हरियाणा, महाराष्ट्र के बाद अब दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी BJP, केजरीवाल को घेरने की तैयारी!

महाराष्ट्र और हरियाणा में बीजेपी की वापसी के बाद पार्टी ने अब दिल्ली को लेकर भी गंभीरता दिखानी शुरू कर दी है.
दिल्ली बीजेपी (BJP) मुख्यालय में कई दिग्गजों की मौजूदगी में भूमि पूजन का कार्यक्रम संपन्न हुआ. इस भूमि पूजन समारोह में दिल्ली बीजेपी के प्रभारी और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू (Shyam Jaju), केंद्रीय मंत्री और दिल्ली के चुनाव सह प्रभारी हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri), बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी (Manoj Tiwari), केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन (Dr. Harshvardhan) सहित कई सांसदों ने भाग लिया.
- News18Hindi
- Last Updated: October 30, 2019, 4:02 PM IST
नई दिल्ली. हरियाणा (Haryana) और महाराष्ट्र (Maharashtra) विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद बीजेपी (BJP) की नजर अब दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election) पर है. पार्टी नेता इसकी तैयारियों में जुट गए हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए बुधवार को पंत मार्ग स्थित दिल्ली बीजेपी मुख्यालय पर कई दिग्गजों का जमावड़ा लगा. मौका था आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी कार्यालय के भूमि पूजन का. भूमि पूजन के बाद पार्टी के कई दिग्गजों ने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी कार्यकर्ता आम आदमी पार्टी की सरकार के झूठ का पर्दाफाश करेंगे. सवाल उठता है कि क्या बीजेपी ने केजरीवाल सरकार (Kejriwal Government) पर चुनावी हमले को लेकर कोई रणनीति बना रखी है? बीजेपी ने दिल्ली जीतने के लिए कौन सा प्लान तैयार किया है?
दिल्ली बीजेपी दफ्तर में 30 अक्टूबर को सुबह 10 बजे पार्टी के कई दिग्गजों की मौजूदगी में भूमि पूजन का कार्यक्रम संपन्न हुआ. इसमें दिल्ली बीजेपी के प्रभारी और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू, केंद्रीय मंत्री और दिल्ली के चुनाव सह प्रभारी हरदीप सिंह पुरी, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी, केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन सहित कई सांसदों ने भाग लिया. इन नेताओं ने कहा कि भ्रष्ट, नॉन परफॉर्मिंग और विजनलेस आप सरकार को उखाड़ने की शुरुआत हो गई है.

बता दें कि हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव संपन्न होने के बाद अब बीजेपी की निगाहें दिल्ली और झारखंड विधानसभा चुनावों पर हैं. जिसकी घोषणा होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं. अगर बात दिल्ली की करें तो आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस ये तीन राजनीतिक पार्टियां हैं, जिनका जनाधार दिल्ली में है या रहा है. बीते कुछ माह में अरविंद केजरीवाल ने जिस तरह से वोटर को फोकस करके काम किया है उससे कांग्रेस और बीजेपी की नींद उड़ी हुई है. सियासी जानकारों का कहना है कि इसी दबाव में केंद्र सरकार ने हाल ही में दिल्ली की लगभग 18 हजार अवैध कॉलोनियों को वैध कर दिया है. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह फैसला आगामी चुनाव को ध्यान में रख कर लिया गया है.जानकारों का मानना है कि अभी तक दिल्ली में केजरीवाल विरोध का फॉर्मूला कोई भी राजनीतिक दल नहीं खोज पाया है. केजरीवाल सरकार ने जिस तरह से दिल्ली में आम आदमी से जुड़े मुद्दों को पकड़ा है, उसकी काट खोजना विपक्षी पार्टियों के लिए आसान नहीं है.

ऐसे में सवाल यह उठता है कि पिछले लगभग पांच साल से दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी ही सत्ता में वापसी करेगी या फिर उसका लोकसभा चुनाव जैसा हाल होने वाला है. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि दिल्ली विधानसभा का परिणाम चौकाने वाला नहीं होगा. कांग्रेस दिल्ली में कोई बड़ा रोल अदा करे इसकी संभावना कम नजर आ रही है. बीजेपी और आप के बीच ही मुकाबला होगा. कांग्रेस की स्थिति ऐसी नहीं है कि वह दिल्ली में सरकार बनाने का सपना देख सके. हां बीजेपी और आप के बीच कड़ा मुकाबला होने पर वह सरकार बनाने में अहम रोल अदा कर सकती है.

केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के स्कूलों में जिस तरह का सुधार किया है, उसका दिल्ली के लोग तारीफ कर रहे हैं. वहीं बिजली को लेकर दिल्ली में जो कुछ भी किया गया है, उससे आम आदमी पार्टी को वोट मिलने में आसानी हो सकती है.
बता दें कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त कर दी है. अगर किसी व्यक्ति का बिल 200 यूनिट के अंदर आएगा तो उसे अब कोई चार्ज नहीं देना पड़ेगा. महिलाओं को डीटीसी और क्लस्टर बसों में फ्री राइड की सुविधा कुछ ऐसी कल्याणकारी योजना है, जिसकी काट न तो बीजेपी के पास है और न कांग्रेस के पास.
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दिल्ली बीजेपी दफ्तर में 30 अक्टूबर को सुबह 10 बजे पार्टी के कई दिग्गजों की मौजूदगी में भूमि पूजन का कार्यक्रम संपन्न हुआ. इसमें दिल्ली बीजेपी के प्रभारी और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू, केंद्रीय मंत्री और दिल्ली के चुनाव सह प्रभारी हरदीप सिंह पुरी, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी, केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन सहित कई सांसदों ने भाग लिया. इन नेताओं ने कहा कि भ्रष्ट, नॉन परफॉर्मिंग और विजनलेस आप सरकार को उखाड़ने की शुरुआत हो गई है.

दिल्ली बीजेपी दफ्तर में 30 अक्टूबर को सुबह 10 बजे कई दिग्गजों की मौजूदगी में भूमि पूजन का कार्यक्रम संपन्न हुआ.
बता दें कि हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव संपन्न होने के बाद अब बीजेपी की निगाहें दिल्ली और झारखंड विधानसभा चुनावों पर हैं. जिसकी घोषणा होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं. अगर बात दिल्ली की करें तो आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस ये तीन राजनीतिक पार्टियां हैं, जिनका जनाधार दिल्ली में है या रहा है. बीते कुछ माह में अरविंद केजरीवाल ने जिस तरह से वोटर को फोकस करके काम किया है उससे कांग्रेस और बीजेपी की नींद उड़ी हुई है. सियासी जानकारों का कहना है कि इसी दबाव में केंद्र सरकार ने हाल ही में दिल्ली की लगभग 18 हजार अवैध कॉलोनियों को वैध कर दिया है. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह फैसला आगामी चुनाव को ध्यान में रख कर लिया गया है.जानकारों का मानना है कि अभी तक दिल्ली में केजरीवाल विरोध का फॉर्मूला कोई भी राजनीतिक दल नहीं खोज पाया है. केजरीवाल सरकार ने जिस तरह से दिल्ली में आम आदमी से जुड़े मुद्दों को पकड़ा है, उसकी काट खोजना विपक्षी पार्टियों के लिए आसान नहीं है.

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ऐसे में सवाल यह उठता है कि पिछले लगभग पांच साल से दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी ही सत्ता में वापसी करेगी या फिर उसका लोकसभा चुनाव जैसा हाल होने वाला है. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि दिल्ली विधानसभा का परिणाम चौकाने वाला नहीं होगा. कांग्रेस दिल्ली में कोई बड़ा रोल अदा करे इसकी संभावना कम नजर आ रही है. बीजेपी और आप के बीच ही मुकाबला होगा. कांग्रेस की स्थिति ऐसी नहीं है कि वह दिल्ली में सरकार बनाने का सपना देख सके. हां बीजेपी और आप के बीच कड़ा मुकाबला होने पर वह सरकार बनाने में अहम रोल अदा कर सकती है.

केजरीवाल की क्या काट निकालेंगी पार्टियां
केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के स्कूलों में जिस तरह का सुधार किया है, उसका दिल्ली के लोग तारीफ कर रहे हैं. वहीं बिजली को लेकर दिल्ली में जो कुछ भी किया गया है, उससे आम आदमी पार्टी को वोट मिलने में आसानी हो सकती है.
बता दें कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त कर दी है. अगर किसी व्यक्ति का बिल 200 यूनिट के अंदर आएगा तो उसे अब कोई चार्ज नहीं देना पड़ेगा. महिलाओं को डीटीसी और क्लस्टर बसों में फ्री राइड की सुविधा कुछ ऐसी कल्याणकारी योजना है, जिसकी काट न तो बीजेपी के पास है और न कांग्रेस के पास.
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