नोएडा. रियल एस्टेट समूह सुपरटेक (Real Estate Group Supertech) ने रविवार को कहा कि उसने मुंबई स्थित ’एडिफाइस इंजीनियरिंग’ (Edifice Engineering) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं और उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार नोएडा में अवैध ट्विन टॉवर (Twin Tower) को गिराने के लिए अग्रिम भुगतान कर दिया है. समूह ने कहा कि शहर के सेक्टर 93ए में स्थित 40 मंजिला दो टॉवर को गिराने की योजना के बारे में न्यू ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा) के साथ समझौते का ब्योरा साझा किया गया है. उल्लेखनीय है कि इन टॉवर को भवन उपनियमों का उल्लंघन कर बनाया गया था.
सुपरटेक के प्रवक्ता ने कहा, “सुपरटेक ने उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार ट्विन टॉवर गिराने के लिए एडिफाइस इंजीनियरिंग के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं और इस समझौते के अनुसार कर्मियों, संबंधित सामग्री और मशीनों को स्थल पर लाने के लिए अग्रिम भुगतान किया गया है.’’ प्रवक्ता ने कहा कि एडिफाइस को पिछले सप्ताह अभिरुचि पत्र प्रदान किया गया.
जोहानसबर्ग में ध्वस्त कर चुकी है 108 मीटर ऊंची इमारत
एडिफास कंपनी दक्षिण अफ्रीका के जोहानसबर्ग में 108 मीटर ऊंची इमारत को ध्वस्त कर चुकी है. इस इमारत की दूसरी इमारत से दूरी 8 मीटर थी, जोकि काफी पेचीदा काम था. यहां भी यही स्थिति है. सियान और एपेक्स दोनों टॉवरों की ऊंचाई करीब 100 मीटर है और अन्य टावर से उनकी दूरी महज 9 मीटर की है. अधिकारियों ने बताया कि दोनों की संरचनात्मक स्टडी एक जैसी है. इसके अलावा कंपनी कोच्चि में भी इमारत को ध्वस्त कर चुकी है.
30 नवंबर तक ध्वस्त किए जाने थे दोनों टावर
सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त 2021 को दोनों टावरों को ध्वस्त करने के लिए 30 नवंबर तक का समय दिया था. हालांकि ये टावर तय समय में ध्वस्त नहीं किए जा सके. बहरहाल सुप्रीम कोर्ट ने प्राधिकरण को 17 जनवरी तक अपना जवाब देने के लिए कहा था. इसी के चलते सुपरटेक ने रविवार को कंपनी को कार्य अवार्ड कर दिया. (इनपुट- भाषा)
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