बड़ी खबर: कोर्ट ने अभिनेता दीप सिद्धू को लाल किला हिंसा मामले में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा

Breaking News: दीप सिद्धू पर दिल्ली पुलिस ने 1 लाख रुपये का इनाम रखा हुआ था.
दिल्ली की अदालत ने लाल किला हिंसा (Lal Qila Violence) के मामले में गिरफ्तार अभिनेता-कार्यकर्ता दीप सिद्धू (Deep Sidhu) को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
- News18Hindi
- Last Updated: February 23, 2021, 8:18 PM IST
नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस (Republic Day) के दिन किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान लाल किला हिंसा (Lal Qila Violence) के मामले में गिरफ्तार अभिनेता-कार्यकर्ता दीप सिद्धू (Deep Sidhu) को दिल्ली की अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. सिद्धू के वकील ने दावा किया कि उसका हिंसा से कोई लेना देना नहीं था और वह बस गलत वक्त पर गलत जगह था.
बता दें कि दीप सिद्धू को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पंजाब के जिरकपुर से गिरफ्तार किया था. यही नहीं, उस पर दिल्ली पुलिस ने 1 लाख रुपये का इनाम रखा हुआ था. सिद्धू को इस मामले में सात दिनों की पुलिस हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट समरजीत कौर की अदालत में पेश किया गया था. उसे तिहाड़ जेल में मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया जहां वह अभी बंद है. अदालत ने सिद्धू को नौ फरवरी को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेजा था. पुलिस का आरोप है कि वह लाल किले पर हुई हिंसा को भड़काने वाले मुख्य लोगों में से एक है. उसकी हिरासत अवधि 16 फरवरी को सात और दिनों के लिये बढ़ा दी गई थी. पुलिस ने कहा था कि ऐसे वीडियो हैं जिनमें सिद्धू को कथित तौर पर घटनास्थल पर मौजूद देखा जा सकता है.
पुलिस ने आरोप लगाया था, 'वह भीड़ को उकसा रहा था. वह मुख्य दंगाइयों में से एक था. सह-साजिशकर्ताओं की पहचान के लिये कई सोशल मीडिया खातों की जांच करने की जरूरत है. उसका स्थायी पता यद्यपि नागपुर दिया गया है लेकिन पंजाब और हरियाणा में कई स्थानों पर जाकर छानबीन की जरूरत है जिससे और विवरण का खुलासा हो सके.'
पुलिस के मुताबिक, 'उसे झंडा फहराने वाले एक व्यक्ति के साथ बाहर आते और उसे बधाई देते देखा जा सकता है. वह बाहर आया और ऊंची आवाज में भाषण देकर वहां मौजूद भीड़ को उकसाया. वह भड़काने वाले मुख्य लोगों में था. उसने भीड़ को उकसाया जिसकी वजह से हिंसा हुई. हिंसा में कई पुलिसकर्मी जख्मी हो गए.'पुलिस ने कहा था कि ऐसे वीडियो हैं, जिसमें सिद्धू को कथित तौर पर घटना स्थल पर देखा जा सकता है. पुलिस ने आरोप लगाया कि वह भीड़ को उकसा रहा था. वह हिंसा करने वालों में से एक है. सह-षडयंत्रकारियों की पहचान के लिए कई सोशल मीडिया अकाउंटों की जांच जरूरी है. वहीं उसका स्थायी पता नागपुर दिया गया है. जबकि आगे के खुलासों के लिए पंजाब और हरियाणा के कई स्थानों पर जांच करने के लिए जाने की जरूरत है. बता दें कि सिद्धू को भारतीय दंड संहिता के तहत विभिन्न आरोपों में गिरफ्तार किया गया था जिनमें दंगा (147 और 148) , गैरकानूनी रूप से इकट्ठा होना (149), हत्या का प्रयास, आपराधिक साजिश (120-बी), लोकसेवक पर हमला या उसके काम में बाधा डालना (152), डकैती (395), गैर इरादतन हत्या (308) और लोकसेवक द्वारा जारी आज्ञा का उल्लंघन (188) शामिल हैं. उसे शस्त्र अधिनियम, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से रोकने संबंधी अधिनियम के साथ ही प्राचीन स्मारक और पुरातात्विक स्थल एवं अवशेष अधिनियम के तहत भी गिरफ्तार किया गया है.
यही नहीं, हिंसा के बाद से ही सिद्धू अलग-अलग जगहों से फेसबुक लाइव कर रहा था. उसने किसान नेताओं पर भी गंभीर आरोप लगाए. इस मामले में सिद्धू के फेसबुक लाइव में टेक्निकल हेल्प एक महिला मित्र करती थी जो देश से बाहर रहती है. इसका भी खुलासा दिल्ली पुलिस अपनी प्रेस वार्ता में किया. फेसबुक लाइव के दौरान किसी किस्म के इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस से बचने के लिए सिद्धू, विदेश में बैठी महिला मित्र की मदद लेता था.
