नई दिल्ली. सालों से दिल्ली में रह रही हैं अफगानी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कुछ NGO ने मिलकर बड़ी पहल की है. इन NGO के सहयोग से अफगानी महिलाओं को सेनेटरी नेपकिन बनाना सिखाया जा रहा है, ताकि भविष्य में उनको रोजगार का एक जरिया मिल सके. दिल्ली के मालवीय नगर में यूनाइटेड नेशन डेवलेपमेंट प्रोग्राम(UNDP) और कुछ NGO ने मिलकर इन अफगान महिलाओं के लिए वर्कशॉप रखी है.
करीब 25-30 अफगान मूल की महिलाओं को 6,7 और 8 सितंबर को तीन दिन तक वर्कशॉप में पैड बनाने की ट्रेनिंग दी जाएगी. पैड बनाने वाली संस्था कामख्या फाउंडेशन इन्हें इको फ्रेंडली रीयूज़बल पैड बनाना सिखा रहा है. ये पैड न सिर्फ ये महिलाएं इस्तेमाल कर सकती हैं, बल्कि इन्हें बेचकर रोज़गार का एक जरिया भी उन्हें मिल सकता है. अफगान महिलाओं के बनाये पैड को कामख्या फाउंडेशन इनसे खरीदेगा भी. वहीं, वर्कशॉप में ट्रेनिंग ले रही अफगान मूल की महिलाओं ने कहा कि इस वर्कशॉप से हमें वित्तीय मदद मिलेगी. अफगानिस्तान में जिस तरह के हालात बन रहे हैं, वहां महिलाओं को काम करने की आज़ादी नहीं है. तालिबान के राज में वो कभी भी अफगानिस्तान नहीं लौटेंगी.
अभी हम 30 महिलाओं को सिखाएंगे
मालवीय नगर में अफगान महिलाएं के लिए पीस बिल्डिंग और NGO ने विशेष वर्कशॉप आयोजित करवाई है. जिन्हें अफगान महिलाओं को काम सिखाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए UNDP से ग्रांट मिलती है. उन्होंने बताया कि इन्हें रोज़गार के अवसर मुहैया करवाने का मकसद है. अभी हम 30 महिलाओं को सिखाएंगे. आगे इसे बढ़ाएंगे भी. इन महिलाओं के पास यहां कोई जॉब नहीं है. यही एक तरीका रोज़गार का है. उन्होंने बताया कि अभी अफगानिस्तान में तालिबान है. ऐसे में वहां पर इनकी लाइफ जोखिम में थी. उन्होंने कहा कि ये वो महिलाएं हैं जो अफगानिस्तान में तालिबान के डर से अपना सबकुछ छोड़कर दिल्ली में रह रही हैं. हमारा ये दायरा और बढ़ेगा जो अभी लोग आ रहे हैं हम उन्हें भी सिखाएंगे.
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