उपहार सिनेमा आग कांड में 59 लोग मारे गए थे. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली. अदालत ने उपहार सिनेमा अग्निकांड (Uphar Cinema Fire) मामले में दोषी अंसल बंधुओं (Ansal Brothers) और अन्य को राहत प्रदान करने से इनकार कर दिया. उनकी सजा के खिलाफ अपील के निपटारे तक सजा निलंबित (Sentence Suspended) करने से इनकार कर दिया. यानि सभी को जेल में ही रहना होगा. कोर्ट ने कहा दोषियों पर गंभीर आरोप है और उनके रवैये को देखते हुए सजा निलंबन का कोई आधार नहीं है. अदालत ने उनकी अपील पर सुनवाई 23 फरवरी 2022 तय की है.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनिल अंतिल ने गोपाल अंसल, सुशील अंसल के अलावा अदालत के पूर्व कर्मचारी दिनेश चंद शर्मा और दो अन्य लोगों पीपी बत्रा और अनूप सिंह की मजिस्ट्रेट के फैसले के खिलाफ दायर अपील के निपटारे तक सजा निलंबित करने संबंधी अपील खारिज कर दी.
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि दोषियों ने अदालत की फाइल से दस्तावेज गायब व छेड़छाड कर न्यायपालिका से खिलवाड़ किया है. उन्होंने पैसे के बल पर अदालत के स्टाफ दिनेश चंद शर्मा को अपने साथ मिलाकर पीड़ितों को न्याय पाने से दूर करने का प्रयास किया. यह गंभीर मामला है. ऐसे में किसी भी प्रकार की राहत पाने के हकदार नहीं है.
पीपी बत्रा और अनूप सिंह को 7-7 साल कैद सुनाई
मजिस्ट्रेट अदालत ने अंसल बंधुओं, अदालत के पूर्व कर्मचारी दिनेश चंद शर्मा और दो अन्य लोगों पीपी बत्रा और अनूप सिंह को 7-7 साल कैद की सजा सुनाते हुए उन पर 3-3 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था. अदालत ने अंसल पर 2.25 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था. इन सभी ने स्वयं को निर्दोष बताते हुए अपील की है. अदालत ने मामले में उपहार अग्निकांड पीड़ित एसोसिएशन व पुलिस के उस तर्क को स्वीकार कर लिया कि मामले में अदालती फाइल से मुख्य दस्तावेजों से छेड़छाड करना गंभीर मामला है.
15 दिनों बाद ही सजा निलंबन से उनका विश्वास टूट जाएगा
कोर्ट ने सरकारी वकील एटी अंसारी के उस तर्क को भी स्वीकार कर लिया कि पूरा मामला न्यायिक सिस्टम पर आम लोगों के विश्वास व पिछले 24 वर्ष से इंसाफ के लिए लड़ाई लड़ रहे उपहार हादसे से पीड़ितों के विश्वास का है और सजा के मात्र 15 दिनों बाद सजा निलंबन से उनका विश्वास टूट जाएगा. उन्होंने कहा कि अंसल बंधुओं ने पैसे के बल पर सिस्टम से खिलवाड़ किया है और उनको कड़ी सजा मिलनी ही चाहिए थी. उनकी अपील के निपटारे तक सजा का निलंबन को कोई आधार नहीं है.
उपहार पीड़ित एसोसिएशन ने कोर्ट के फैसले पर जताई खुशी
उपहार पीड़ित एसोसिएशन की अध्यक्ष नीलम कृष्ण मूर्ति ने फैसले पर खुशी जताई है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 में जिस प्रकार अदालत ने अंसल व अन्य पर जुर्माना लगा कर छोड़ दिया था उसने उनका न्यायपालिका से विश्वास उठ गया था लेकिन आज के निर्णय के बाद उनका न्यायपालिका पर विश्वास पुन: कायम हुआ है. उन्होंने कहा आज के फैसले से उनको कड़ा संदेश मिलेगा कि पैसे के बल पर वे साक्ष्यों से छेडछाड़ कर न्याय से खिलवाड़ नहीं कर सकते.
सुशील अंसल, गोपाल अंसल, पीपी बत्रा व अदालत के बर्खास्त कर्मचारी दिनेश चंद शर्मा के वकीलों ने निचली अदालत द्वारा उनके मुवक्किलों को सात वर्ष की सुनाई सजा को गलत बताते हुए अपील के निपटारे तक सजा को निलंबित करने का आग्रह किया.
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