किसानों के 'भारत बंद' को वकीलों का समर्थन, दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में रखा काम ठप

तीस हजारी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि किसानों के प्रदर्शन पर सरकार का रवैया चिंताजनक है. वकील किसानों का समर्थन करते हैं और उनके साथ खड़े हैं. कृषि कानून, किसानों और वकीलों दोनों के लिए उचित नहीं है.
तीस हजारी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि किसानों के प्रदर्शन पर सरकार का रवैया चिंताजनक है. वकील किसानों का समर्थन करते हैं और उनके साथ खड़े हैं. कृषि कानून, किसानों और वकीलों दोनों के लिए उचित नहीं है.
- News18Hindi
- Last Updated: December 8, 2020, 10:24 PM IST
नई दिल्ली. नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) के विरोध में किसानों का आज यानी मंगलवार को 'भारत बंद' (Bharat Bandh) है. कांग्रेस समेत देश भर के बीस से ज्यादा राजनीतिक दलों ने किसानों के बंद को अपना समर्थन दिया है. प्रदर्शनकारी किसानों को अब इसमें वकीलों का साथ मिला है. किसानों के भारत बंद के समर्थन में ऑल इंडिया लॉयर्स एसोसिएशन (All India Lawyers Association) ने दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट (Tis Hazari Court) में काम बंद रखा है.
तीस हजारी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि किसानों के प्रदर्शन पर सरकार का रवैया चिंताजनक है. वकील किसानों का समर्थन करते हैं और उनके साथ खड़े हैं. कृषि कानून, किसानों और वकीलों दोनों के लिए उचित नहीं है.
बता दें कि नए कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब-हरियाणा समेत अन्य राज्यों के किसान पिछले तेरह दिन से दिल्ली और उसके बॉर्डर पर डटे हुए हैं. प्रदर्शनकारी किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती तो आंदोलन तेज किया जाएगा और दिल्ली आने वाले तमाम मार्गों को रोक दिया जाएगा.
कृषि कानूनों को निरस्त (रद्द) करने की मांग पर अड़े किसानों और केंद्र सरकार के बीच पांच दौर की बातचीत हो चुकी है. मगर इस गतिरोध को खत्म करने को लेकर अभी तक कोई सहमति नहीं बन सकी है. सरकार ने किसानों के प्रतिनिधियों को छठे दौर की बातचीत के लिए नौ दिसंबर को बुलाया है.
तीस हजारी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि किसानों के प्रदर्शन पर सरकार का रवैया चिंताजनक है. वकील किसानों का समर्थन करते हैं और उनके साथ खड़े हैं. कृषि कानून, किसानों और वकीलों दोनों के लिए उचित नहीं है.
Delhi: All India Lawyers' Union protests at Tis Hazari District Court, in support of #BharatBandh
"Govt’s response to protest is a matter of concern. Legal fraternity stands with farmers. These laws are neither in favour of farmers nor of lawyers,” says Tiz Hazari Bar assn pres pic.twitter.com/REjFLNB66W— ANI (@ANI) December 8, 2020

कृषि कानूनों को निरस्त (रद्द) करने की मांग पर अड़े किसानों और केंद्र सरकार के बीच पांच दौर की बातचीत हो चुकी है. मगर इस गतिरोध को खत्म करने को लेकर अभी तक कोई सहमति नहीं बन सकी है. सरकार ने किसानों के प्रतिनिधियों को छठे दौर की बातचीत के लिए नौ दिसंबर को बुलाया है.