मिलावट पाए जाने पर अदालत ने लगाया जुर्माना.
गाजियाबाद. जिले में प्रशासन ने मिलावटखोरों पर जमकर शिकंजा कसा है. लगातार चलाए गए अभियान में एक साल में खाद्य उत्पादों के करीब 800 नमूने लिए गए और फेल सैंपल होने पर जुर्माना लगाया है. जुर्माना सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे. जिले में मिलावटखोरों से करीब करीब पौने तीन करोड़ का जुर्माना वसूला जा चुका है. काफी मामले अब भी अदालत में हैं, जिन पर जुर्माना लगाया जाना लगभग तय है.
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने साल भर में 30 खाद्य विक्रेताओं के सैंपल फेल होने पर 2 करोड़ 65 लाख का जुर्माना वसूला है, जिसमें सबसे अधिक दूध और दूध से बने उत्पादों में मिलावट होने पर लगाया गया है. इन पर करीब 80 लाख का जुर्माना वसूला गया है. विभाग ने मिलावटखोरी करने पर करीब 750 मुकदमे दर्ज कराए हैं, जिनमें से 410 केस दूध विक्रेताओं के खिलाफ दर्ज हैं. दूसरे नंबर पर दाल और अनाजों में मिलावट पाई गईं है, इन विक्रेताओं पर मुकदमा दर्ज है.
सरसों का तेल, रिफाइड और वनस्पति घी के 65 सैंपल में से 20 गुणवत्ता प्रमाणित 1 नहीं कर पाए. पिछले एक साल में लिए गए 278 दुग्ध उत्पादों के सैंपल में 45 फीसदी मानक पर खरे नहीं उतरे हैं. दूध और इससे जुड़े उत्पाद पनीर, खोया, मावा, क्रीम के 800 सैंपल जांच के लिए भेजे. सबसे ज्यादा मिलावट पनीर में मिली. इसके 71 सैंपल में से 60 फेल हो गए. सैंपल फेल होने का मतलब है कि उसमें ऐसी चीज मिलावट की गई है जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह हो सकती है.
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के अभिहीत अधिकारी विनीत कुमार ने बताया कि मिलावट की आशंका होने पर कोई भी व्यक्ति कार्यालय आकर शिकाययत कर सकता है. विभाग संबंधित विक्रेता के यहां से सैंपल लेकर जांच कराएगा. इसके अलावा आईआरजीएस पोर्टल पर या हेल्पलाइन नंबर 1888-9636332 पर शिकायत की जा सकती है.
पानी के नमूने फेल
गाजियाबाद में 86 स्थानों से पानी का सैंपल लेकर जांच की गई, इनमें से 11 शिक्षण संस्थान, छह अस्पताल समेत 24 स्थानों पर पानी पीने योग्य नहीं पाया गया है. इसी के साथ छह आरओ प्लांट और दो रेस्तरां के पानी के नमूने फेल पाए गए. स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई के लिए डीएम, सीएमओ और शिक्षा विभाग को जांच रिपोर्ट भेज दी है.
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Tags: Food, Food safety Act, Ghaziabad News