सुप्रीम कोर्ट में वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने इस मामले पर बहस की. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली. नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. इसके खिलाफ शीर्ष अदालत में 140 से ज्यादा याचिकाएं दायर की गई हैं. बुधवार को सर्वोच्च अदालत में इन मामलों पर सुनवाई शुरू हुई. बहस के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने चौंकाने वाली दलील दी है. मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष दलील देते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में एनपीआर की प्रक्रिया शुरू हो गई है और 19 जिलों के लोगों को डाउटफुल सिटीजन (संदिग्ध नागरिक) के तौर पर मार्क (चिह्नित) किया गया है. ऐसे में यदि शीर्ष अदालत इस प्रक्रिया (CAA को लागू) को नहीं टालती है तो क्या इससे लोगों के मन में असुरक्षा की भावना नहीं आएगी? सिंघवी का कहना है कि अगर यह प्रक्रिया पिछले 70 साल से शुरू नहीं हुई तो क्या इसे कुछ महीनों के लिए रोका नहीं जा सकता.
40 लाख लोगों के संदिग्ध होने का दावा
अभिषेक मनु सिंघवी ने 'लाइव लॉ' की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि 19 जिलों के 40 लाख लोगों को 'संदिग्ध नागरिक' के तौर पर चिह्नित किया गया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में आगे कहा, 'उनलोगों (डाउटफुल सिटिजन के तौर पर चिह्नित लोग) का मत देने का अधिकार समाप्त हो जाएगा. ऐसे में इस प्रक्रिया पर रोक लगानी चाहिए. हमारी कोर्ट से यह प्रार्थना है. इससे व्यापक पैमाने पर होने वाली अव्यवस्था और असुरक्षा थम जाएगी.'
140 से ज्यादा याचिकाओं पर हुई बुधवार को सुनवाई
बता दें कि नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act) यानी CAA को लेकर दायर 140 से ज्यादा याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में बुधवार को सुनवाई हुई. इस दौरान वकीलों ने बारी-बारी से अपनी बात रखी. प्रधान न्यायाधीश (CJI) एसए बोबडे, जस्टिस अब्दुल नजीर, जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने इन सभी याचिकाओं पर जवाब देने के लिए केंद्र सरकार को 4 हफ्ते का वक्त दिया है. चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा है कि केंद्र के जवाब के बाद पांच जजों की बेंच इस मामले पर सुनवाई करेगी कि इस पर स्टे लगाना है या नहीं. अब इस मसले को चार हफ्ते बाद सुना जाएगा. उसी दिन संवैधानिक बेंच बनाने पर भी फैसला किया जाएगा.
तीन महीने तक प्रक्रिया टालने की मांग की गई
सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने नागरिकता कानून की प्रक्रिया को तीन महीने के लिए टालने की मांग की, जिस पर कोर्ट ने कहा कि वह कोई एकतरफा रोक नहीं लगा सकती. सभी याचिकाओं को सुनने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा. बता दें कि 140 से ज्यादा याचिकाओं में कुछ याचिकाएं नागरिकता कानून के समर्थन में भी हैं.
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Tags: Abhishek manu singhvi, CAA, CAB protest, Delhi news, Supreme court of india
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