चड्ढा को 2022 में राज्य में विधानसभा चुनावों से पहले पंजाब इकाई के लिए पार्टी के सह-प्रभारी के रूप में नियुक्त किया गया था.
नई दिल्ली. आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता राघव चड्ढा (Raghav Chadha), अकादमिक सुधारक अशोक मित्तल और व्यवसायी संजीव अरोड़ा ने सोमवार को राज्यसभा सदस्य (Rajya Sabha) की शपथ ली. नई दिल्ली स्थित राज्यसभा में आयोजित कार्यक्रम में उन्हें विधिवत शपथ दिलाई गई. पंजाब में मिली ऐतिहासिक जीत के बाद आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा, अशोक मित्तल, संजीव अरोड़ा, हरभजन सिंह और संदीप पाठक राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुने गए थे. इनमें से राघव चड्ढा, अशोक मित्तल और संजीव अरोड़ा को आज शपथ दिलाई गई.
बता दें कि आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता राघव चड्ढा को सहज और सरल युवा नेता के रूप में जाना जाता है. दिल्ली में अपनी छाप छोड़ने के बाद पंजाब में आम आदमी पार्टी की सोच और सकारात्मक कार्यों का नेतृत्व कर रहे हैं. उन्होंने अपने राजनीतिक कौशल का इस्तेमाल करते हुए कई राज्यों में विशेष रूप से नई दिल्ली और पंजाब में बड़े पैमाने पर पार्टी के संगठन को सशक्त बनाने का काम किया है. चड्ढा आम आदमी पार्टी के सबसे कम उम्र के राष्ट्रीय प्रवक्ता के रूप में सुर्खियों में रहे हैं. टीवी डिबेट से सोशल मीडिया पर उन्हें पसंद करने वाले फैन्स का एक बड़ा वर्ग तैयार हो गया है.
राघव चड्ढा का राजनीतिक सफर कैसे शुरू हुआ
राघव चड्ढा के “आप” से जुड़ने की एक दिलचस्प कहानी है. उन्होंने मॉडर्न स्कूल, बाराखंभा रोड, नई दिल्ली से पढ़ाई की. दिल्ली विश्वविद्यालय से वाणिज्य में स्नातक (बी.कॉम) किया और उसके बाद अपने पहले प्रयास में चार्टर्ड अकाउंटेंसी पूरी की. उन्होंने कई कंपनियों के साथ काम किया और चार्टर्ड एकाउंटेंट का अभ्यास जारी रखा. इसके बाद राघव चड्ढा ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (एलएसई) में दाखिला लेकर वहां एक बुटीक वेल्थ मैनेजमेंट फर्म की स्थापना की.
अन्ना आंदोलन में क्या भूमिका निभाई?
यह वह दौर था, जब अन्ना आंदोलन अपने चरम पर था. चूंकि आंदोलन अपने अंतिम चरण की ओर था. इसलिए सीएम अरविंद केजरीवाल ने अभी तक इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया था कि राजनीतिक दल बनाया जाए या नहीं. उसी दौरान राघव चड्ढा ने सीएम केजरीवाल से मुलाकात की. इसके बाद उन्हें 2012 में दिल्ली लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार करने का काम सौंपा गया था.
पहले चुनाव में मिली हार
चड्ढा की राजनीतिक यात्रा की शुरुआत में साल 2019 के लोकसभा चुनाव से हुई. लेकिन, वह दूसरे स्थान पर रहे. लोकसभा चुनाव में नई दिल्ली में “आप” के सभी उम्मीदवारों में सबसे अधिक वोट हासिल करने वाले कैंडिडेट रहे. इसके बाद दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में राजेंद्र नगर क्षेत्र से चुनाव लड़ा और 20,058 मतों के अंतर से भाजपा के उम्मीदवार आरपी सिंह के खिलाफ जीत दर्ज की. विधानसभा चुनावों के बाद, उन्हें दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के उपाध्यक्ष के अतिरिक्त प्रभार से सम्मानित किया गया.
पंजाब में पार्टी को जिताने का मिला इनाम
चड्ढा को 2022 में राज्य में विधानसभा चुनावों से पहले पंजाब इकाई के लिए पार्टी के सह-प्रभारी के रूप में नियुक्त किया गया था. यह एक कठिन राजनीतिक कार्य था, क्योंकि पंजाब चुनौतीपूर्ण समय से गुजर रहा था. सीएम अरविंद केजरीवाल के नक्शे कदम पर चलते हुए राघव चड्ढा चुनौती को पूरा करने के लिए आगे बढ़े. उन्होंने 117 की विधानसभा में से 92 सीटों पर पार्टी को अभूतपूर्व जीत दिलाई.
लोग उन्हें प्यार से भारत की बदलती राजनीति का चेहरा कहते हैं. उनका पार्टी और राजनीतिक क्षेत्र में उदय उस परिवर्तन का साक्षी है. पंजाब की जीत के तुरंत बाद आम आदमी पार्टी ने नीली आंखों वाले लड़के को राज्यसभा में पंजाब राज्य का प्रतिनिधित्व करने के लिए भेजा.
अशोक के. मित्तल
अशोक के. मित्तल एक प्रसिद्ध अकादमिक और प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के संस्थापक चांसलर हैं. एक विनम्र पृष्ठभूमि से आने वाले मित्तल ने एक कुशल ऑटोमोटिव उद्यमी बनने के लिए अपना काम किया. समाज और पंजाब राज्य की सेवा करने के के लिए उन्होंने एलपीयू की स्थापना की, जो आज भारत के सबसे बड़े विश्वविद्यालयों में से एक है. इस विश्वविद्यालयों में 50 से अधिक देशों के छात्र पढ़ते हैं और दुनिया के शीर्ष विश्वविद्यालयों से मान्यता प्राप्त है. मित्तल के सक्षम नेतृत्व में एलपीयू को इनोवेशन अचीवमेंट्स (एआरआईआईए) पर संस्थानों की अटल रैंकिंग में भारत के सभी निजी विश्वविद्यालयों में तीसरा स्थान हासिल करने का गौरव हासिल है.
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