होम /न्यूज /दिल्ली-एनसीआर /कोरोना वैक्‍सीन की पहली या दोनों डोज लेने के बाद भी देशभर में संक्रमित हो रहे लोग, ये है बड़ी वजह  

कोरोना वैक्‍सीन की पहली या दोनों डोज लेने के बाद भी देशभर में संक्रमित हो रहे लोग, ये है बड़ी वजह  

कोरोना वैक्‍सीन की डज्ञेज लेने के बाद भी कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं. (सांकेतिक फोटो: AFP)

कोरोना वैक्‍सीन की डज्ञेज लेने के बाद भी कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं. (सांकेतिक फोटो: AFP)

ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) के पूर्व निदेशक डॉ. एमसी मिश्र का कहना है कि कोरोना वैक्‍सीन की पहली य ...अधिक पढ़ें

नई दिल्‍ली. साल 2020 में कोरोना महामारी (Corona Pandemic) से जूझने के बाद अब ए‍क बार फिर 2021 में भी कोरोना संक्रमितों (Covid Infected) के मामलों में तेजी आई है. कोरोना से निपटने के लिए विश्‍व में कई वैक्‍सीनों के साथ ही भारत में कोवैक्‍सीन (Covaxin) और कोविशील्‍ड (Covishield) दो वैक्‍सीन बनाई गईं जिससे उम्‍मीद जगी कि अब इस बीमारी पर नियंत्रण हो सकेगा. लेकिन वैक्‍सीन (Vaccine) की एक या दोनों डोज लेने के बाद भी देश में कोरोना से संक्रमित हो रहे लोगों के मामलों ने फिर चिंता पैदा कर दी है.

हाल ही में देश के कई इलाकों से ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें कोरोना वैक्‍सीन की पहली डोज (Vaccine First Dose) लेने के बाद लोग कोरोना की चपेट में आ गए हैं. यूपी के ए‍क अस्‍पताल में कोरोना की पहली डोज लेने के बाद एक डॉक्‍टर को कोरोना हो गया. वहीं बॉलीवुड फिल्‍म निर्माता को रमेश तौरानी (Ramesh Taurani) ने भी पहली डोज ले ली थी जिसके बाद वे कोरोना संक्रमित हुए. वहीं दिल्‍ली की एक नर्स और लखनऊ में एक डॉक्‍टर कोरोना को वैक्‍सीन की दोनों डोज लेने के बाद कोरोना हुआ है.

" isDesktop="true" id="3534990" >

ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) के पूर्व निदेशक डॉ. एमसी मिश्र का कहना है कि देशभर में ऐसे मामले सामने आना संभव है क्‍योंकि वैक्‍सीनेशन 100 फीसदी कोविड न होने की गारंटी नहीं देता. जब वैक्‍सीन का ट्रायल होता है तो इसकी एफिकेसी मापी जाती है. कोरोना की सभी वैक्‍सीन को देखें तो किसी की भी 100 फीसदी एफिकेसी नहीं है. सभी वैक्‍सीन 60 से 95 फीसदी तक ही सभी कारगर हैं. कोविशील्‍ड और कोवैक्‍सीन की एफिकेसी 80 फीसदी है जबकि फायजर आदि की 95 फीसदी तक है. ऐसे में अगर 100 लोगों को वैक्‍सीन लगती है तो उनमें से संभव है कि एक-दो या पांच कोरोना की चपेट में आ जाएं.

Covid-19, Corona virus, Corona Vaccine, Covid-19 Vaccination, Astra Zeneca, Blood Clot,
विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना की कोई भी वैक्‍सीन कोरोना न होने की 100 फीसदी गारंटी नहीं देती.


डॉ. मिश्र कहते हैं कि चपेट में आने के बावजूद जो बड़ी बात है वह यह है कि कोरोना की वैक्‍सीन लेने के बाद चपेट में आए लोगों में संक्रमण की गंभीरता इतनी नहीं होगी जितनी कि बिना वैक्‍सीन के सामान्‍य व्‍यक्ति को होगी. वैक्‍सीन के बाद बीमारी की गंभीरता और मृत्‍यु की संभावना काफी कम हो जाती है. यह इसका फायदा है.

वहीं दूसरी जो वजह है वह यह भी है कि कोरोना वैक्‍सीन की दो खुराक दी जाती हैं. इसमें पहली खुराक लगाए जाने के चार से आठ हफ्तों के बाद दूसरी खुराक दी जानी है. इन दिनों के अंतराल में वैक्‍सीन शरीर में एंटीबॉडीज पर काम करेगी. हालांकि कोवैक्‍सीन और कोविशील्‍ड दो अलग-अलग फॉर्मूलों पर काम करती हैं ऐसे में शरीर में पहुंचकर भी इनका काम एक दूसरे से अलग होगा. इसके बावजूद इन दोनों की एक खुराक कोरोना वायरस को रोकने की दिशा में कोई काम नहीं कर पाएगी. ऐसे में पहली खुराक के बाद कोरोना संक्रमित होने की संभावना होती है. वहीं दूसरी डोज को भी पूरी तरह काम करने में कम से कम 15 दिन का समय लगता है ऐसे में इस दौरान कोई भी कोरोना से संक्रमित हो सकता है.

 कोरोना से बचाव के लिए मास्‍क और सोशल डिस्‍टेंसिंग जरूरी है. (फोटो सौ. न्यूज18 इंग्लिश)
कोरोना से बचाव के लिए मास्‍क और सोशल डिस्‍टेंसिंग जरूरी है. (फोटो सौ. न्यूज18 इंग्लिश)


डॉ. मिश्र कहते हैं कि दूसरी डोज लगने के 15 दिन बाद आपका शरीर कोरोना से सुरक्षित हो जाएगा. आप कोरोना वायरस के संपर्क में आएंगे लेकिन वह आपके शरीर पर असर नहीं कर पाएगा. हालांकि इसके बावजूद लापरवाही बरतने की जरूरत नहीं है बल्कि कोरोना से बचने के सभी उपाय करने की जरूरत है. इसकी मुख्‍य वजह है कि आप तो सुरक्षित हैं लेकिन आपका परिवार आपके द्वारा बरती जा रही सावधानियों से ही सुरक्षित होगा.

Tags: Corona in Delhi, Corona infection, Corona vaccine, Covaxine, Covishield Vaccine Dose

टॉप स्टोरीज
अधिक पढ़ें