BJP का आरोप: दिल्ली के अस्पताल में हाथ-पैर बांधकर हो रहा COVID-19 मरीजों का इलाज

महाराष्ट्र में एक बार फिर से कोरोना वायरस के नए मामलों में इजाफा हो रहा है. (File Photo)
दिल्ली भाजपा महामंत्री कुलजीत सिंह चहल (Kuljeet Singh Chahal) ने आरोप लगाया है कि एलएनजेपी अस्पताल में कोरोना (COVID-19) मरीजों को नंगा रख कर और हाथ-पैर बांध कर इलाज किया जा रहा है.
- News18Hindi
- Last Updated: November 26, 2020, 12:31 AM IST
नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना महामारी, प्रदूषण और अब कड़ाके की ठंड से लोग जूझ रहे हैं, लेकिन दिल्ली सरकार अपने अस्पतालों में दिल्लीवासियों को स्वास्थ्य सुविधाएं देने में नाकाम साबित हो रही हैं. एलएनजेपी अस्पताल में कोरोना मरीजों के साथ हो रहे अमानवीय व्यवहार के खिलाफ दिल्ली भाजपा महामंत्री कुलजीत सिंह चहल के नेतृत्व में भाजपा के सैकड़ों युवा कार्यकर्ताओं ने अस्पताल के बाहर प्रदर्शन कर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के इस्तीफे की मांग की. इस प्रदर्शन में प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक गोयल देवराहा, प्रदेश मीडिया प्रमुख नवीन कुमार, प्रदेश युवा मोर्चा अध्यक्ष वासु रूखड़ सहित प्रदेश और जिले के अनेक पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया.
प्रदेश महामंत्री कुलजीत सिंह चहल ने कहा कि केजरीवाल सरकार मरीजों का जीवन बचाने में पूरी तरह विफल रही है. पहले भी जब केजरीवाल सरकार से दिल्ली की हालत नहीं संभली तो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को हस्तक्षेप करना पड़ा और अब एक बार फिर से गृहमंत्री को दिल्लीवासियों को बेहतर उपचार मिले इसके लिए आना पड़ा है. कुलजीत सिंह चहल का आरोप है कि केजरीवाल सरकार के अंतर्गत आने वाले नामी अस्पताल एलएनजेपी में कोरोना मरीजों को नंगा रख कर और हाथ-पैर बांध कर इलाज किया जा रहा है. मरीजों के साथ ये कैसा अमानवीय और मर्यादित व्यवहार कर रही है केजरीवाल सरकार? दिल्ली सरकार ने कोरोना महामारी और प्रदूषण के बीच आम नागरिकों को मरने के लिए छोड़कर संवेदनहीनता के सारी सीमाएं तोड़ दी है. इन स्थितिओं के लिए जिम्मेदार सत्येंद्र जैन को स्वास्थ्य मंत्री के पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है.
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केजरीवाल सरकार पर साधा निशाना
प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक गोयल देवराहा ने कहा कि एलएनजेपी अस्पताल की यह घटना केजरीवाल सरकार की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का प्रत्यक्ष प्रमाण है. यह बेहद शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल सिर्फ अपने प्रचार में व्यस्त हैं, उन्हें जनता की समस्याओं से कोई मतलब नहीं है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया दिल्ली के लोगों को यह कहकर धोखा दे रहे हैं कि स्थिति नियंत्रण में है और सभी के लिए अस्पतालों में पर्याप्त बेड उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि जमीनी हकीकत यह है कि दिल्ली में उपलब्ध सुविधाओं की कमी के कारण ही लोग सरकारी अस्पतालों में जाना नहीं चाहते और जो मजबूर है उनके साथ अमानवीय तरीके से व्यवहार किया जा रहा हैं.
प्रदेश मीडिया प्रमुख नवीन कुमार ने कहा कि इन दिनों दिल्ली कोरोना की तीसरी लहर की चपेट में है. दिल्लीवासी त्राहिमाम कर रहे हैं और सरकारी अस्पतालों की स्थिति सबसे खराब है. अस्पतालों में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है. लोग मर रहे हैं. मरीजों के पास अस्पतालों में पहनने को कपड़े तक नहीं हैं. अस्पातालों में बेड की भारी कमी है और मरीजों को खाना तक नहीं मिल रहा. ऐसे में मुख्यमंत्री केजरीवाल अपने ऐसी कमरे में आराम फरमा रहे हैं. इस स्थिति के लिए जिम्मेदार मुख्यमंत्री केजरीवाल को इस्तीफा दे देना चाहिए.
प्रदेश महामंत्री कुलजीत सिंह चहल ने कहा कि केजरीवाल सरकार मरीजों का जीवन बचाने में पूरी तरह विफल रही है. पहले भी जब केजरीवाल सरकार से दिल्ली की हालत नहीं संभली तो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को हस्तक्षेप करना पड़ा और अब एक बार फिर से गृहमंत्री को दिल्लीवासियों को बेहतर उपचार मिले इसके लिए आना पड़ा है. कुलजीत सिंह चहल का आरोप है कि केजरीवाल सरकार के अंतर्गत आने वाले नामी अस्पताल एलएनजेपी में कोरोना मरीजों को नंगा रख कर और हाथ-पैर बांध कर इलाज किया जा रहा है. मरीजों के साथ ये कैसा अमानवीय और मर्यादित व्यवहार कर रही है केजरीवाल सरकार? दिल्ली सरकार ने कोरोना महामारी और प्रदूषण के बीच आम नागरिकों को मरने के लिए छोड़कर संवेदनहीनता के सारी सीमाएं तोड़ दी है. इन स्थितिओं के लिए जिम्मेदार सत्येंद्र जैन को स्वास्थ्य मंत्री के पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है.
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केजरीवाल सरकार पर साधा निशाना
प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक गोयल देवराहा ने कहा कि एलएनजेपी अस्पताल की यह घटना केजरीवाल सरकार की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का प्रत्यक्ष प्रमाण है. यह बेहद शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल सिर्फ अपने प्रचार में व्यस्त हैं, उन्हें जनता की समस्याओं से कोई मतलब नहीं है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया दिल्ली के लोगों को यह कहकर धोखा दे रहे हैं कि स्थिति नियंत्रण में है और सभी के लिए अस्पतालों में पर्याप्त बेड उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि जमीनी हकीकत यह है कि दिल्ली में उपलब्ध सुविधाओं की कमी के कारण ही लोग सरकारी अस्पतालों में जाना नहीं चाहते और जो मजबूर है उनके साथ अमानवीय तरीके से व्यवहार किया जा रहा हैं.
प्रदेश मीडिया प्रमुख नवीन कुमार ने कहा कि इन दिनों दिल्ली कोरोना की तीसरी लहर की चपेट में है. दिल्लीवासी त्राहिमाम कर रहे हैं और सरकारी अस्पतालों की स्थिति सबसे खराब है. अस्पतालों में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है. लोग मर रहे हैं. मरीजों के पास अस्पतालों में पहनने को कपड़े तक नहीं हैं. अस्पातालों में बेड की भारी कमी है और मरीजों को खाना तक नहीं मिल रहा. ऐसे में मुख्यमंत्री केजरीवाल अपने ऐसी कमरे में आराम फरमा रहे हैं. इस स्थिति के लिए जिम्मेदार मुख्यमंत्री केजरीवाल को इस्तीफा दे देना चाहिए.