नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर तोड़फोड़ मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में आज यानी मंगलवार को सुनवाई हुई. दिल्ली पुलिस ने मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए हाईकोर्ट से और समय दिए जाने की मांग की. पुलिस की ओर से कोर्ट को बताया गया कि रिपोर्ट तैयार की जा रही है और सीएम आवास के आसपास सिक्योरिटी को बढ़ा दिया गया है.
हाईकोर्ट में दिल्ली पुलिस की ओर से पेश सरकारी वकील ने बताया कि सीएम आवास पर 22 से 23 सुरक्षाकर्मियों की तैनाती कर दी गई है. सड़क के दोनों तरफ गेट लगाने के लिए RWA से बात की जा रही है. सिविल लाइंस मेट्रो स्टेशन के पास किसी भी तरह की सभा या विरोध प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी जाएगी.
बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को पिछले महीने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर ‘गंभीर चूक’ की उस घटना की जांच करने और ‘जिम्मेदारी तय करने’ का निर्देश दिया था, जब कुछ शरारती तत्व बैरिकेड तोड़ते हुए प्रवेश द्वार तक पहुंच गए थे और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था. अदालत ने इस घटना को ‘बहुत परेशान करने वाली स्थिति’ बताया था.
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर अरविंद केजरीवाल की टिप्पणी को लेकर 30 मार्च को मुख्यमंत्री के आवास पर हुए कथित हमले से संबंधित आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक सौरभ भारद्वाज की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. पीठ ने कहा था कि यह स्पष्ट है कि पुलिस बल से ‘चूक’ हुई है और बंदोबस्त (सुरक्षा प्रबंध) पर्याप्त नहीं थे.
अदालत ने कहा कि पुलिस द्वारा दायर की गई स्थिति रिपोर्ट के अनुसार, कुछ शरारती तत्वों ने बैरिकेड तोड़ दिए और निवास के प्रवेश द्वार तक पहुंच गए. अदालत ने कहा, ‘हमारे विचार में, उपरोक्त चूक एक गंभीर चूक है और इस पर दिल्ली पुलिस आयुक्त द्वारा गौर किया जाना चाहिए.’ अदालत ने कहा कि यह बहुत स्पष्ट है कि घटना को रोकने में बल की ओर से चूक हुई. हम चाहते हैं कि पुलिस की चूक पर पुलिस आयुक्त गौर करें.
कोर्ट स्पष्ट किया कि जहां तक सुरक्षा व्यवस्था का संबंध है तो वह पुलिस की वर्तमान स्थिति रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं है, जो एक सीलबंद लिफाफे में दी गई थी. अदालत ने पुलिस आयुक्त को दो सप्ताह का समय दिया ताकि वह इस पहलू पर एक और स्थिति रिपोर्ट दाखिल कर सकें, जिसमें मुख्यमंत्री की सुरक्षा की समीक्षा भी शामिल है. पीठ ने कहा कि मामले में जांच में कोई चूक होने पर संबंधित मजिस्ट्रेट इसे देख सकते हैं और न्यायिक उपाय उपलब्ध हैं. उच्च न्यायालय ने एक अप्रैल को घटना के संबंध में पुलिस से स्थिति रिपोर्ट मांगी थी.
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Tags: DELHI HIGH COURT, Delhi news
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