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नीति आयोग ने बॉर्डर इलाके में बनने वाली स्‍टील स्‍लैग रोड का निरीक्षण कर बीआरओ के लिए बताया वरदान, यह है वजह

अरुणाचल प्रदेश में बनी स्‍टील स्‍लैग रोड के निरीक्षण के दौरान नीति आयोग के सदस्‍य डा. वीके सारस्‍वत और सीएसआईआर-सीआईआईआर के साइंटिस्‍ट, बीआरओ और टाटा स्‍टील्‍स के अधिकारी.

अरुणाचल प्रदेश में बनी स्‍टील स्‍लैग रोड के निरीक्षण के दौरान नीति आयोग के सदस्‍य डा. वीके सारस्‍वत और सीएसआईआर-सीआईआईआर के साइंटिस्‍ट, बीआरओ और टाटा स्‍टील्‍स के अधिकारी.

नीति आयोग के सदस्‍य डा. वीके सारस्‍वत ने कहा कि स्‍टील स्‍लैग से बनने वाली रोड लोहालाट होंगी, जो सामान्‍य सड़कों के मुक ...अधिक पढ़ें

नई दिल्‍ली. सीएसआईआर-सीआरआरआई स्टील स्लैग रोड टेक्नोलॉजी से बार्डर इलाके में बन रही देश की पहली स्‍टील स्‍लैग रोड को नीति आयोग ने वरदान बताया है. नीति आयोग के सदस्‍य डा. वीके सारस्‍वत ने कहा कि स्‍टील स्‍लैग से बनने वाली रोड लोहालाट होंगी, जो सामान्‍य सड़कों के मुकाबले लंबे समय तक चलेंगी. ये सड़क सामरिक और रणनीतिक रूप में भी देश के लिए महत्‍वपूर्ण होंगी.

अरुणाचल प्रदेश के जोराम-कोलोरियांग रोड पर देश की पहली बार्डर इलाके में स्‍टील स्‍लैग रोड का निर्माण हाल ही में किया गया है. निरीक्षण के दौरान सीएसआईआर- सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्‍टीट्यूट बॉर्डर रोड आर्गनाइजेशन, टाटा स्टील और अरुणाचल प्रदेश राज्य सरकार अधिकारी शामिल रहे. डा. वीके सारस्‍वत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस सड़क की सराहना कर चुके हैं.

अरुणाचल प्रदेश में बनी स्‍टील स्‍लैग रोड के निरीक्षण के दौरान नीति आयोग के सदस्‍य डा. वीके सारस्‍वत, सीएसआईआर-सीआईआईआर के निदेशक डा. मनोरंजन परीडा, प्रधान वैज्ञानिक सतीश पांडेय और बीआरओ के अधिकारी.

सफल परीक्षण होने के बाद बनाई बार्डर की रोड

गौरतलब है कि देश की पहली स्‍टील स्‍लैग रोड सूरत के हजीरा में बनाई गयी है. यहां पर प्रोसेस्‍ड स्‍टील स्‍लैग एएमएनएस के हजीरा प्‍लांट से लेकर उपयोग किया गया था. स्‍टील स्‍लैग रोड तकनीक विकसित करने वाले सीएसआईआर-सीआरआरआई के प्रधान वैज्ञानिक सतीश पांडेय ने बताया कि प्रोसेस्‍ड स्‍टील स्‍लैग रोड की गुणवत्‍ता पत्‍थर की गिट्टी से निर्मित सामान्‍य सड़क की तुलना में काफी अच्‍छी है. प्राकृतिक संसाधनों से निर्मित होने वाली सड़क की तुलना में स्‍टील स्‍लैग रोड कम लागत में भी तैयार की जा सकती और इसके रख रखाव भी कम खर्च होगा

देश की सुरक्षा मोदी सरकार की प्राथमिकता

देश की सुरक्षा मोदी सरकार की प्राथमिकता है, इसी को ध्‍यान में रखते हुए बॉर्डर इलाकों में नई नई तकनीक का इस्‍तेमाल कर सड़कों का निर्माण किया जा रहा है, जो जल्‍दी खराब न होंगी. पूर्वोत्‍तर राज्‍यों में बारिश अधिक होने की वजह से तारकोल की सड़कें जल्‍दी खराब हो जाती हैं. इस वजह से सेना और रसद को बॉर्डर पहुंचाने में परेशानी होती है. बॉर्डर इलाकों की सड़कें सुरक्षा से जुड़ी होती है. इसलिए इनका निर्माण स्‍वयं बॉर्डर रोड आर्गनाइजेशनज (बीआरओ) करता है. जो टिकाऊं बनें और जल्‍दी टूटे नहीं. इसलिए बीआरओ ने इन सड़कों को स्‍टील स्‍लैग से बनाने का फैसला किया है.

Tags: Indo china border, Niti Aayog, Roads

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