भारत में कोरोना से गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और बीमारों को खतरा है. (News18)
नई दिल्ली. पिछले कुछ दिनों में चीन के कई हिस्सों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं. वहां कोरोना (Coronavirus) से मृत्यु भी ज्यादा हो रही हैं. इसके अलावा जापान, साउथ कोरिया, ब्राजील सहित अन्य कई देशों में भी कोरोना के लाखों मरीज सामने आ रहे हैं. ऐसे में भारत में भी कोरोना वायरस के नए वेरिएंट्स को लेकर चिंता पैदा हो गई है. वहीं केंद्र सरकार सहित स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी सभी लोगों से सावधानी बरतने के लिए कह रहे हैं. हालांकि कोरोना के नए वेरिएंट्स से उन लोगों को संकमण का खतरा ज्यादा है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है.
फेलिक्स अस्पताल नोएडा के डिपार्टमेंट ऑफ पीडियाट्रिक्स में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. रश्मि गुप्ता कहती हैं कि अभी भारत में कोरोना (Covid-19) के मामले जरूर कम हैं, लेकिन कोरोना के नियमों का पालन सक्रियता से करना शुरू कर देना चाहिए. कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकना जरूरी है. कोरोना कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को सबसे पहले अपना शिकार बनाता है, खासकर किसी प्रकार की बीमारियों से जूझ रहे लोग, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और छोटे बच्चों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. ये कोरोना से आसानी से संक्रमित हो सकते हैं.
मास्क लगाएं, इम्युनिटी बढ़ाएं
ऐसे में अगर बाहर निकल रहे हैं तो मास्क (Mask) जरूर लगाएं. कोशिश करें कि भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचें. अगर कोई व्यक्ति विदेश से आ रहा है तो उससे 15 दिन बाद ही संपर्क करें. ऐसे लोग घरों में ही खुद को क्वारंटीन करें. इसके अलावा कोई भी व्यक्ति खाली पेट घर से बाहर न निकले. इससे इम्युनिटी (Immunity) घटती है. अन्य बीमारियों की आशंका रहती है. हेल्दी डाइट खासकर मौसमी फल-सब्जियां अधिक खाएं. पानी की कमी न होने दें. नियमित व्यायाम और सुबह की धूप में बैठने से भी इम्युनिटी अच्छी होती है.
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बूस्टर डोज है जरूरी
वे कहती हैं कि जिन्होंने बूस्टर डोज नहीं लगवाया है, वे डॉक्टरी सलाह से लगवाएं. हल्की खांसी-जुकाम, बुखार और गले में खराश के लक्षण दिख रहे हैं. अगर सामान्य फ्लू जैसे लक्षण हैं और तीसरे दिन तेज सूखी खांसी हो रही है तो ध्यान देने की जरूरत है. इसके साथ ही ध्यान दें कि सांस लेने में तकलीफ तो नहीं है. अगर है तो इस लक्षण की अनदेखी नहीं करें. सांस लेने में तकलीफ का अर्थ फेफड़ों को नुकसान से है. इसलिए तत्काल अपने डॉक्टर को दिखाएं.
ऑक्सीजन स्तर करते रहें चेक
जिन्हें कोरोना की आशंका है, वे छह मिनट तक तेज वॉक करें या फिर सीढ़ियां चढ़े और उतरें. इसके बाद अपना ऑक्सीजन का स्तर देखें. इसको घर पर ही पल्स ऑक्सीमीटर से देखा जा सकता है. यह स्कोर 96-97 से कम नहीं होना चाहिए. छह मिनट वॉक टेस्ट में कुछ लोगों का ऑक्सीजन का स्तर 95 तक हो सकता है. इनमें वे लोग शामिल हैं जो मोटे हैं, सीओपीडी के मरीज हैं या फिर जिन्हें खर्राटे की समस्या है. इसके अलावा जिन लोगों का ऑक्सीजन स्तर कम आ रहा है, वे डॉक्टर को दिखाएं और जरूरत के अनुसार इलाज लें.
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अगर गर्भवती महिलाएं हो जाएं संक्रमित तो..
डॉ. रश्मि कहती हैं कि इस समय परेशान न हों. गर्भवती महिला अगर कोरोना संक्रमित हो जाती है, तो उसे प्रोटोकाल का पालन करना चाहिए. वे सबसे पहले खुद को आइसोलेट कर लें और किसी भी व्यक्ति से ना मिले. घर में छोटे बच्चे हैं तो उनसे भी दूरी बनाकर रखें. डाक्टर की सलाह के अनुसार ही दवा ले. काढ़ा और स्टीम भी लेती रहे. तनावमुक्त होकर उपचार कराए. किसी महिला को पहले से हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत है तो ऐसे में उसे अपनी गर्भावस्था के दौरान सचेत रहने की बहुत जरूरत है. कई बार गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को हाइपरटेंशन की वजह से झटके आने लगते हैं. इसे प्री एक्लेमीशिया कहते हैं. ऐसे में जच्चा-बच्चा दोनों की मौत हो सकती है. इसका उपचार जरूरी है.
ऐसे रखें अपना ख्याल
– तनाव न लें.
– संतुलित आहार लें.
– बुखार होने पर घबराएं नहीं.
– डाइट में विटामिन शामिल करें.
– हर दिन हल्का व्यायाम जरूर करें.
– इम्युनिटी का विशेष खास ख्याल रखें.
– तेल, घी मसालेदार खाने से परहेज करें.
– कोरोना के लक्षण है तो तुरन्त डाक्टर से संपर्क करें.
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