नई दिल्ली. तिहाड़ जेल में बंद 200 करोड़ रुपये की ठगी के मुख्य आरोपी सुकेश चंद्रशेखर से जेल प्रशासन परेशान है. नई परेशानी है उसकी भूख हड़ताल, जो उसने 23 अप्रैल से शुरू की है. वजह है इसी जेल बंद उसकी पत्नी लीना मारिया पॉल, जिससे वह मिलने की जिद कर रहा है. अब तक वह दो बार भूख हड़ताल पर कर चुका है. कुछ दिनों से उसे लिक्विड दिया जा रहा है, लेकिन अभी भी वह खाना नहीं खा रहा है.
डीजी (कारागार) संदीप गोयल ने कहा कि सुकेश चंद्रशेखर की मांग तिहाड़ जेल की जेल नंबर 6 में बंद अपनी पत्नी के साथ बैठक की व्यवस्था करने की थी. संदीप गोयल ने कहा कि सुकेश ने 23 अप्रैल से 2 मई तक और फिर 4 मई से 12 मई तक खाना नहीं खाया. अपनी पत्नी से प्रति माह दो बार से अधिक मिलने की मांग कर रहा है. जैसा कि जेल नियमावली में अनिवार्य है. कॉनमैन सुकेश चंद्रशेखर की मांग की कि उन्हें अपनी पत्नी लीना मारिया पॉल, जो तिहाड़ जेल में ही बंद हैं, उसे अधिक बार देखने की अनुमति दी जाए.
23 अप्रैल से 2 मई, फिर 4 मई से 12 तक नहीं खाया खाना
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट मुताबिक, डीजी (जेल) संदीप गोयल ने बताया कि सुकेश ने 23 अप्रैल से 2 मई तक और फिर 4 मई से 12 मई तक खाना नहीं खाया. “इस अवधि के दौरान, उन्हें जेल डिस्पेंसरी में लिक्विड में ग्लूकोज पर रखा गया था.
डीजी गोयल ने कहा कि सुकेश की मांग तिहाड़ जेल की जेल नंबर छह में बंद अपनी पत्नी से मिलने की थी. “इस संबंध में, उसे पहले से ही महीने में दो बार अपनी पत्नी के साथ अंतर-जेल मुलाकत (बैठक) की अनुमति दी जा रही है. महीने के पहले और तीसरे शनिवार को ये व्यवस्था की जाएगी, जैसा कि अन्य कैदियों को अनुमति है. लेकिन वह इनके अलावा अतिरिक्त बैठकें चाहते थे, जिसकी अनुमति नहीं थी. सूत्रों ने कहा कि जेल प्रशासन इस पूरे घटनाक्रम को अदालत को अवगत कराएगा.
दिल्ली पुलिस ने रोहिणी जेल के 82 अधिकारियों और कर्मचारियों की जांच की अनुमति मांगी
इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने जेल प्रशासन से कहा था कि वह रोहिणी जेल के 82 अधिकारियों और कर्मचारियों को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत जांच करने की अनुमति दे, क्योंकि आठ अधिकारियों को सुकेश को फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटर शिविंदर सिंह की पत्नी अदिति से 200 करोड़ रुपये की उगाही में मदद करने के लिए गिरफ्तार किया गया था. सिंह जेल में हैं. पुलिस ने दावा किया था कि सुकेश ने जेल कर्मचारियों को अपने लिए एक पूरी बैरक सुरक्षित करने के लिए लगभग 25-30 करोड़ रुपये का भुगतान किया था.
पुलिस ने रोहिणी जेल में 14 जुलाई से 14 अगस्त 2021 तक के 10 CCTV फुटेज जुटाए
पुलिस ने कहा कि रोहिणी जेल में 14 जुलाई से 14 अगस्त, 2021 तक लगाए गए 10 कैमरों से सीसीटीवी फुटेज एकत्र किए गए. इन्हें वार्ड नंबर 3 और बैरक नंबर 204 को कवर किया गया, जहां सुकेश पहले बंद था. डीसीपी मोहम्मद अली ने अपने पत्र में लिखा, “यह पाया गया कि सुकेश की बैरक में लगे सीसीटीवी पूरी तरह से पर्दों और कैमरे के सामने रखे मिनरल वाटर की बोतल के डिब्बे से अवरुद्ध थे.” तिहाड़ जेल को धारा 17 (ए) के तहत मंजूरी देने के लिए कहा. रोहिणी जेल नंबर 10 के अधिकारियों के खिलाफ जांच या जांच करने के लिए पीसी एक्ट.
जांच में पाया गया कि अधिकारियों और कर्मचारियों से थी सुकेश की मिलीभगत
डीसीपी अली ने बताया कि “ऑब्जेक्ट को कैमरे की नज़र से हटाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई. इस सुविधा के लिए, जेल अधिकारियों को सुकेश और उसके सहयोगियों से अपराध की आय से मोटी रकम मिली. इस संबंध में रोहिणी जेल में सीसीटीवी नियंत्रण कक्ष में तैनात वार्डर नीरज मान द्वारा सीसीटीवी रजिस्टर में की गई प्रविष्टियों को न केवल नजरअंदाज किया गया, बल्कि जेल के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा मान को दबाव में और ऐसी प्रविष्टि करने से हतोत्साहित किया गया. इसने स्पष्ट रूप से स्थापित किया कि रोहिणी जेल नंबर 10 में वरिष्ठ अधिकारियों सहित कर्मचारियों ने सुकेश के साथ मिलीभगत की और उसे अंदर से अपनी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने में मदद की, जिससे यह सुकेश के लिए एक आश्रय स्थल बन गया.”
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