार में दी गई है. ज़मीन अधिग्रहण (Land Acquisition) करने पर एक बार मुआवजा दे दिया गया था. लेकिन दोबारा मुआवजा देने के नाम पर यह घोटाला हुआ है.
गौरतलब रहे नोएडा में एक नया सेक्टर बसाने के लिए ज़मीन का अधिग्रहण किया गया था. किसानों को दो बार मुआवजा बांटे जाने के चलते ही कुछ शक होने पर सीईओ रितु माहेश्वरी ने इस पूरे मामले की गोपनीय तरीके से जांच कराई थी. 6 महीने की जांच के बाद ही खुलासा हो गया था कि किसानों के साथ अथॉरिटी के कुछ लोगों की मिलीभगत से यह फर्जीवाड़ा हुआ है.
गेझा तिलप्ताबाद गांव में हुआ था ज़मीन का अधिग्रहण
जानकारों की मानें तो साल 1982 में नोएडा अथॉरिटी ने एक नया सेक्टर बसाने के लिए गेझा तिलप्ताबाद गांव की जमीन का अधिग्रहण किया था. जमीनों के रेट तय कर मुआवजा दे दिया गया था. लेकिन कुछ किसानों ने मुआवजे की कम रेट लगाए जाने का आरोप लगाते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में रिट दायर कर दी थी. लेकिन इसी दौरान अथॉरिटी की ओर से कुछ किसानों को 90 करोड़ रुपये अतिरिक्त मुआवजे के तौर पर दोबारा बांटे गए. इसी की जांच सीईओ रितु माहेश्वरी ने कराई थी.Greater Noida: 84 सोसाइटी में बिजली घोटाला! शिकायत पर NPCL ने बिल्डर्स को थमाया नोटिस
अथॉरिटी से जुड़े यह लोग हैं शामिल
नोएडा अथॉरिटी की सीईओ रितु माहेश्वरी ने इस फर्जीवाड़े की जांच के लिए एक कमेटी बनाई है. कमेटी ने पूरे मामले की जांच शुरु कर दी है. अब तक की छानबीन में पता चला है कि अथॉरिटी के अधिकारियों की मिलीभगत से यह बड़ा घोटाला हुआ है.

अथॉरिटी के एक असिस्टेंट लीगल ऑफिसर की भूमिका सामने आ रही है. हालांकि अभी यह अधिकारी सस्पेंड चल रहा है. अथॉरिटी ने उन सभी 9 लोगों से वसूली के लिए राजस्व अधिनियम के तहत वसूली का नोटिस जारी करने का आग्रह किया है जिन्हें मुआवजे के नाम पर अतिरिक्त 90 करोड़ रुपये की रकम बांट दी गई.
गौरतलब रहे नोएडा में एक नया सेक्टर बसाने के लिए ज़मीन का अधिग्रहण किया गया था. किसानों को दो बार मुआवजा बांटे जाने के चलते ही कुछ शक होने पर सीईओ रितु माहेश्वरी ने इस पूरे मामले की गोपनीय तरीके से जांच कराई थी. 6 महीने की जांच के बाद ही खुलासा हो गया था कि किसानों के साथ अथॉरिटी के कुछ लोगों की मिलीभगत से यह फर्जीवाड़ा हुआ है.
गेझा तिलप्ताबाद गांव में हुआ था ज़मीन का अधिग्रहण
अथॉरिटी से जुड़े यह लोग हैं शामिल
नोएडा अथॉरिटी की सीईओ रितु माहेश्वरी ने इस फर्जीवाड़े की जांच के लिए एक कमेटी बनाई है. कमेटी ने पूरे मामले की जांच शुरु कर दी है. अब तक की छानबीन में पता चला है कि अथॉरिटी के अधिकारियों की मिलीभगत से यह बड़ा घोटाला हुआ है.
अथॉरिटी के एक असिस्टेंट लीगल ऑफिसर की भूमिका सामने आ रही है. हालांकि अभी यह अधिकारी सस्पेंड चल रहा है. अथॉरिटी ने उन सभी 9 लोगों से वसूली के लिए राजस्व अधिनियम के तहत वसूली का नोटिस जारी करने का आग्रह किया है जिन्हें मुआवजे के नाम पर अतिरिक्त 90 करोड़ रुपये की रकम बांट दी गई.