लैंड पूलिंग योजना के तहत डीडीए अब दिल्ली का विकास जोनवार तरीके से करेगा. (File Photo)
नई दिल्ली. दिल्ली विकास प्राधिकरण (Delhi Development Authority) की ओर से तीन साल पहले लैंड पूलिंग योजना (Land Pooling Yojana) को मंजूरी दी गई थी. इस योजनाओं को जमीन पर उतारने के लिए अब डीडीए ने पूरी तैयारी कर ली है. इस योजना के तहत डीडीए (DDA) अब दिल्ली का विकास जोनवार (Zonal Development) तरीके से करेगा. इसके लिए पूरी रणनीति तैयार की जा चुकी है. फिलहाल लैंड पूलिंग योजना के तहत पांच जोनों में विकास कार्य किए जाएंगे जिसकी टेंडर प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है. इन पांच जोन में एन, पी-2, के-1, एल और जे जोन शामिल हैं. इन सभी में विकास को तेज गति से शुरू किया जाएगा.
डीडीए अधिकारियों की माने तो लैंड पूलिंग योजना (Land Pooling Yojana) को तीन साल पर यानी 11 अक्टूबर, 2018 को अधिसूचित किया जा चुका है. लेकिन अब तीन साल होने के बाद इस योजना पर तेजी से काम करने की तैयारी की जा रही है. इस योजना के अंतर्गत जो पॉलिसी तैयार की गई है उसको 109 सेक्टरों में बांटा गया है. इन सभी का विकास योजनाबद्ध तरीके से किया जाएगा. डीडीए फ्लैट्स से मोह भंग हो चुके उन लोगों के लिए यह योजना बेहद कारगर साबित हो सकेगी जोकि प्राइवेट बिल्डिर्स के फ्लैट्स को ज्यादा पसंद करते हैं.
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95 शहरीकृत गांवों को बनाया जा रहा योजना का हिस्सा
आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि लैंड पूलिंग योजना के तहत जो जोनवार तरीके से विकास किए जाएंगे उसमें प्रदूषण (Pollution) पर नियंत्रण से लेकर मोबिलिटी तक पर पूरा फोकस किया जाएगा. अच्छी बात यह है कि डीडीए की ओर से 95 ऐसे शहरीकृत गांवों को योजना का हिस्सा बनाया जा रहा है जहां पर 17 लाख से ज्यादा आवास (Awas) तैयार किए जाएंगे. यह दिल्ली में आवास की बड़ी जरूरतों को पूरा करने में मददगार होंगे.
प्रदूषण जैसी समस्या को भी कंट्रोल रखने पर रहेगा फोकस
इस मोबिलिटी योजना (Mobility Plan) के अंतर्गत डीडीए (DDA) संबंधित क्षेत्र में परिवहन से लेकर कमर्शियल एक्टिविटीज (Commercial Activities) के आवागमन और रिहायशी क्षेत्र को जोड़ने के लिए पूरी व्यवस्था करेगा. इससे सड़कों पर ट्रेफिक दवाब नहीं बनेगा. साथ ही प्रदूषण जैसी समस्या को भी कंट्रोल में रखा जा सकेगा.
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20 से 22 हजार हेक्टेयर जमीन पर विकसित किए जाएंगे जोन
डीडीए के मुताबिक जिन जोनों को तैयार किया जा रहा है वह करीब 20 से 22 हजार हेक्टेयर जमीन पर विकसित किए जाएंगे. इतना ही नहीं जमीन के मालिकों को यह भी अधिकार होगा कि वह जमीन का पूल बना सकते हैं. वहीं, मास्टर प्लान के तहत उसको विकसित कर सकते हैं.
लैंड पूलिंग योजना में पंजीकरण की जा चुकी है 6,500 हेक्टेयर भूमि
बताया जाता है कि लैंड पूलिंग योजना के तहत करीब 6,500 हेक्टेयर भूमि का पंजीकरण भी किया जा चुका है जिस पर आवास का निर्माण किए जाने की जरूरत है.
डीडीए अधिकारी बताते हैं कि लैंड पूलिंग योजना के तहत जोन एन, पी टू और के वन जोन के मोबिलिटी प्लान पर काम भी शुरू हो चुका है. वहीं, एल जोन के लिए टेंडर प्रक्रिया को शुरू किया जा चुका है.
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30 साल की जरूरतों को पूरा करने वाली तैयार होगी डीपीआर, नियुक्त होंगे कंसल्टेंट
बताया जाता है कि डीडीए एल जोन में मोबिलिटी प्लान बनाने के लिए कंसल्टेंट नियुक्त किया जाएगा. इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. कंसल्टेंट की ओर से ट्रांसपोर्ट नेटवर्क और ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम को लेकर डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) को तैयार किया जाएगा.
वहीं यह डीपीआर इस तरह से तैयार की जाएगी जोकि अगले 30 सालों तक इन क्षेत्रों में बढ़ने वाले ट्रेफिक की जरूरत को पूरा करने की संभावना को तलाश करेगी. वहीं उनको किस तरह के ट्रांसपोर्ट की जरूरत भविष्य में होगी, इस सभी की लेकर प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जाएगी.
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