बाटला हाउस एनकाउंटर मामले में आरिज खान दोषी करार, 15 मार्च को सजा पर बहस

दोषी आरिज खान की सजा पर बहस 15 मार्च को होगी.
आरिज को फरवरी 2018 में स्पेशल सेल ने नेपाल से गिरफ्तार किया था. आरिज पर भारत में कई जगहों पर बम धमाके के आरोप हैं, जिनमें 165 लोग मारे गए हैं.
- News18Hindi
- Last Updated: March 9, 2021, 8:35 PM IST
नई दिल्ली. 2008 में हुए बाटला हाउस एनकाउंटर (Batla House encounter) मामले में साकेत कोर्ट (Saket Court) ने आरोपी आरिज खान (Ariz Khan) को दोषी करार (convicted) दिया. 15 मार्च को 12 बजे सजा पर बहस होगी. कोर्ट ने कहा कि पुलिस द्वारा पेश किए गए सबूतों से साबित होता है कि अभियुक्त अरिज खान और उसके सहयोगी ने स्वेच्छा से सरकारी कर्मचारियों को बड़ा नुकसान पहुंचाया. जज ने मामले के जांच अधिकारी को एक रिपोर्ट बना कर कोर्ट में पेश करने को कहा है जिसमें यह बताया जाए कि बटला हाउस एनकाउंटर में मारे गए पुलिसकर्मी के परिजनों पर मौत का कैसा और क्या असर हुआ, उनको कितना मुआवजा दिया जाए, साथ ही दोषी आरिज कितना मुआवजा दे सकता है.
कई बम धमाकों का आरोपी है आरिज
कोर्ट ने आरोपी आरिज खान को आईपीसी 186, 333, 353, 302, 307, 174a के तहत दोषी करार देते हुए कहा कि इसकी सजा पर 15 मार्च को बहस होगी. आपको बता दें कि आरिज को फरवरी 2018 में स्पेशल सेल ने नेपाल से गिरफ्तार किया था. आरिज पर भारत में कई जगहों पर बम धमाके के आरोप हैं, जिनमें 165 लोग मारे गए हैं. हालांकि आरोप है कि धमाकों के बाद आरिज नेपाल भाग गया था और फर्जी पासपोर्ट पर सलीम के नाम से छुपा हुआ था. दरअसल इस एनकाउंटर की कहानी 13 सितंबर 2008 को दिल्ली के करोल बाग, कनॉट प्लेस, इंडिया गेट और ग्रेटर कैलाश में हुए सीरियल बम ब्लास्ट से शुरू होती है.
दिल्ली सीरियल ब्लास्ट में भी हाथ
उस ब्लास्ट में 26 लोग मारे गए थे, जबकि 133 लोग घायल हो गए थे. हालाकि दिल्ली पुलिस ने जांच में पाया था कि बम ब्लास्ट को आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन ने अंजाम दिया है. इस ब्लास्ट के बाद 19 सितंबर को दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल को सूचना मिली कि इंडियन मुजाहिद्दीन के पांच आतंकी बाटला हाउस के एक मकान में मौजूद हैं. इसके बाद दिल्ली पुलिस टीम अलर्ट हो गई. 19 सितंबर 2008 की सुबह 8 बजे इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की फोन कॉल स्पेशल सेल के लोधी कॉलोनी स्थित ऑफिस में मौजूद एसआई राहुल कुमार सिंह को मिली. उन्होंने राहुल को बताया कि आतिफ एल-18 में रह रहा है. उसे पकड़ने के लिए टीम लेकर वह बाटला हाउस पहुंच जाए. राहुल सिंह अपने साथियों एसआई रविंद्र त्यागी, एसआई राकेश मलिक, हवलदार बलवंत, सतेंद्र, विनोद गौतम आदि पुलिसकर्मियों को लेकर प्राइवेट गाड़ी में रवाना हो गए. इस टीम के इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा डेंगू से पीड़ित अपने बेटे को नर्सिंग होम में छोड़ कर बाटला हाउस के लिए रवाना हो गए. वह अब्बासी चौक के नजदीक अपनी टीम से मिले. सभी पुलिसवाले सिविल कपड़ों में थे. बताया जाता है कि उस वक्त पुलिस टीम को यह पूरी तरह नहीं पता था कि बाटला हाउस में बिल्डिंग नंबर एल-18 में फ्लैट नंबर 108 में सीरियल बम ब्लास्ट के जिम्मेदार आतंकवादी रह रहे थे. उनका कहना है कि यह टीम उस फ्लैट में मौजूद लोगों को पकड़ कर पूछताछ के लिए ले जाने आई थी.
कई बम धमाकों का आरोपी है आरिज
कोर्ट ने आरोपी आरिज खान को आईपीसी 186, 333, 353, 302, 307, 174a के तहत दोषी करार देते हुए कहा कि इसकी सजा पर 15 मार्च को बहस होगी. आपको बता दें कि आरिज को फरवरी 2018 में स्पेशल सेल ने नेपाल से गिरफ्तार किया था. आरिज पर भारत में कई जगहों पर बम धमाके के आरोप हैं, जिनमें 165 लोग मारे गए हैं. हालांकि आरोप है कि धमाकों के बाद आरिज नेपाल भाग गया था और फर्जी पासपोर्ट पर सलीम के नाम से छुपा हुआ था. दरअसल इस एनकाउंटर की कहानी 13 सितंबर 2008 को दिल्ली के करोल बाग, कनॉट प्लेस, इंडिया गेट और ग्रेटर कैलाश में हुए सीरियल बम ब्लास्ट से शुरू होती है.

उस ब्लास्ट में 26 लोग मारे गए थे, जबकि 133 लोग घायल हो गए थे. हालाकि दिल्ली पुलिस ने जांच में पाया था कि बम ब्लास्ट को आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन ने अंजाम दिया है. इस ब्लास्ट के बाद 19 सितंबर को दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल को सूचना मिली कि इंडियन मुजाहिद्दीन के पांच आतंकी बाटला हाउस के एक मकान में मौजूद हैं. इसके बाद दिल्ली पुलिस टीम अलर्ट हो गई. 19 सितंबर 2008 की सुबह 8 बजे इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की फोन कॉल स्पेशल सेल के लोधी कॉलोनी स्थित ऑफिस में मौजूद एसआई राहुल कुमार सिंह को मिली. उन्होंने राहुल को बताया कि आतिफ एल-18 में रह रहा है. उसे पकड़ने के लिए टीम लेकर वह बाटला हाउस पहुंच जाए. राहुल सिंह अपने साथियों एसआई रविंद्र त्यागी, एसआई राकेश मलिक, हवलदार बलवंत, सतेंद्र, विनोद गौतम आदि पुलिसकर्मियों को लेकर प्राइवेट गाड़ी में रवाना हो गए. इस टीम के इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा डेंगू से पीड़ित अपने बेटे को नर्सिंग होम में छोड़ कर बाटला हाउस के लिए रवाना हो गए. वह अब्बासी चौक के नजदीक अपनी टीम से मिले. सभी पुलिसवाले सिविल कपड़ों में थे. बताया जाता है कि उस वक्त पुलिस टीम को यह पूरी तरह नहीं पता था कि बाटला हाउस में बिल्डिंग नंबर एल-18 में फ्लैट नंबर 108 में सीरियल बम ब्लास्ट के जिम्मेदार आतंकवादी रह रहे थे. उनका कहना है कि यह टीम उस फ्लैट में मौजूद लोगों को पकड़ कर पूछताछ के लिए ले जाने आई थी.