नई दिल्ली. भारत में बच्चे की देखभाल के लिए चाइल्ड केयर लीव (Child Care Leave) लेने की व्यवस्था है लेकिन गहरी और लंबी बीमारियों से जूझ रहे बुजुर्ग मरीजों के बच्चों के लिए किसी प्रकार की छुट्टी की व्यवस्था नहीं है. यही वजह है कि अब सीसीएल (CCL) की तरह ही बुजुर्ग अभिभावकों की सेवा के लिए पेरेंट्स केयर लीव (Parents Care Leave) का प्रावधान करने की मांग की जा रही है. हाल ही में दिल्ली स्थित ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) के जिरियाट्रिक मेडिसिन विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर और आरडीए एम्स के पूर्व प्रेसिडेंट डॉ. विजय गुर्जर ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को चिठ्ठी लिखी है.
डॉ. गुर्जर कहते हैं कि देश में माता-पिता को अपने बच्चों के पालन पोषण के लिए छुट्टी लेने का कानून है लेकिन जब माता-पिता को बीमारी के समय अपने बच्चों की जरूरत पड़ती है तो उन बच्चों को छुट्टी लेने का कोई कानून नहीं है. वे कहते हैं कि बुजुर्गों का डॉक्टर होते हुए उन्होंने कई बार लोगों का यह दर्द महसूस किया है कि जब बीमारियों का इलाज लंबा चलता है तो सेवा न कर पाने या छुट्टी के अभाव में मौजूद न रह पाने के चलते बच्चों को कितनी आत्मग्लानि झेलनी पड़ती है. वहीं कई बार अभिभावकों के लिए वे हिम्मत जुटाते भी हैं तो उन्हें प्राइवेट नौकरी (Private Jobs) से हाथ धोना पड़ जाता है. कम से कम डिमेंशिया, कैंसर (Cancer), स्ट्रोक (Stroke) आदि बीमारियां जिनका इलाज लंबे समय तक चलता है ऐसे मरीजों के परिजनों को पेंरट्स केयर लीव मिलनी चाहिए.
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Can you please help&support the#parents care leaves just like Child care leaves atleast for long term illnesses like Stroke,Dementia,Cancer etc to give them a chance to serve in difficult times @mansukhmandviya @neeleshmisra @ANI pic.twitter.com/XcSfNRwnHv— Dr. Vijay Gurjar (@docvjg) December 26, 2021
डॉ. कहते हैं कि सरकारी या प्राइवेट नौकरी में अगर बड़े अधिकारियों को छोड़ दें, जिनके पास सुविधा-संपन्न अस्पतालों में इलाज कराने की व्यवस्था होती है, तो बाकी अधिकांश लोगों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में बहुत जरूरी है कि ऐसी नीति जरूर बने कि लोग अपने बुजुर्गों की देखभाल बिना छुट्टी की फिक्र के कर सकें और उनका रोजगार भी न छिने. बुजुर्ग इस समाज और देश के लिए जरूरी हैं. वृद्धावस्था एक तो पहले ही बीमारी के चलते लाचार बना देती है वहीं फिर देखभाल के लिए अपनों का न होना पीड़ादायक होता है.
भारत में ये है चाइल्ड केयर लीव का प्रावधान
देश में महिला कर्मी या एकल पुरुष कर्मचारी के लिए पूरे सेवाकाल में अपने पहले दो अवयस्क बच्चों (18 वर्ष से कम) की देखभाल, शिक्षा या स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों के लिए 730 दिन का वेतन सहित चाइल्ड केअर लीव का प्रावधान है. हालांकि ये छुट्टी अधिकार के तौर पर नहीं मांगी जा सकती. छुट्टी देने वाले सक्षम पदाधिकारी की स्वीकृति के बाद ही दी जा सकती है. वहीं साल में 3 बार से ज्यादा ये छुट्टी नहीं ली जा सकती. इन्हें कर्मचारी के खाते में मौजूद छुट्टियों में से नहीं घटाया जा सकता. सीसीएल को पेटर्निटी लीव (Paternity Leave), मैटर्निटी लीव, अर्न लीव (Earn Leave) या हाफ पे लीव के साथ भी लिया जा सकता है. एकल पुरुष अभिभावक को भी अब सीसीएल (CCL) मिल सकती हैं.
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