दिल्ली सरकार ने महिलाओं को बसों में मुफ्त यात्रा कराने के लिए 130.48 करोड़ रुपये खर्च कर दिए. (File Photo)
नई दिल्ली. दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ( AAP Government) ने अपना नौवां बजट ( Delhi Budget 2023-24) पेश किया. दिल्ली के वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने बुधवार को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए कुल 78,800 करोड़ रुपये का बजट पेश किया. इससे पहले वित्त वर्ष 2022-23 का बजट 75,800 करोड़ रुपये और 2021-22 का बजट 69,000 करोड़ रुपये का था. अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) की मौजूदा सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में कई तरह के प्रावधान किए हैं. वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट दिल्ली को स्वच्छ, सुंदर और आधुनिक बनाने के लिए है. आपको बता दें कि इससे पहले आर्थिक सर्वेक्षण में दिल्ली के वित्त मंत्री ने शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य, परिवहन, पर्यावरण, शहरी विकास, पीडब्ल्यूडी, ऊर्जा सहित 17 प्रमुख विभागों के परफॉर्मेंस के बारे में विधानसभा को जानकारी दी थी. इसमें दिल्ली सरकार ने महिलाओं को बसों में मुफ्त यात्रा कराने के लिए 130.48 करोड़ रुपये खर्च कर दिए. वहीं, स्वास्थ्य के क्षेत्र में दिल्ली सरकार पिछले साल के मुकाबले कुछ पिछड़ गई.
बता दें कि अबी तक दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया बतौर वित्त मंत्री बजट पेश करते आ रहे थे, लेकिन सिसोदिया के इस्तीफा और जेल जाने के बाद कैलाश गहलोत को यह जिम्मेदीरी मिली थी. बुधवार को अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री गहलोत ने कहा कि यह बजट लोगों की आकांक्षाओं और उम्मीदों की अभिव्यक्ति है.
मुफ्त यात्रा पर खर्च किए 131 करोड़ रुपये
आम आदमी पार्टी सरकार का यह लगातार नौंवा बजट था.गहलोत ने इसे स्वच्छ, सुंदर और आधुनिक दिल्ली को समर्पित बजट बताते हुए कहा, ‘दिल्ली में कचरे के तीन पहाड़ों को हटाने के लिए एमसीडी को हर संभव मदद दी जाएगी. सभी कॉलोनियों को सीवेज से जोड़ा जाएगा और यमुना नदी की सफाई के लिए सीवेज शोधन संयंत्रों की क्षमता बढ़ाई जाएगी.’ बजट में शिक्षा, पर्यावरण और परिवहन सहित कई अहम मुद्दों पर ध्यान दिया गया है.
स्वास्थ्य के क्षेत्र में चुनौती
बता दें कि दिल्ली सरकार शुरू से ही शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर सजग रही है. इस साल आउटकम बजट में दिल्ली सरकार के 64.21 प्रतिशत काम सही दिशा में और आगे बढ़ने का दावा किया गया है. लेकिन, पिछले साल 70 प्रतिशत के तुलना में इस साल थोड़ी गिरावट आई है. दिल्ली में 67 प्रतिशत एजुकेशन का काम ट्रैक पर है. वहीं, हेल्थ विभाग के 124 प्रोजेक्ट्स पर 54 प्रतिशत काम ही ट्रैक पर हैं. 46 प्रतिशत काम पर अभी तक कुछ नहीं हुआ है, जो चिंता बढ़ाने वाली है.
डीटीसी की हालत पतली
आपको बजट तो पेश कर दिया गया है, लेकिन आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट में पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम का खास्ता हाल का खुलासा हुआ है. खासकर डीटीसी की हालत लगातार बिगड़ती जा रही है. बता दें कि डीटीसी के बेड़े में 2017-18 की तुलना में साल 2021-22 के बीच 189 बसें कम हुई हैं. इससे 14.24 लाख यात्री कम हो गए हैं. दिल्ली सरकार ने रियायती पासों पर और महिला यात्रियों की मुफ्त यात्रा पर तकरीबन 131 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.
दिल्ली मेट्रो में भी यात्रियों की संख्या में कमी आई है. साल 2019-20 की तुलना में 2021-22 में 27.80 लाख से घटकर यह अब 25.16 लाख रह गई है. हालांकि, दिल्ली में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के 69 प्रतिशत प्रोजेक्ट्स पर काम ट्रैक पर हैं. 33 प्रतिशत काम अभी शुरू नहीं हुए हैं. वहीं, पीडब्ल्यूडी के 25 प्रोजेक्ट्स का 68 प्रतिशत काम ट्रैक पर है और 32 प्रतिशत पर अभी तक कुछ नहीं हुआ है.
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