दिल्ली में हुई हिंसा के बाद अब पुलिस इससे जुड़े सबूत और अरोपियों की तलाश में जुटी है. इस काम के लिए 40 टीम भी बनाई गई हैं. वहीं हिंसा के दौरान दिल्ली पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं. राज्यसभा में भी इसी संबंध में उठे एक सवाल का गृहमंत्रालय ने जवाब दिया. मंत्रालय ने बताया कि घनी आबादी और तंग गलियों के चलते पुलिस और सुरक्षा बलों की गाड़ियों की आवाजाही ठीक से नहीं हो पाई. फिर भी दिल्ली के उत्तर-पूर्वी जिले की मिश्रित आबादी वाले इलाकों में पुलिस ने पेशेवर तरीके से तुरंत और मुस्तैदी से कार्रवाई की.
गृहमंत्रालय ने राज्यसभा में बताया है कि दिल्ली हिंसा के दौरान 3304 व्यक्तियों को गिरफ्तार और डिटेन किया गया है. अन्य आरोपियों को पकड़ने के लिए 40 टीम बनाई गई हैं. साथ ही हिंसा से जुड़े सभी सबूत भी जुटाए जा रहे हैं. मंत्रालय के अनुसार हिंसा के दौरान 52 लोगों की मौत हुई है और 545 लोग घायल हुए हैं. इसी के साथ 226 मकानों और 487 दुकानों को नुकसान पहुंचा है.
वहीं मंत्रालय ने बताया कि हिंसा के दौरान उपद्रवियों को काबू में करने के चलते 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. कुछ के गंभीर चोट भी आई है. लेकिन इन सभी के बावजूद पुलिस ने हिंसा को काबू में कर उन्हें दूसरे इलाकों में फैलने से रोका.
गौरतलब है कि गुरुवार को दिल्ली हिंसा मामले की हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी. हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार को भड़काऊ बयान को लेकर दाखिल याचिका पर विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा. कोर्ट ने चार सप्ताह में गृह मंत्रालय को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. इस मामले में अगली सुनवाई 13 अप्रैल को होगी.
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FIRST PUBLISHED : March 18, 2020, 17:46 IST