अगले ढाई साल के भीतर यानी वित्त वर्ष 2023-24 तक रिलायंस इंफ्रास्ट्र्क्चर के नेतृत्व वाली बीएसईएस के पास करीब 3,300 मेगावॉट हरित ऊर्जा उपलब्ध होगी.
नई दिल्ली. दिल्ली की निजी बिजली कंपनी बीएसईएस (Power Company BSES) अब दिल्ली वालों को सूरज, हवा और पानी से बनने वाली बिजली की सप्लाई करने की तैयारी कर रही है. अगले ढाई साल के भीतर यानी वित्त वर्ष 2023-24 तक रिलायंस इंफ्रास्ट्र्क्चर (Reliance Infrastructure) के नेतृत्व वाली बीएसईएस (BSES) के पास करीब 3,300 मेगावॉट हरित ऊर्जा उपलब्ध होगी.
पावर सेक्टर के अधिकारियों के मुताबिक इसमें से 2,291 मेगावॉट बिजली सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा व कचरे के प्लांटों से मिलेगी, और लगभग 1000 मेगावॉट बिजली पानी के पावर प्लांटों से मिलेगी, जिसे हाइड्रो पावर (Hydro Power) के नाम से जाना जाता है.
ये भी पढ़ें: Delhi News: दिल्ली सरकार ने पद्म अवॉर्ड के लिए जनता से मांगे नाम, डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों रहेगा फोकस
बीएसईएस के पास उपलब्ध कुल बिजली का करीब 52 प्रतिशत हिस्सा हरित ऊर्जा का होगा
यानी, अगले ढाई साल में रिलायंस इंफ्रास्ट्र्क्चर के नेतृत्व वाली बीएसईएस के पास उपलब्ध कुल बिजली का करीब 52 प्रतिशत हिस्सा हरित ऊर्जा का होगा. इस 52 प्रतिशत हरित ऊर्जा में लगभग 36 प्रशित हिस्सा सौर व पवन ऊर्जा का होगा, और 16 प्रतिशत हिस्सा पानी से बनने वाली बिजली यानी हाइड्रो पावर का होगा. आने वाले दिनों में भी बीएसईएस सूरज, हवा और पानी से बनने वाली बिजली के इस्तेमाल को बढ़ावा देगी.
ये भी पढ़ें: Report: क्या पंजाब-हरियाणा में पराली जलाने से दिल्ली में खतरनाक हुआ कोरोना? पढ़ें ये रिपोर्ट
सीओ2 में 7 मिलियन टन की कमी आने की संभावना
उल्लेखनीय है कि बीएसईस द्वारा हरित ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा देने से कार्बन उत्सर्जन में भारी कमी आएगी और पर्यावरण बेहतर बनेगा. एक आकलन के मुताबिक, ढाई साल बाद जब बीएसईएस (BSES) को कुल 3,300 मेगावॉट हरित ऊर्जा मिलने लगेगी, तो इससे कार्बन उत्सर्जन यानी सीओ2 एमिशन में 7 मिलियन टन की कमी आने की संभावना है.
ग्रीन पोर्टफोलियो के साथ देश के सबसे ग्रीन डिस्कॉम्स में से एक होगी BSES
दिल्ली पावर सेक्टर से जुडे़ अधिकारियों का कहना है कि बड़ी मात्रा में अक्षय ऊर्जा और हाइड्रो पावर के ग्रीन पोर्टफोलियो के साथ जल्द ही बीएसईएस देश के सबसे ग्रीन डिस्कॉम्स में से एक होगी.
548 मेगावॉट बिजली हाइड्रो पावर प्लांटों से मिल रही
फिलहाल, रिलायंस इंफ्रास्ट्र्क्चर के नेतृत्व वाली बीएसईएस के पास लंबी अवधि वाले बिजली खरीद समझौतों में 22 प्रतिशत हिस्सा ग्रीन पावर का है. इसमें से 9 प्रतिशत हिस्सा यानी 365 मेगावॉट बिजली सौर, हाइड्रो और पवन ऊर्जा जैसे माध्यमों से मिल रही है, जबकि 13 प्रतिशत हिस्सा यानी 548 मेगावॉट बिजली हाइड्रो पावर प्लांटों से मिल रही है.
ये भी पढ़ें: NCRTC Project: RRTS के पहले कॉरिडोर के लिये दुहाई में तैयार हो रहा ट्रेन डिपो, जानिये क्या होगा इसमें खास?
रिलायंस इंफ्रास्ट्र्क्चर के नेतृत्व वाली बीएसईएस के ग्रीन पोर्टफोलियो में सबसे ज्यादा हिस्सा सौर ऊर्जा का है, उसके बाद हाइड्रो, फिर पवन ऊर्जा, हाइब्रिड पावर और फिर कचरे से बनने वाली बिजली का नंबर आता है.
पावर सेक्टर के सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में रिलायंस इंफ्रास्ट्र्क्चर के नेतृत्व वाली बीएसईएस के बिजली पोर्टफोलियो में ग्रीन ऊर्जा का शेयर काफी बढ़ेगा और वित्त वर्ष 2023-24 तक बीएसईएस में ग्रीन ऊर्जा का शेयर 50 प्रतिशत से भी अधिक हो जाएगा.
.
Tags: Delhi Government, Delhi news, Power consumers, Reliance industries, Solar power plant