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यूपी के चुनावी मैदान में मात खाया हाथी पहाड़ पर चढ़ने को बेताब! अब शिमला में गरजेंगी मायावती 

सपा प्रमुख मायावती 6 नवम्बर को हिमाचल जाएंगी. यहां वह शिमला में बड़ी रैली को संबोधित करेंगी.

सपा प्रमुख मायावती 6 नवम्बर को हिमाचल जाएंगी. यहां वह शिमला में बड़ी रैली को संबोधित करेंगी.

Himachal Elections: बसपा सुप्रीमो मायावती लंबे वक्त बाद दूसरे राज्य में चुनावी सभा करने का फैसला किया है. इसको लेकर पार ...अधिक पढ़ें

दिल्ली. यूपी के चुनावी मैदान में मात खाने के बाद हिमाचल विधानसभा चुनाव में बसपा सुप्रीमो मायावती गरजेंगी. उन्होनें लंबे वक्त बाद दूसरे राज्य में चुनावी सभा करने का फैसला किया है. इसको लेकर पार्टी कैडर में भी उत्साह है. पार्टी के सूत्रों के मुताबिक बसपा प्रमुख मायावती 6 नवम्बर को हिमाचल जाएंगी. यहां वह शिमला में बड़ी रैली को संबोधित करेंगी. इस दौरान मायावती के निशाने पर भाजपा-कांग्रेस के साथ आम आदमी पार्टी भी होगी.

दरअसल बसपा ने हिमाचल में सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान किया है. इसके लिए उम्मीदवारों की पहली लिस्ट भी जारी कर दी है. पार्टी ने पूर्व सांसद राजाराम और अवतार सिंह करीम को हिमाचल प्रदेश का समन्वयक बनाया है. वर्ष 2007 में बसपा ने हिमाचल में एक विधानसभा सीट पर कब्जा जमाया था.

दिल्ली में जुलाई में मायावती ने बनाई थी नई रणनीति

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यूपी विधानसभा चुनाव हारने के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने पहले यूपी की समीक्षा बैठक की. इसमें संगठन में फेरबदल किया. कई पद खत्म कर बूथ स्तर से लेकर जोनल स्तर तक नए सिरे से संगठन खड़ा करने के निर्देश दिए. इसके बाद जुलाई में मायावती ने दिल्ली की ओर रुख किया. यहां 10 जुलाई से करीब माह भर 20 से अधिक राज्यों की समीक्षा बैठक पार्टी पदाधिकारियों के साथ की. साथ ही चुनावी राज्यों को लेकर रणनीति बनाई.

अब तक की सबसे कम मिली सीट

बसपा वर्ष 1989 में यूपी विधानसभा के चुनाव लड़ा. तब उसे 13 सीटें मिलीं थीं. 1991 में 12, 1993 और 1996 में 67-67, वर्ष 2002 में 98 मिलीं थी। वर्ष 2007 में 206 सीटों के साथ बसपा को पूर्ण बहुमत मिला। यहां तक बसपा सुप्रीमो मायावती चार बार सीएम बनीं. इसके बाद से बसपा का पतन शुरू हो गया. वर्ष 2012 के चुनाव में बसपा को 80 सीटें ही मिली. वर्ष 2017 के चुनाव में तो बसपा की हालत और खराब हो गई. मात्र 19 सीटों पर सिमट आई। 2022 में सिर्फ एक सीट मिल सकी.

वोट फीसद को भी लगा बड़ा झटका

यूपी में 2007 में मायावती ने सोशल इंजीनियरिंग के फॉर्मूले से  विधानसभा में 30.43 फीसद वोट हासिल किए.  2009 के लोकसभा चुनावों में भी बसपा 27.4 फीसदी वोट हासिल किए.  2012 में सोशल इंजीनियरिंग की चमक कमजोर पड़ गई. वोट गिरते हुए 25.9 फीसदी पर पहुंच गए. 2014 के लोकसभा चुनावों में बसपा को 20 फीसदी वोट मिले. 2017 में 23 फीसदी वोट मिले और 2022 में सिर्फ 18.88 फीसद वोट हासिल किए.

Tags: BSP chief Mayawati, Delhi news, Mayawati

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