नई दिल्ली. देश में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) के मामले अब बढ़ते जा रहे हैं. भारत के करीब 11 राज्यों में अभी तक 100 से ज्यादा ओमिक्रॉन के मामले सामने आ चुके हैं. पिछले कुछ दिनों में ही ओमिक्रॉन से संक्रमितों की रफ्तार तेजी से बढ़ी है. लिहाजा वैज्ञानिक और स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस वेरिएंट के माध्यम से तीसरी लहर (Corona Third Wave) के आने की आशंका भी जता रहे हैं. इतना ही नहीं अब ओमिक्रॉन के अलावा भी कोविड के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. हालांकि विशेषज्ञ कहते हैं कि संक्रमण क्षमता ज्यादा होने के कारण अभी ओमिक्रॉन ज्यादा संक्रामक है. अभी ओमिक्रॉन से मौत (Omicron death) का कोई मामला सामने नहीं आया है और गंभीर लक्षण भी नहीं मिले हैं लेकिन ये स्थिति हर उम्र और गंभीर रोगों से जूझ रहे लोगों के साथ भी होगी कहना मुश्किल है. इसी तरह मामले बढ़े और हर उम्र के लोग इससे प्रभावित हुए तो इसे खतरनाक होने में समय नहीं लगेगा.
जोधपुर स्थित इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च-एनआईआईआरएनसीडी (नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर इम्पलीमेंटेशन रिसर्च ऑन नॉन कम्यूनिकेबल डिसीज) के निदेशक और कम्यूनिटी मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. अरुण शर्मा ने न्यूज-18 हिंदी से बातचीत में बताया कि कोरोना का कोई भी नया वेरिएंट आता है तो वह कितना खतरनाक है इसका पता लगाने में समय लगता है. जैसे-जैसे संक्रमण बढ़ता है और इससे मृत्यु दर या रोग की गंभीरता बढ़ती है तो इसका खतरा गंभीर होता जाता है. ऐसे में अगर ओमिक्रॉन से गंभीर रोगों से पीड़ित लोग, बुजुर्ग या बच्चे प्रभावित होते हैं और उनकी स्थिति गंभीर होती है या पोस्ट ओमिक्रॉन इफैक्ट गहरे और नुकसानदायक होते हैं तो इससे वेरिएंट का खतरा बढ़ सकता है. अभी ओमिक्रॉन के जो मामले आ रहे हैं उनमें यह देखा जा रहा है कि यह किस आयुवर्ग के लोग हैं, ये गंभीर बीमारियों वाले हैं या नहीं, इनमें लक्षण क्या दिखाई दे रहे हैं. जैसे ही यह बीमारी कोमोरबिड लोगों तक पहुंचेगी, इसका खतरा बढ़ सकता है. ऐसे में अगले 15 -20 दिन में इस स्थिति के और साफ होने का अनुमान है.
20-55 आयुवर्ग के लोग ओमिक्रॉन से संक्रमित
वहीं दिल्ली सरकार के लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुरेश कुमार ने न्यूज 18 हिंदी को बताया कि ओमिक्रॉन एक नया वेरिएंट है, इसके प्रसार को लेकर कहा जा रहा है कि यह अभी तक के सभी वेरिएंट के मुकाबले सबसे ज्यादा तेजी से फैलता है लेकिन यह खतरनाक है ऐसा अभी सामने नहीं आया है. दिल्ली में आए 20 मरीजों में जो खास चीज देखने को मिली है वह यह है कि ये सभी मरीज 20 से 55 साल की उम्र के बीच के हैं. इनमें न तो कोई वरिष्ठ नागरिक है और न ही अभी तक कोई बच्चा शामिल है. वहीं कोई भी गंभीर रोग से पीड़ित नहीं है. इनमें संक्रमण के बाद भी बहुत हल्के लक्षण हैं या नहीं हैं. ये सभी सिर्फ ओमिक्रॉन पॉजिटिव हैं.
गंभीर रोगों से पीड़ितों को हो सकता है खतरा
डॉ. शर्मा कहते हैं कि डेल्टा वेरिएंट के कारण आई दूसरी लहर में भी देखा गया था कि पहले इसके मामले आने शुरू हुए, इसके बाद जैसे-जैसे इसका दायरा बढ़ता गया तो यह गंभीर होता चला गया. लिहाजा अभी भी यही चिंता है कि गंभीर रोगों वाले मरीज इस वायरस के प्रभाव में न आएं, इससे संक्रमित न हों क्योंकि इनके संक्रमित होने पर रोग की गंभीरता भी बढ़ जाती है. इसके लिए सभी लोगों को अपने खान-पान को सही करने, रहन-सहन और सामाजिक मेल जोल को नियंत्रित करने के साथ ही सभी कोविड सुरक्षित व्यवहार और आचार का पालन करना चाहिए. ताकि खुद भी सुरक्षित रहें और बाकी लोगों को भी इस बीमारी से बचा सकें.
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