ब्राजील में कोरोना वायरस से अब तक 41,828 लोगों की मौत हो चुकी है.
दिल्ली. भारत (India) की राजधानी में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमित (Covid-19) पीड़ितों की संख्या के साथ ही इस संक्रमण से मरने वालों के आंकड़ों में भी इजाफा हो रहा है. आलम ये है कि वायरस के संक्रमण कोविड-19 से मरने वालों के शवों को अंतिम संस्कार के लिए कुछ श्मशान घाटों में जगह तक कम पड़ जा रही है. भीड़ को देखते हुए शवों को तय श्मशान घाट की जगह दूसरे घाट पर भेजना पड़ रहा है. ताजा मामला दिल्ली के पंजाबी बाग श्मशान घाट से जुड़ा है. 9 से 12 जून के बीच यहां बड़ी संख्या में कोविड-19 से मरने वालों के शवों का अंतिम संस्कार करने का दावा किया जा रहा है. लोगों के भीड़ को देखते कुछ शवों को यहां की बजाय निगमबोध घाट भी भेजना पड़ा.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 9 जून से 12 जून के बीच कोविड-19 से मरने वाले लोगों के शव बड़ी संख्या में पंजाबी बाग श्मशान घाट भेजे गए. बीते शुक्रवार को यहां क्षमता से अधिक शव भेजने के कारण कुछ शवों को यहां की बजाय निगमबोध घाट में ले जाना पड़ा. पंजाबी बाग श्मशान घाट की जगह इन शवों के अंतिम संस्कार निगमबोध घाट में किए गए.
3 दिन में 200 से अधिक के अंतिम संस्कार
एसडीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 9 जून और 10 जून को, प्रत्येक दिन 65 शवों को भेजा गया था. इसके बाद 11 जून को 73 शवों को अंतिम संस्कार के लिए भेजा गया था. पंजाबी बाग श्मशानघाट में 70 लकड़ी-आधारित चिता और चार सीएनजी-आधारित चिताओं की क्षमता है. आधिकारिक रूप से दाह संस्कार का समय सुबह 7 से 10 बजे है. पिछले तीन दिनों में बड़ी संख्या में कोरोना वायरस से मरने वालों के शव भेजे गए. बीते शुक्रवार को क्षमता से अधिक शव हो गए थे. एनडीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'शवों को निगामबोध घाट पर ले जाया गया था, क्योंकि पंजाबी बाग श्मशान घाट में शवों की संख्या और उनके परिजनों की भीड़ ज्यादा थी.'
कांग्रेस नेता माकन ने किया ट्विट
एसएमडीसी के अधिकारियों के मुताबिक, पंजाबी बाग स्थल पर किसी को भी अंतिम संस्कार से मना नहीं किया गया. हालांकि, सफदरजंग अस्पताल, एम्स, आरएमएल अस्पताल ने पंजाबी बाग और एलएनजेपी अस्पताल, जीबी पंत अस्पताल और बाबू जगजीवन राम अस्पताल ने ऐसे शवोंं को निगमबोध घाट भेजा. इधर, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अजय माकन ने गुरुवार को पंजाबी बाग श्मशान स्थल पर भीड़ को लेकर एक ट्वीट किया था. इसमें बड़ी संख्या में अंतिम संस्कार करने वाले लोगों को दिखाते हुए एक वीडियो शेयर किया गया था.
For a first time
Received request to push for early cremation of a young boy from Basai Darapur,whose family was asked to wait for 3 days at PunjabiBagh crematorium,which is allowed 65-75 COVID cremation/day😢
With 3 days waiting,in 1 of the many in Delhi-imagine the death rate https://t.co/cV8HXotZDd
— Ajay Maken (@ajaymaken) June 11, 2020
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