झारखंड से दिल्ली में लड़कियों की तस्करी करने वालों के खिलाफ NIA कोर्ट में चार्जशीट पेश

(सांकेतिक फोटो)
Delhi Crime News: केंद्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने झारखंड (Jharkhand) से जुड़े मानव तस्करी (Human Traffickers ) मामले में तफ़्तीश कर ली है.
- News18Hindi
- Last Updated: March 1, 2021, 7:54 AM IST
नई दिल्ली. केंद्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने झारखंड (Jharkhand) से जुड़े मानव तस्करी (Human Traffickers ) मामले में तफ़्तीश कर ली है. मामले में एनआईए ने बीते शनिवार को कोर्ट (Court) में आरोपपत्र (Charge-Sheet ) दायर किया. झारखंड-बिहार से अनुसूचित जाति -जनजाति (आदिवासी) समुदाय की लड़कियों और महिलाओं को नौकरी दिलवाने के नाम पर प्लेसमेंट एजेंसियों द्वारा बहलाकर दिल्ली में लाकर उसे बेचने से जुड़े मामले में साल 2020 में एनआईए मुख्यालय में एफआईआर दर्ज किया गया था. उसके बाद झारखंड से लेकर दिल्ली तक फैले ह्यूमन ट्रैफिकिंग वाले गैंग के खिलाफ बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए कई आरोपियों को गिरफ्तार किया. उसके खिलाफ तमाम सबूतों को इकठ्ठा करने के बाद रांची स्थित एनआईए की विशेष कोर्ट ( NIA Special Court ) में आरोपपत्र दायर किया.
एनआईए द्वारा ह्यूमन ट्रैफिकिंग से जुड़े इस गैंग के चार प्रमुख आरोपियों के खिलाफ पहला पूरक आरोपपत्र दायर ( First Supplementary Charge-Sheet ) किया है. इनमें आरोपी पन्ना लाल महतो उर्फ पन्ना लाल गंझू उर्फ पन्ना लाल, सुनीता देवी उर्फ सुनीता कुमारी (फरार आरोपी), गोपाल उरांव और शिव शंकर गंझू उर्फ शिवशंकर महतो का नाम शामिल है.
दो दर्जन से ज्यादा लड़कियों को ठगने का मामला
एनआईए मुख्यालय में झारखंड की रहने वाली कई नाबालिग लड़कियों समेत युवा महिलाओं को नौकरी दिलवाने के नाम पर दिल्ली लाकर उसे बेच देने के मामले में तफ़्तीश के दौरान कई महत्वपूर्ण इनपुट्स जांचकर्ताओं को प्राप्त हुए थे. उसके बाद एनआईए के जांच करने वाली टीम ने इस मामले में अंतर राज्य प्रवासी कामगार कानून (Inter- State Migrant Workmen (Regulation of Employment and Conditions of Service) Act, 1979 ) के तहत मामला दर्ज किया. एनआईए द्वारा इस मामले को दर्ज करने से पहले झारखंड में खूंटी जिलान्तर्गत अहतु थाना में ये मामला दर्ज हुआ था. बाद में उसी एफआईआर को एनआईए ने 13 जून 2020 को टेकओवर कर लिया.पन्ना का रहने वाला है आरोपी
उस एफआईआर के मुताबिक इस केस का मुख्य आरोपियों से एक पन्ना लाल महतो भी उसी खूंटी इलाके का रहने वाला है. इसी का फायदा उठाकर वो कई लड़कियों को अपना करीबी बताकर वो दिल्ली -एनसीआर में लाकर उसे प्लेसमेंट एजेंसी को बेच देता था. जिसकी खबर उन लड़कियों या महिलाओं को काफी समय बीत जाने के बाद होती थी. एनआईए की टीम को इस मामले में काफी तफ़्तीश करने के बाद ये पता चला कि पन्ना महतो और उसकी पत्नी सुनीता महतो ही इस मामले में मुख्य साजिशकर्ता आरोपी (kingpin of human trafficking racket ) है. इस मामले की तफ्तीश के दौरान ये भी जानकारी एनआईए की टीम को पता चला कि पन्ना महतो का दिल्ली में 6 प्लेसमेंट एजेंसियों (Placement Agencies in Delhi )के साथ सांठगांठ है, जिसके मार्फत इस गंदा खेल को अंजाम दिया जा रहा था.
हालांकि एनआईए की टीम द्वारा जांच के दौरान इस मसले पर करीब दो दर्जन पीड़ित लड़कियों -महिलाओं की पहचान की गई,लेकिन एक अनुमान के मुताबिक ऐसे दर्जनों पीड़िता का ऐसा मामला भी मामला है. जो पीड़िता हैं, लेकिन किसी वजह से अपना केस दर्ज करवाने के लिए थाना नहीं गई. जिस वजह से इन आरोपियों द्वारा कुल पीड़िता महिलाओं की संख्या का अनुमान लगाना फिलहाल असंभव होगा. इस वजह से इस मामले में तफ़्तीश लगातार जारी है. आने वाले वक्त में एनआईए की टीम कुछ और बड़े खुलासे कर सकती है.
एनआईए द्वारा ह्यूमन ट्रैफिकिंग से जुड़े इस गैंग के चार प्रमुख आरोपियों के खिलाफ पहला पूरक आरोपपत्र दायर ( First Supplementary Charge-Sheet ) किया है. इनमें आरोपी पन्ना लाल महतो उर्फ पन्ना लाल गंझू उर्फ पन्ना लाल, सुनीता देवी उर्फ सुनीता कुमारी (फरार आरोपी), गोपाल उरांव और शिव शंकर गंझू उर्फ शिवशंकर महतो का नाम शामिल है.
दो दर्जन से ज्यादा लड़कियों को ठगने का मामला
एनआईए मुख्यालय में झारखंड की रहने वाली कई नाबालिग लड़कियों समेत युवा महिलाओं को नौकरी दिलवाने के नाम पर दिल्ली लाकर उसे बेच देने के मामले में तफ़्तीश के दौरान कई महत्वपूर्ण इनपुट्स जांचकर्ताओं को प्राप्त हुए थे. उसके बाद एनआईए के जांच करने वाली टीम ने इस मामले में अंतर राज्य प्रवासी कामगार कानून (Inter- State Migrant Workmen (Regulation of Employment and Conditions of Service) Act, 1979 ) के तहत मामला दर्ज किया. एनआईए द्वारा इस मामले को दर्ज करने से पहले झारखंड में खूंटी जिलान्तर्गत अहतु थाना में ये मामला दर्ज हुआ था. बाद में उसी एफआईआर को एनआईए ने 13 जून 2020 को टेकओवर कर लिया.पन्ना का रहने वाला है आरोपी
हालांकि एनआईए की टीम द्वारा जांच के दौरान इस मसले पर करीब दो दर्जन पीड़ित लड़कियों -महिलाओं की पहचान की गई,लेकिन एक अनुमान के मुताबिक ऐसे दर्जनों पीड़िता का ऐसा मामला भी मामला है. जो पीड़िता हैं, लेकिन किसी वजह से अपना केस दर्ज करवाने के लिए थाना नहीं गई. जिस वजह से इन आरोपियों द्वारा कुल पीड़िता महिलाओं की संख्या का अनुमान लगाना फिलहाल असंभव होगा. इस वजह से इस मामले में तफ़्तीश लगातार जारी है. आने वाले वक्त में एनआईए की टीम कुछ और बड़े खुलासे कर सकती है.