गौरतलब है कि दीप सिद्धू ने कुछ दिन पहले ही फेसबुक लाइव के जरिए किसान नेताओं को खुली चेतावनी दे दी थी. खुद को गद्दार कहे जाने से नाराज सिद्धू ने किसान नेताओं को धमकी दी थी कि अगर उन्होंने अपना मुंह खोला और किसान आंदोलन की अंदर की बातें खोलनी शुरू कीं तो इन नेताओं को भागने का रास्ता भी नहीं मिलेगा. दीप सिद्धू ने कहा कि मेरी बात को डायलॉग न समझें , ये बात याद रखना, मेरे पास हर बात की दलील है. मानसिकता बदलो.
बता दें कि दीप सिद्धू को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पंजाब के जिरकपुर से गिरफ्तार किया था. यही नहीं, उस पर दिल्ली पुलिस ने 1 लाख रुपये का इनाम रखा हुआ था. सिद्धू को इस मामले में सात दिनों की पुलिस हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट समरजीत कौर की अदालत में पेश किया गया था. उसे तिहाड़ जेल में मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया जहां वह अभी बंद है. अदालत ने सिद्धू को नौ फरवरी को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेजा था. पुलिस का आरोप है कि वह लाल किले पर हुई हिंसा को भड़काने वाले मुख्य लोगों में से एक है. उसकी हिरासत अवधि 16 फरवरी को सात और दिनों के लिये बढ़ा दी गई थी. पुलिस ने कहा था कि ऐसे वीडियो हैं जिनमें सिद्धू को कथित तौर पर घटनास्थल पर मौजूद देखा जा सकता है.
पुलिस ने आरोप लगाया था, 'वह भीड़ को उकसा रहा था. वह मुख्य दंगाइयों में से एक था. सह-साजिशकर्ताओं की पहचान के लिये कई सोशल मीडिया खातों की जांच करने की जरूरत है. उसका स्थायी पता यद्यपि नागपुर दिया गया है लेकिन पंजाब और हरियाणा में कई स्थानों पर जाकर छानबीन की जरूरत है जिससे और विवरण का खुलासा हो सके.'
पुलिस के मुताबिक, 'उसे झंडा फहराने वाले एक व्यक्ति के साथ बाहर आते और उसे बधाई देते देखा जा सकता है. वह बाहर आया और ऊंची आवाज में भाषण देकर वहां मौजूद भीड़ को उकसाया. वह भड़काने वाले मुख्य लोगों में था. उसने भीड़ को उकसाया जिसकी वजह से हिंसा हुई. हिंसा में कई पुलिसकर्मी जख्मी हो गए.'पुलिस ने कहा था कि ऐसे वीडियो हैं, जिसमें सिद्धू को कथित तौर पर घटना स्थल पर देखा जा सकता है. पुलिस ने आरोप लगाया कि वह भीड़ को उकसा रहा था. वह हिंसा करने वालों में से एक है. सह-षडयंत्रकारियों की पहचान के लिए कई सोशल मीडिया अकाउंटों की जांच जरूरी है. वहीं उसका स्थायी पता नागपुर दिया गया है. जबकि आगे के खुलासों के लिए पंजाब और हरियाणा के कई स्थानों पर जांच करने के लिए जाने की जरूरत है. बता दें कि सिद्धू को भारतीय दंड संहिता के तहत विभिन्न आरोपों में गिरफ्तार किया गया था जिनमें दंगा (147 और 148) , गैरकानूनी रूप से इकट्ठा होना (149), हत्या का प्रयास, आपराधिक साजिश (120-बी), लोकसेवक पर हमला या उसके काम में बाधा डालना (152), डकैती (395), गैर इरादतन हत्या (308) और लोकसेवक द्वारा जारी आज्ञा का उल्लंघन (188) शामिल हैं. उसे शस्त्र अधिनियम, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से रोकने संबंधी अधिनियम के साथ ही प्राचीन स्मारक और पुरातात्विक स्थल एवं अवशेष अधिनियम के तहत भी गिरफ्तार किया गया है.
यही नहीं, हिंसा के बाद से ही सिद्धू अलग-अलग जगहों से फेसबुक लाइव कर रहा था. उसने किसान नेताओं पर भी गंभीर आरोप लगाए. इस मामले में सिद्धू के फेसबुक लाइव में टेक्निकल हेल्प एक महिला मित्र करती थी जो देश से बाहर रहती है. इसका भी खुलासा दिल्ली पुलिस अपनी प्रेस वार्ता में किया. फेसबुक लाइव के दौरान किसी किस्म के इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस से बचने के लिए सिद्धू, विदेश में बैठी महिला मित्र की मदद लेता था.
गौरतलब है कि दीप सिद्धू ने कुछ दिन पहले ही फेसबुक लाइव के जरिए किसान नेताओं को खुली चेतावनी दे दी थी. खुद को गद्दार कहे जाने से नाराज सिद्धू ने किसान नेताओं को धमकी दी थी कि अगर उन्होंने अपना मुंह खोला और किसान आंदोलन की अंदर की बातें खोलनी शुरू कीं तो इन नेताओं को भागने का रास्ता भी नहीं मिलेगा. दीप सिद्धू ने कहा कि मेरी बात को डायलॉग न समझें , ये बात याद रखना, मेरे पास हर बात की दलील है. मानसिकता बदलो.