परिवहन विभाग दिल्ली में अब तक करीब एक लाख डीजल वाहनों का पंजीकरण रद्द कर चुका है. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली. जरा सी निगाह चूकी नहीं कि चंद सेकेंड में ही झपटमार आपका मोबाइल फोन लेकर नौ-दो, ग्यारह हो जाता है. इसके अलावा तमाम तरह के कंप्यूटराइज्ड लॉक और डिवाइस के बाद भी कार-बाइक चोरी का आंकड़ा भी कम नहीं हो रहा है. एक बार चोरी गई कार-बाइक के वापस मिलने का आंकड़ा न के बराबर ही है. क्योंकि जब तक दिल्ली पुलिस (Delhi Police) चोरी का सुराग लगा पाती है, तब तक वाहन का एक-एक पुर्जा मेरठ और दिल्ली के कबाड़ी बाजार में बिक चुका होता है. जिस साल कोरोना और लॉकडाउन का असर रहा, उस वक्त वाहन चोरी कम नहीं हुई थी. दिल्ली में जेबकटी के मामले तीसरे नंबर पर हैं. दिल्ली में क्राइम के यह आंकड़े हाल ही में गृह मंत्रालय की ओर से जारी किए गए हैं.
दिल्ली में कार-बाइक की चोरी कम होती नजर नहीं आ रही है. दिल्ली में औसत रोजाना 70 बाइक और 20 कार चोरी हो जाती हैं. बल्कि गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक तो दिल्ली में कार-बाइक चोरी की वारदात बढ़ती ही जा रही हैं. साल 2014 में दिल्ली में 15993 दोपहिया वाहन चोरी हुए थे. जबकि 2017 में 31204, 2018 में 34585 और 2019 में यह आंकड़ा 2014 के मुकाबले डबल यानी 34127 वाहन चोरी पर पहुंच गया.
चौंकाने वाली बात यह है कि साल 2020 जब देश कोरोना से जूझ रहा था. देश में जगह-जगह लॉकडाउन लगा हुआ था, तब भी वाहन चोरों ने दिल्ली से 25153 और 2021 में 30 नवंबर तक 25078 दोपहिया वाहन चुराए थे. दोपहिया वाहनों की बात करें तो दिल्ली पुलिस ने हर साल औसतन 12 फीसद दोपहिया वाहन ही चोरों के पास से बरामद कर पाए.
कार चोरी के मामले में भी गृह मंत्रालय का आंकड़ा कम चौंकाने वाला नहीं है. बीते 4-5 साल के मुकाबले कार चोरी की वारदात में कोई कमी नहीं आई . यह हाल तब है जब दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम बड़े-बड़े ऑटो लिफ्टर को एनकाउंटर में दबोचने का दावा करती है. इसके बाद भी साल 2014 में जहां 6395 चारपहिया वाहन चोरी हुए थे, वहीं एक साल में ही एक हजार का इजाफा होकर 2015 में यह आंकड़ा 7451 पर पहुंच गया. साल 2016 में 8381 चारपहिया वाहन चोरी हुए.
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साल 2017 में जरूर आंकड़ा कुछ कम हुआ और 7404 वाहन चोरी हुए. लेकिन इसके बाद तो चारपाहिया वाहनों की चोरी का यह आंकड़ा 2018 में 8547, 2019 में बढ़कर 9029 तक पहुंच गया था. कोरोना-लॉकडाउन के चलते जरूर चारपहिया वाहनों की चोरी में मामूली फर्क आया और 2020 में 7166 तो 2021 में 30 नवंबर तक 6161 चारपहिया वाहन चोरी हुए. इस दौरान दिल्ली पुलिस औसतन 6 से 7 फीसद चारपहिया वाहन ही बरामद कर सकी.
साल 2020 और 2021 का एक लम्बा वक्त लॉकडाउन में बीता है. कोरोना के चलते लोग घरों से कम निकले. लेकिन मोबाइल झपटमारों के लिए यह एक बड़ा मौका साबित हुआ. जहां आम दिनों में मोबाइल झपटमारी की जितनी वारदात हो रही थीं वे इन दो साल में बढ़ गईं. कोरोना-लॉकडाउन से पहले मोबाइल छीनने की वारदात साल 2014 में 3082, 2015 में 5261, 2016 में 5121, 2017 में 4266, 2018 में 3538 और 2019 में मोबाइल झपट मारी का यह आंकड़ा 3368 था. लेकिन साल 2020 में मार्च से जब दिल्ली में लॉकडाउन लग गया था तब मोबाइल झपटमारी की वारदात का आंकड़ा कम होने की बजाए 2020 में 5622 और 30 नवंबर 2021 में सबसे ज्यादा 6111 वारदात तक पहुँच गया. शायद यह बदमाशों के लिए आपदा में अवसर था.
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